जयपुर। प्रदेश (Rajasthan) को स्वच्छता की सौगात देने के पश्चात रविवार को गुलाबीनगरी (Jaipur) में रविवार को डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के श्रद्धालुओं का एक बार से जनसैलाब उमड़ पड़ा, मौका था डेरे के दौलतपुरा स्थित रूह-ए-सुख आश्रम सहित जयपुर शहर के एक साथ सात स्थानों पर पावन भंडारे का। नशे रुपी दैत्य को जड़ से उखाड़ फेंकने और इंसान के अंदर की सफाई के लिए डेरा सच्चा सौदा की ओर से रूहानियत से सरोबार अनूठा कार्यक्रम हुआ।

इसमें एक साथ लाखों लोगों ने पूज्य गुरु जी द्वारा शुरु की गई डेप्थ मुहिम से प्रेरित होकर जयपुर सहित पूरे राज्य से नशों को खत्म करने का संकल्प लिया। मरु प्रदेश की साध-संगत द्वारा परम पिता शाह सतनाम जी महाराज के एमएसजी महा रहमोकर्म माह के शुभ भंडारे में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां यूपी के शाह सतनाम आश्रम बरनावा से वर्चुअली जुड़े और साध-संगत को अपने पावन वचनों से निहाल किया।
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इस भंडारे में राजस्थान प्रदेश के कोने-कोने से भारी तादाद में साध-संगत पहुंची। जिनके लिए जयपुर शहर में सात अलग-अलग सत्संग पंडाल बनाए गए, जिनमें स्टेच्यू सर्किल, हाउसिंग बोर्ड ग्राउंड, शिप्रा पथ थाने के सामने, मानसरोवर, विद्याधरनगर स्टेडियम, सांगानेर पुलिया के नजदीक रेलवे स्टेशन, रूह-ए-सुख आश्रम, दौलतपुरा, जयपुर, सांगानेर स्टेडियम व चौखी ढाणी के पास, बीलवा जयपुर शामिल रहे।
साध-संगत के पूज्य गुरु जी के प्रति अटूट प्रेम, श्रद्धा और विश्वास के आगे प्रबंधन द्वारा किए गए सारे प्रबंध छोटे पड़ गए। रूहानी सत्संग शुरु होने से पूर्व ही सभी पंडाल साध-संगत से खचाखच भर गए और सत्संग समाप्ति तक साध-संगत का आना अनवरत जारी रहा । इसके साथ ही आश्रम की ओर आने वाले सभी मार्गों पर जहां तक नजर जा रही थी, साध-संगत का जन सैलाब नजर आ रहा था।

एमएसजी भंडारे का आगाज पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा के पवित्र नारे के रूप में बधाई के साथ हुआ। इसके पश्चात कविराजों ने विभिन्न भक्तिमय भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का गुणगान किया।
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राजस्थानी भजन ‘प्यारे, प्यारे, म्हारे प्यारे गुरू जी जान से प्यारा म्हारा गुरू जी…’ पर झूम उठे श्रद्धालु
एमएसजी महारहमोकर्म शुभ भंडारे की बधाई देते हुए पूज्य गुरूजी ने राजस्थानी भजन ‘प्यारे, प्यारे, म्हारे प्यारे गुरू जी जान से प्यारा म्हारा गुरू जी…’ सुनाकर उपस्थित जनसमूह को झूमने पर विवश कर दिया। पूज्य गुरूजी ने फरमाया कि मनुष्य को कर्मयोगी होने के साथ-साथ ज्ञान योगी भी होना चाहिए, क्योंकि ज्ञान होगा तब ही इन्सांन अच्छे कर्म कर सकेगा। मनुष्य को सुबह भगवान का नाम लेने के पश्चात हक हलाल की कमाई करते हुए इन्सानियत के भले के लिए कार्य करना चाहिए।

पूज्य गुरूजी ने कहा कि मनुष्य को मिला जीवन जिंदगी पर आधारित न होकर श्वासों पर आधारित होता है और यह नशा करने वाले व्यक्ति के तेजी से आने वाले श्वांस उसकी आयु को कम कर देते हैं, जिससे कई वह अकाल मौत का शिकार भी हो जाता है। पूज्य गुरूजी ने भगवान के समक्ष समाज के युवाओं पर कृपा कर नशे से दूर करने की अरदास की।
पूज्य गुरूजी ने कहा कि इन्सांन के भले के लिए प्रकृति द्धारा पैदा की गई जड़ी बूटियों को शैतान बने इन्सांन से नशीले पदार्थों का रूप दे दिया और इन्हीं असीमित सेवन से बेमौत मर रहा है, इसलिए सभी नशे से रहित जीवन जीना चाहिए। सत्संग के दौरान उपस्थित नशा छोड़ने के अभिलाषी युवक-युवतियों के साथ-साथ साध-संगत को भी नशे से दूर रहने व समाज को नशामुक्त करने की शपथ दिलवायी।
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पूज्य गुरूजी ने फरमाया कि हमारी रूचि केवल समाज का भला करना ही है इसके अलावा हमारा कोई मकसद नहीं है। न मान बड़ाई की चाह है और न कभी राज की चाह रही है। हमारे में बचपन से समाज भलाई का जुनुन है और यह पूज्य गुरूजी रहमत से बढता ही जा रहा है। समाज की भलाई करते रहना ही हमारा मकसद बन गया है। हमारी परम पिता से अरदास है कि सभी धर्मों के लोग आपसे में प्रेम-भाव से रहें। ऊंच-नीच का भेद मिट जाए और लोग भगवान का नाम जपने के साथ-साथ इन्सानियत की भलाई के लिए प्रेम पूर्वक कार्य करते रहें।

बाल विवाह रोकने का किया आह्वान
पूज्य गुरूजी ने सत्संग के दौरान बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति को खत्म करने का आह्वान किया, जिस पर उपस्थित साध-सगंत ने हाथ उठाकर संकल्प लिया।
गरीब परिवार को बनाकर दिया आशियाना
इस दौरान पूज्य गुरूजी ने डेरा सच्चा सौदा की आशियान मुहीम के तहत श्रीगंगानगर जिले के ब्लॉक समेजा कोठी की साध-साध द्धारा चक 37 पीएस निवासी राजकौर पत्नी बलवीर सिंह को बनाकर दिए गए मकान की चाबी सौंपी। दूर-दराज से आयी संगत के लिए विशेष प्रसाद व लंगर वितरित किया गया। साथ ही पूज्य गुरूजी द्धारा स्वरबद्ध भजन लांच किया गया। वहीं, सामाजिक बुराईयों से मुक्त होने के लिए हजारों की संख्या में लोगों ने गुरमंत्र लिया।
राजस्थानी संस्कृति की छठा बिखरते हुआ भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम
इससे पहले पूज्य गुरूजी के स्वागत के लिए राजस्थानी छठा बिखरते हुए भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ। इसमें शाह सतनाम जी थारा म्हारी गली में आया सहित राजस्थानी संस्कृति से जुड़े गीत पर सात अलग-अलग नृत्य प्रस्तुत किए गए, जिसमें कच्छी घोड़ी व कठपुतली नृत्य मुख्य आकर्षण थे।
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