राजस्थानी भाषा के साहित्यकारों का बनेगा डेटा बेस

Rajasthani language Data base will be made by government soon

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Rajasthani language Data base will be made by government soon

Rajasthani language Data base : बीकानेर। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर का वेबिनार आयोजित किया जाएगा। वहीं युवाओं तक राजस्थानी भाषा और साहित्य की पहुंच बनाने के उद्देश्य से सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जाएगा। राजस्थानी भाषा के लेखकों का डेटा बेस बनेगा और अकादमी द्वारा अगले तीन महीनों के कार्यक्रमों का कलैण्डर तैयार किया जाएगा।

संभागीय आयुक्त एवं अकादमी अध्यक्ष डॉ. नीरज के. पवन ने बुधवार को अकादमी सभागार में राजस्थानी के साहित्यकारों से चर्चा करते हुए यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के प्रचार के लिए अकादमी द्वारा सघन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर का वेबिनार आयोजित होगा। इसमें भारत सहित विभिन्न देशों में रहने वाले राजस्थानी भाषा के हितैषियों को आमंत्रित किया जाएगा तथा उनके रचना कर्म सहित विभिन्न विषयों पर पूरे दिन चर्चा होगी।

बनेगा त्रैमासिक कलैण्डर

अकादमी अध्यक्ष ने कहा कि अगले तीन महीनों तक आयोजित होने वाली गतिविधियों का कलैण्डर तैयार किया जाएगा। इस दौरान राजस्थानी के दिवंगत साहित्यकारों की स्मृति में भी कार्यक्रमों का आयोजन होगा। वहीं राजस्थानी भाषा दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि अकादमी की पत्रिका ‘जागती जोत’ को स्कूलों तक पहुंचाने के संबंध में शीघ्र ही शिक्षा निदेशक और समसा निदेशक को पत्र लिखे जाएंगे।

तैयार होगा डेटा बेस

संभागीय आयुक्त ने कहा कि राजस्थानी भाषा की विभिन्न विधाओं में सृजन करने वाले साहित्यकारों का डेटा बेस तैयार किया जाएगा। वहीं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर भाषा, साहित्य एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए अकादमी द्वारा विशेष प्रयास किए जाएंगे। युवाओं खासकर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को राजस्थानी में सृजन करने के लिए उचित मंच प्रदान किया जाएगा।

अकादमी सचिव शरद केवलिया ने बताया कि अकादमी की मासिक पत्रिका जागती जोत के अनेक विशेषांक प्रकाशित किये गये हैं, साथ ही अकादमी की ओर से समय-समय पर ऑनलाइन व ऑफलाइन संगोष्ठियां, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाते हैं।

वरिष्ठ कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बीकानेर की साहित्य परम्परा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बीकानेर के अनेक साहित्यकारों ने देशभर में विशिष्ट पहचान बनाई है। युवा साहित्यकार भी इस परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर डॉ. पवन को साहित्यकारों द्वारा साफा, शॉल, पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ. शंकर लाल स्वामी, कमल रंगा, सुधा आचार्य, डॉ. अजय जोशी, राजाराम स्वर्णकार, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, हरिशंकर आचार्य, डॉ. मिर्जा हैदर बेग, डॉ. मोहम्मद फारूक, सुशील छंगाणी, सुनील गज्जाणी, केशव जोशी, मीतू पोपली, कान सिंह, मनोज मोदी, नवरतन जोशी उपस्थित थे।

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