Oxygen Mitra help in PBM Hospital Bikaner : जिला कलक्टर की पहल पर लागू ‘त्रिस्तरीय व्यवस्था’ के आने लगे सकारात्मक परिणाम
बीकानेर। ऑक्सीजन का अपव्यय रोकने के लिए (Bikaner Collector) जिला कलक्टर नमित मेहता की पहल पर लागू त्रिस्तरीय व्यवस्था का असर अब दिखने लगा है। माइक्रो लेवल तक की जा रही प्रभावी मॉनिटरिंग की बदौलत एमसीएच विंग के ऑक्सीजन प्लांट पर प्रतिदिन लगभग दो सौ सिलेण्डर का अपव्यय रुका है।
जिला कलक्टर (Bikaner Collector) ने बताया कि वर्तमान में उपलब्ध ऑक्सीजन का समुचित उपयोग सबसे बड़ी चुनौती है। किसी भी कीमत पर ऑक्सीजन (Oxygen) अपव्यय नहीं हो तथा गम्भीर मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन मिलती रहे, इसे ध्यान रखते हुए एक-एक बैड की मॉनिटरिंग के मद्देनजर योजना तैयार की गई। ऊपरी स्तर पर वरिष्ठ आरएएस अधिकारियों को पूरी व्यवस्था के पर्यवेक्षण का जिम्मा दिया गया।
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वहीं राउंड द क्लॉक तीन पारियों में जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम एमसीएच विंग के ‘वार रूम’ में तैनात की गई, जो सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई और अपव्यय पर नजर रख सके। इससे प्रशासनिक अधिकारियों और चिकित्सकों में समन्वय बढ़ा और छोटी-छोटी समस्या का त्वरित समाधान होने लगा।
मजबूत कड़ी साबित हो रहे ‘ऑक्सीजन मित्र’ Oxygen Mitra
ऑक्सीजन अपव्यय रोकने की इस कवायद में ‘ऑक्सीजन मित्र’ (Oxygen Mitra) सबसे मजबूत कड़ी साबित हो रहे हैं। जिला कलक्टर की पहल पर लगभग सौ नर्सिंग स्टूडेंट्स को ‘ऑक्सीजन मित्र’ नियुक्त किया गया। आठ-आठ घंटे की तीन पारियों में तैनात ‘ऑक्सीजन मित्र’ को ऑक्सीजन फ्लो मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह ‘ऑक्सीजन मित्र’ बैड-टू-बैड नजर रखते हुए मरीज की आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन का फ्लो मेंटेन करते हैं। यानि जरूरत से ज्यादा फ्लो में ऑक्सीजन है तो उसे कम करना और आवश्यकता की तुलना में धीमे है, तो उसे बढ़ाना।
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Oxygen Mitra : परिजनों से करते हैं समझाइश
‘ऑक्सीजन मित्र’ ऑक्सीजन (Oxygen Mitra Bikaner)का अपव्यय करने वाले मरीजों और उनके परिजनों से समझाइश भी करते हैं। इससे भी ऑक्सीजन बचत में प्रभावी सहयोग मिला है। एक और व्यवस्था करते हुए पीबीएम अस्पताल द्वारा लगभग 20 चिकित्सकों को भी पारी के आधार पर राउंड द क्लॉक नियुक्त किया गया है, जिससे ‘ऑक्सीजन मित्रों’ (Oxygen Mitra, PBM Hospital) की मॉनिटरिंग की जा सके और किसी स्तर पर रहने वाली कमी को तत्काल दूर किया जा सके।
इन सभी प्रयासों से वर्तमान में एमसीएच विंग के ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) में प्रतिदिन लगभग दो सौ सिलेण्डर की बचत होने लगी है।
(PBM Hospital) पीबीएम अधीक्षक ने बताया कि पूर्व में जहां इस प्लांट पर 800 सिलेण्डर की खपत होती थी, वहीं अब 600 सिलेंडर ही लग रहे हैं। जिला कलक्टर इसकी भी नियमित समीक्षा भी करते हैं। ऑक्सीजन प्लांट का नियमित निरीक्षण और वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ बैठकें करने के साथ इस व्यवस्था के तहत ऑक्सीजन के अपव्यय को रोकने के सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
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