जयपुर। खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया ने खनिज विभाग की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी की एमनेस्टी योजना लागू करने की घोषणा की है। उन्होेंने बताया कि एमनेस्टी योजना में राज्य सरकार ने खनन पटृटाधारकों, ठेकाधारकों, सीमित अवधि के परमिटधारकों, रायल्टी बकायाधारकों, निर्माण ठेकेदारों आदि को बड़ी राहत दी है वही इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होगी और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।
खान व पेट्रोलियम मंत्री श्री भाया ने बताया कि योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत से कम से कम 30 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। जिन बकायादारों द्वारा पूर्व में ही मूल राशि जमा करा दी गई है और केवल ब्याजराशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि माफ करने के लिए संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता को अधिकृत कर दिया गया है।
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बताया कि विभाग की एमनेस्टी योजना तत्काल प्रभाव से तीन माह के लिए लागू की गई है। खनिज विभाग की एमनेस्टी योजना में 31 मार्च, 2019 तक डेडरेंट (स्थिरभाटक), सरचार्ज, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों, सीमित अवधि के परमिट, निर्माण विभाग के ठेकेदारों आदि मेंं बकाया व विभाग के अन्य बकाया राशि के प्रकरणों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बकायाधारकोंं द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करानी होगी।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि खनिज विभाग की एमनेस्टी योजना 24 सितंबर से लागू कर दी गई है। इस योजना में 31 मार्च 80 तक के बकाया की मामलों में 10 प्रतिशत राशि जमा कराने, एक अप्रेल 80 से मार्च 90 तक की बकाया के मामलों में 20 प्रतिशत, एक अप्रेल 90 से 31 मार्च 2000 तक की बकाया के मामलों में 30 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर शेष मूल राशि माफ की जाएगी। इसी तरह से एक अप्रेल 2000 से 31 मार्च 2010 तक के मामलों में 50 प्रतिशत व एक अप्रेल 2010 से 31 मार्च 2019 तक के मामलों में 70 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष बकाया मूल राशि व ब्याज माफ किया जा सकेगा। इसी तरह से आरसीसी व ईआरसीसी ठेकों की बकाया राशि के 31 मार्च 2011 तक के बकाया मामलों में खण्डित ठेकों में 50 प्रतिशत और पूर्ण ठेका अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 60 प्रतिशत जमा करानी होगी।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक अप्रेल 2011 से 31 मार्च 2019 तक के बकाया मामलों में खण्डित ठेकों में 70 प्रतिशत और पूर्ण ठेका अवधि तक प्रभावशील ठेकों में 80 प्रतिशत मूल राशि जमा करानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमनेस्टी योजना के आदेश जारी होने की तिथि के बाद शेष बकाया पर ही यह योजना लागू होगी और इससे पूर्व जमा कराई गई राशि का समायोजन नहीं होगा।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सीमित अवधि के परमिटधारकों व निर्माण विभाग के ठेकेदारों द्वारा 31 मार्च 19 तक पेनल्टी राशि के मांग के प्रकरणों में वास्तविक देय रॉयल्टी की तीन गुणा राशि अर्थात दो गुणा अतिरिक्त राशि जमा कराने पर शेष मूल राशि और पूरी ब्याज की राशि माफ की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा 10 फरवरी 2015 की अधिसूचना से 31 प्रधान खनिजों को अप्रधान खनिज घोषित किया गया है, इनके 10 फरवरी 15 से पहले के प्रकरणों में यह योजना लागू नहीं होगी।
निदेशक माइन्स केबी पण्ड्या ने बताया कि योजना प्रावधानों के अनुसार योजना अवधि में निर्धारित राशि जमा कराने पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना की क्रियान्विति की पाक्षिक आधार पर समीक्षा की जाएगी और संबंधित खनि अभियंता, सहायक खनि अभियंता निर्धारित प्रपत्र में वित्तीय सलाहकार को प्रगति रिपोर्ट प्रेषित करेंगे। संयुक्त सचिव माइन्स श्री ओम कसेरा ने बताया कि विभागीय बकाया एवं ब्याजमाफी योजना 2020-21 के प्रशासनिक आदेश जारी कर दिए हैं। यह योजना तीन माह के लिए प्रभावी रहेगी।