IMC Digital Technology IT Awards 2020 : जयपुर। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, राजस्थान (Department of Information Technology and Communication Rajasthan) के राजमास्टर्स प्रोजेक्ट तथा दस्तावेज सत्यापन और प्रमाणीकरण इंजन प्रोजेक्ट (RajMasters and Document Verification & Authentication Engine Project) को आईएमसी डिजिटल टेक्नोलॉजी आइटी अवॉर्ड्स 2020 ( IMC Digital Technology IT Awards 2020) में दो पुरस्कार मिले हैं।
IMC Digital Technology IT Awards 2020 राजमास्टर्स् प्रोजेक्ट
राजमास्टर्स् प्रोजेक्ट (RajMasters Project) को ‘बेस्ट प्रोजेक्ट इन द कंट्री विदिन द एंड यूजर आर्गेनाइजेशन—गवर्नमेंट’ के पुरस्कार से नवाजा गया है, जबकि दस्तावेज सत्यापन और प्रमाणीकरण इंजन प्रोजेक्ट को ‘एंड यूजर कैटेगरी— गवर्नमेंट’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार समारोह ऑनलाईन वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आयोजित किया गया।
प्रमुख शासन सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग आलोक गुप्ता ने उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए विभाग के नवाचारों की सराहना की है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रणालियों को अगले स्तर पर बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है।
क्या है राजमास्टर्स प्रोजेक्ट? RajMasters Project
राजमास्टर्स सभी मास्टर्स डेटा के प्रबंधन, वितरण और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत रिपोजिटरी डेटा हब है, इसका उपयोग विभिन्न विभागों/परियोजनाओं की एप्लिकेशन में किया जाता है। यह पोर्टल एक ही स्थान पर संबंधित विभागों के मास्टर डेटा को जोड़ने, अद्यतन करने और हटाने के लिए एक एकीकृत वातावरण प्रदान करता है।
प्रभारी अधिकारी राजमास्टर्स, रणवीर सिंह ने बताया कि इस एप्लिकेशन ने मास्टर डेटा प्रबंधन को आसान बना दिया है। इस प्रणाली से पहले, व्यक्तिगत अनुप्रयोगों में मास्टर्स के प्रबंधन में भारी प्रयास किए गए थे। राजमास्टर्स ने मास्टर्स से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर दिया है और अब विभिन्न एप्लिकेशन के लिए मास्टर्स को अलग से प्रबंधन और रखरखाव की कोई आवश्यकता नहीं है।
मास्टर्स को एक ही स्थान पर प्रबंधित किया जाता है और वेब सेवाओं के माध्यम से विभिन्न आईटी ऐप्लीकेशंस में वितरित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सॉफ्टवेयर अनुप्रयोगों को विकसित करने में बहुत प्रयास, लागत और समय की बचत होती है। राजमास्टर्स सिस्टम राज्य के 150 से अधिक मास्टर्स का प्रबंधन करता है जिसमें पंचायतीराज, राजस्व और स्थानीय स्वायत शासन विभाग आदि शामिल हैं।
क्या है दस्तावेज सत्यापन और प्रमाणीकरण इंजन प्रोजेक्ट?
दस्तावेज सत्यापन सिस्टम एक G2G (सरकार से सरकार) श्रेणी का पोर्टल है, जहां विभागीय नोडल अधिकारी विभिन्न योजनाओं में आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की प्रमाणिकता को सत्यापित कर सकते हैं। सिस्टम विभागीय डेटाबेस पर निर्मित वेब सेवाओं के माध्यम से डेटा के स्रोत के विरुद्ध दस्तावेज़ों का सत्यापन करता है।
इस प्रणाली ने 20 प्रकार के दस्तावेजों को एकीकृत किया है, इनमें से कुछ बोनाफाइड, जाति, जन्म, विवाह, मृत्यु, आधार, जन-आधार, पैन, डीएल, आरसी, मतदाता पहचान पत्र, राज बोर्ड 10वीं, 12वीं मार्कशीट हैं।
Department of Information Technology and Communication, Rajasthan has received two awards for its RajMasters and Document Verification & Authentication Engine Project in the IMC Digital Technology IT Awards 2020. We strive for a digitally forward state.#DoITC #ITAwards2020 #IMC pic.twitter.com/SKw4KUhCFn
— Dept of IT&C, Raj (@DoITCRaj) June 18, 2021
प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता ने बताया कि अब इस प्रणाली को अगले स्तर पर बढ़ाने का काम शुरू कर दिया गया है और यह प्रणाली जी2सी श्रेणी में भी उपलब्ध होगी। डिजिटल (Digital) पहचान यानी जन आधार के साथ निवासियों के दस्तावेजों को संलग्न करने के लिए वन टाइम वेरिफिकेशन (ओटीवी) पोर्टल (OTP Portal) विकसित किया जा रहा है। वन टाइम वेरिफिकेशन सिस्टम जारी करने वाले प्राधिकारी द्वारा विधिवत सत्यापित दस्तावेजों को राज ईवॉल्ट में पुश करेगा।
राज ईवॉल्ट सिस्टम को मजबूत करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। विभिन्न सरकारी योजनाओं और भर्तियों में लाभ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को अब आवेदन करते समय अपने दस्तावेजों को संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह प्रणाली प्रभावी और कागज रहित सरकार की ओर एक कदम है।
वर्तमान में विभिन्न योजनाओं में जमा किए गए दस्तावेजों के सत्यापन में बहुत समय व प्रयास लगता है जिससे विभिन्न योजनाओं के आवेदकों को मिलने वाले लाभों में देरी होती है।
IMC Digital Technology IT Awards 2020 सरकारी तंत्र को प्रभावी तथा पारदर्शी करेंगे
इस प्रणाली के लागू होने के बाद, दस्तावेजों के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि दस्तावेजों को सत्यापित स्रोत यानी राज ईवॉल्ट से लिया जाएगा। यह प्रणाली लागत और समय को कम करेगी साथ ही सरकारी तंत्र को प्रभावी तथा पारदर्शी बनाएगी।