राजस्थान के शिक्षा मंत्री पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्री पद से मुक्त रखा जाए : शेखावत

Rajasthan Congress chief Dotasra Relative wrongdoing in selection of kin to RAS : BJP Leader Shekhawat

RAS Exam, BJP Leader, Rajasthan,  Congress, Govind Singh Dotasara,

बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एडवोकेट सुरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान (Congress) कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) के रिश्तेदारों को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा संपन्न हुई आरएएस भर्ती 2018 (RAS Exam 2018) की साक्षात्कार प्रक्रिया संदेह के घेरे में है।

शिक्षा मंत्री दे इस्तीफा

शेखावत ने बताया कि परिजनों को अनड्यू बेनिफिट (अवांछित लाभ) देने के आरोप के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री (Education Minister) और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा देना चाहिए।

श्रीशेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से मांग कि है कि जब तक इस मामले की जांच हो तब तक शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्री पद से मुक्त रखने की मांग की है।

आरएएस 2018 भर्ती प्रक्रिया सन्देह के घेरे में

राजस्थान लोक सेवा आयोग की अभी-अभी संपन्न हुई आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा में राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा जी के निजी रिश्तेदारों के साक्षात्कार में एक समान अंक आने के दुर्लभ संयोग , आरपीएससी में कार्यरत एक कर्मचारी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की गई ट्रेप की कार्यवाही और उससे सम्बंधित आरपीएससी की एक मेम्बर पर उठ रहे सवालों तथा आज के समाचार पत्र में आरपीएससी की भर्ती से जुड़े एक दलाल के वाट्सएप चेट के उजागर होने के तथ्यों से पूरी भर्ती प्रक्रिया सन्देह के घेरे में आ गई है ।

एजेंसी की कार्यप्रणाली से उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह

सरकार ने जिस आयोग को राज्य की सेवाओं के लिए निष्पक्ष और सर्वश्रेष्ठ के चयन का जिम्मा दिया है उस एजेंसी की कार्यप्रणाली से उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है ।
राज्य सेवाओं में चयन की प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार की अनिवार्यता के चलते आरपीएससी ह(RPSC) मेशा से सवालों के घेरे में रही है और खासतौर से जब जब कांग्रेस पार्टी (Congress Party) की सरकार होती है तब तब आरपीएससी की साख पर बट्टा लगता है ।

केंद्र सरकार ने जब बहुत सी अधीनस्थ सेवाओं में इंटरव्यू की बाध्यता को समाप्त कर दिया है उसके बावजूद राज्य में आरपीएससी के द्वारा बहुत ही सेवाओं में इंटरव्यू की बाध्यता बरकरार रखी गई है। कुल मिलाकर यह आयोग भ्रष्टाचार का बड़ा केंद्र बन गया है।

हालांकि जब भूपेंद्र सिंह यादव जैसे ईमानदार अफसर को आरपीएससी का चेयरमैन बनाया था तब यह उम्मीद जगी थी कि अब आरपीएससी में योग्यतम अभ्यर्थी का ही चयन होगा लेकिन आर आर एस 2018 भर्ती परीक्षाओं के परिणामों के बाद उठे विवादों से निराशा ही हाथ लगी है। पूरी साक्षात्कार प्रक्रिया संदेह के घेरे में हैं ।

उन्होने कहा कि आरएएस परीक्षा भर्ती 2018 की न्यायिक जांच होनी चाहिए। यदि न्यायिक जांच नही होगी तो राज्यपाल, न्यायालय में अपनी बात रखेंगे।

शेखावत ने कहा कि आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा की न्यायिक जांच करवाई जाकर इसकी वास्तविक गड़बड़ियों को उजागर करने और दोषियों को दंडित किया जाए। ताकि जो मेहनतकश बच्चे योग्य सेवाओं के हकदार थे उनको वंचित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।

यह भी पढ़ें – Best Loan Apps : आसान लोन लेने के लिए ये हैं बेस्ट ऐप्स, मिलेगा 5 से 10 लाख रुपये का लोन

आरपीएससी की विकृत हो चुकी साक्षात्कार प्रक्रिया को पूर्ण रूप से समाप्त करने की मांग करते हैं। यदि अत्यधिक आवश्यक हो तो इसे पारदर्शिता पूर्वक केवल क्वालीफाइंग ही रखा जाए जिसका मेरिट पर कोई असर नहीं हो जिससे योग्यतम व्यक्ति का न्याय पूर्ण एवं निष्पक्ष चयन हो सके।

देश में राजनीतिक व्यक्तियों पर आरोप लगने पर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की समृद्ध परंपरा रही है और अपने परिजनों को अनड्यू बेनिफिट (अवांछित लाभ) देने के आरोप के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा जी का इस्तीफा न देना शर्मनाक है।

उन्होने राज्य के मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) से संबंधित प्रकरण की जांच जारी रहने तक उन्हें मंत्री पद से मुक्त करने और इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

शिक्षा मंत्री इन सवालों का दे जवाब

1. क्या आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 (RAS Exam2018) में डोटासरा जी ने अपने निजी रिश्तेदारों को साक्षात्कार प्रक्रिया में अवांछित लाभ पहुंचाकर अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया है ?
2. क्या उनके समधी जो क्रीमीलेयर श्रेणी में आते है उन्होंने फर्जी नॉन क्रीमीलेयर ओबीसी सर्टिफिकेट बनवाकर वास्तविक पिछड़े ओबीसी अभ्यर्थियों के हकों पर कुठाराघात नहीं किया है ?
3. कलाम कोचिंग सेंटर सीकर से डोटासरा परिवार का क्या सम्बन्ध है ? राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद हुई सरकारी भर्तियों में अविश्वसनीय रूप से अत्यधिक चयन इस इंस्टीट्यूट से हुए है उससे यह सिद्ध होता है कि सरकारी नौकरियों में भर्ती का रैकेट यहां से संचालित हो रहा है , क्या इसमें डोटासरा परिवार के किसी सदस्य की संलिप्तता नहीं है ?
4. क्या डोटासरा जी ने सीकर जिले के निवासियों और कलाम कोचिंग से पढ़कर सरकारी सेवाओं में आए लोगों का नियम विरुद्ध स्थानांतरण नहीं किया है ? क्या शिक्षा विभाग में दो साल के प्रोबेशन के दौरान स्थानांतरण न होने के नियम के विरुद्ध तबादले नहीं किए है ?
5. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे देशभक्त संगठन के एक पदाधिकारी को जेल में डालने की बात डोटासरा जी किस हैसियत से कह रहे है ? क्या वे राज्य के गृहमंत्री , पुलिस चीफ या इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर है ? अगर नहीं तो उन्हें यह बात कहने का अधिकार किसने दिया है ?

जातिगत रंग देने की कोशिश

भाजपा नेता (BJP0 ने कहा कि शिक्षा मंत्री की और से आरएसएस (RSS) को लेकर अनर्गल बातें कही थी तथा इस मामले को जातिगत रंग देने की कोशिश की गई है। अगर डोटासरा परिवार निर्दोष है तो उन्हें किसी जांच से तकलीफ नहीं होनी चाहिए ।

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत के साथ डा.अशोक भाटी भी साथ रहे।

शिक्षा मंत्री डोटासरा के निजी रिश्तेदारों को आरएएस परीक्षा में अनुचित लाभ का आरोप , डोटासरा से इस्तीफे की मांग, आरपीएससी को बनाया ‘नाथी का बाडा’

More News : RAS Exam, BJP Leader, Rajasthan,  Congress, Govind Singh Dotasara,

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version