जयपुर। ए हेल्प योजना के तहत पशु सखियों के लिए चल रहे 16 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज गुरुवार को राजस्थान पशुधन प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान, जामडोली में समापन हुआ। इस अवसर पर ग्रामीण विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के राष्ट्रीय अकादमी द्वारा पशु सखियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इससे पहले अकादमी ने उनकी परीक्षा ली जिसमें सभी पशु सखियां सफल हुईं। उत्कृष्ट पांच पशु सखियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि ए- हेल्प योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और पशुधन उत्पादन के विस्तार के लिए मान्यता प्राप्त अभिकर्ता को स्थापित करना है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए ए- हेल्प योजना केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है। उत्तर भारत में इस योजना को लागू करने वाला राजस्थान दूसरा प्रदेश है।
इस योजना के माध्यम से पशु सखियों की एकजुटता से पशुपालकों से जुड़ने पर न केवल पशुधन उत्पादों में वृद्धि होगी बल्कि पशुपालकों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। पशु सखियों के माध्यम से पशुपालकों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी मिलेगी और उसके उपयोग से वे अपनी आर्थिक स्थिति को और मजबूत बना पाएंगे। साथ ही पशु सखियां प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने क्षेत्र में स्वयं को और ज्यादा सक्षम बन पाएंगी। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर ये पशु सखियां आने वाले दिनों में अपने अपने क्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगी और पशुपालकों को इनसे काफी सहयोग मिलेगा।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास और स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की राष्ट्रीय अकादमी के प्रतिनिधि शशि यादव और डॉ अनिल चोटिया, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की डॉ अल्का चौधरी, राजस्थान पशुधन प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉ फतेहलाल तथा कार्यक्रम के संयोजक डॉ दीपक आसीवाल उपस्थित थे।