समर्थश्री त्रयम्बकेश्वर चैतन्य महाराज ने कहा – विकास के लिए वृक्षों की कटाई विनाशकारी

Chaitanya Maharaj Says Felling of trees destructive for development

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Chaitanya Maharaj Says Felling of trees destructive for development

Shrimad Bhagwat Katha : श्रीमद भागवत कथा का तीसरा दिन, ‘जहां यज्ञ, सत्संग और संतों का दर्शन हो वही बैकुंठ’

भादरा। 100 कुंडीय महायज्ञ एवं श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिवस सोमवार को कथा व्यास परम श्रद्धेय समर्थश्री त्रयम्बकेश्वर चैतन्य जी महाराज ने कहा कि जहां यज्ञ हो, सत्संग हो और संतों का दर्शन हो वही बैकुंठ है। बड़ा व्यक्ति वो है जो दूसरों में बुराई नहीं देखता।


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पूज्य गुरूजी ने कहा कि विकास के लिए प्रकृति से खिलवाड़ विनाशकारी है। उन्होंने कहा कि पर्वतों को विखंडित करने से महाविनाश आता है। जो प्रकृति की पीड़ा नहीं समझता वह प्रकृति प्रेमी नहीं हो सकता। विकास भी जरूरी है परंतु इसके लिए वृक्षों व पर्वतों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए इसलिए नदियों, वृक्षों व पर्वतों की रक्षा करना आवश्यक है।

कथा व्यास परम श्रद्धेय समर्थश्री त्रयम्बकेश्वर चैतन्य जी महाराज ने कहा कि जो दूध का उपभोग करता है उसे गोपालन करना चाहिए अन्यथा उसे दूध पीने का कोई अधिकार नहीं है। पूज्य गुरूजी ने शुकदेव व राजा परिक्षित का प्रसंग सुनाया।


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इस मौके पर महामंडलेश्वर प्रखर जी महाराज, पूज्य गुरूजी प्रबोधाश्रम महाराज, पूज्य गुरूजी राम चैतन्य जी महाराज, अग्नि अखाड़ा के नीलेश चैतन्य ब्रह्मचार्य जी महाराज, सर्वेश्वरस्वरूप जी महाराज ने भी पावन आशीर्वचन दिए।

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सहयोगियों का पूज्य गुरुजी कर रहे हैं सम्मान

श्रीमद भागवत कथा के उपरांत परम पूज्य त्रम्बकेश्वर चैतन्य जी महाराज सहित उपस्थित साधु-संतों द्धारा इस आयोजन में तन-मन-धन से सहयोग देने वाले सहयोगियों को सम्मानित किया जा रहा है। वहीं, रोजाना प्रात: 8 बजे से 111 यजमानों के जरिए प्रकांड पंडितों द्धारा पूजन भी करवाया जा रहा है।


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अदभुत काशी की दिव्य आरती

यज्ञ नारायण भगवान के 100 कुंडीय महायज्ञ के लिए देशभर के 450 से अधिक विद्धान ब्राह्मण रोजाना घंटों तक आहुति डाल रहे हैं। सुख-समृद्धि, यश, वैभव की कामना के लिए देश-देशांतर से श्री प्रबल जी महाराज की इस पावन धरा पर पहुंचे श्रद्धालुगण दिनभर यज्ञ नारायण की परिक्रमा में लीन हैं।


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वहीं, शाम को श्रीमद भागवत कथा के पश्चात काशी विश्वनाथ की तर्ज पर रोजाना हो रही दिव्य, अलौकिक व अविश्मरणीय आरती में भी जन सैलाब उमड़ रहा है।

भव्य आयोजन में समाजसेवी संस्थाओं का भरपूर सहयोग

100 कुंडीय महायज्ञ व श्रीमद भागवत कथा के सफल आयोजन के लिए भादरा शहर की प्रमुख संस्थाओं का भरपूर सहयोग मिल रहा है। पंचदेव यज्ञ सेवा समिति विकास अग्रवाल, विकास सर्राफ, मांगीलाल महिपाल, सज्जन दड़बेवाला सहित समस्त सदस्य पूरी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी तरह विवेकानंद सेवा समिति श्रद्धालुओं को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया करवा रही है।


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हजारों की संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध-सात्विक भोजन-प्रसादी का जिम्मा श्रीबालाजी लंगर सेवा समिति, अन्नपूर्णा सेवा समिति के साथ-साथ सुरेश गोयल, गुवाहाटी, नरेंद्र लीडर, सुशील गुप्ता, पूनमचंद-बलवंत कुमार गिदड़ा, रमन बंसल, हनुमानगढ़, किशन तंवर, अहमदाबाद, ऋषि सरावगी, शिवकांत चाचाण, ओमप्रकाश बड़वावाले, मदनचंद लुहारीवाला, अहमदाबाद, मीरादेवी महिपाल, महेंद्र सर्राफ, बलवंत सैनी, स्व. श्वेता अग्रवाल पुत्री शिवकुमार गांधीवाला व स्व. भंवरलाल टेलटिया की स्मृति में उनके परिजनों ने संभाला हुआ है।


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वहीं, प्रसाद वितरण की सेवा श्रीश्याम कला मण्डल, जूता घर की सेवा श्री कुलदेदादी मंदिर समिति, आवास एवं आवागमन व्यवस्था शांति निकेतन पब्लिक स्कूल के सौजन्य में साहिल महिपाल तथा पंडाल, आरती, मंच व उपनिवेशन की सेवा श्री सिद्धेश्वर महादेव सेवा समिति कर रही है। सांयकाल में भजन-संध्या के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सुंदरकांड मित्र मंडल के कार्यकर्ता अपनी जिम्मेवारी बखूबी निभा रहे हैं।

दीपदान के साथ हुए 2100 हनुमान चालीसा के पाठ

अपने कुल के इष्ट देवता शक्तिवर्धन के लिए पूज्य गुरूजी डॉ. गुणप्रकाश चैतन्य जी महाराज के सानिध्य में धर्मसंघ महाविद्यालय, भादरा के ब्राह्मणों द्धारा हनुमंत पूजन के साथ दीपदान के साथ 2100 हनुमान चालीसा के पाठ संपादित किए गए।

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