वेटरनरी विश्वविद्यालय की 16वीं अकादमिक परिषद् की बैठक संपन्न
बीकानेर। वेटरनरी विश्वविद्यालय डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में मानव संसाधन के क्षमता निर्माण के लिए डेयरी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय शुरू करेगा। इस आशय का निर्णय वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित अकादमिक परिषद की 16वीं बैठक में किया गया।
बैठक में कुलपति प्रो. शर्मा ने बताया कि डेयरी टेक्नोलॉजी ग्रामीण अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और खाद्य पोषण सुरक्षा केे लिए पशुपालन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसलिए राज्य में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए युवाओं के कुशल क्षमता विकास निर्माण के लिए वेटरनरी विश्वविद्यालय डेयरी तकनीकी संकाय प्रारंभ कर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ करेगा तथा साथ ही डिग्री पाठयक्रम प्रारंभ करने के प्रयास भी किये जायेगे। विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, जयपुर में स्थित संस्थान में वर्किंग डॉग सेन्टर शुरू किया जाएगा। इस केन्द्र पर सुरक्षा एवं पुलिस एजेन्सीज के श्वान पालन दस्तों के लिए 4 से 12 सप्ताह के लघु पाठ्यक्रम आयोजित कर सैद्वांतिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकेगा। वर्तमान परिदृश्य में पोल्ट्री विज्ञान और पशुचिकित्सा स्नातकों के लिए उभरते क्षेत्र के रूप में सामने आया है। प्रदेश में मुर्गी व अण्डे की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मानव के खाद्य उपभोग पैटर्न में बदलाव के कारण मुर्गी और अण्डे की भारी मांग भविष्य में ओर भी बढ़ेगी। इस क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की मांग को पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय पोल्ट्री साईंस में एम.वी.एस.सी. पाठयक्रम प्रारंभ करेगा। शैक्षणिक परिषद ने विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध मानव संसाधन को देखते हुए तीनों संघटक महाविद्यालयों में इसे चालू करने का निर्णय किया है। विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और वाचस्पति विद्यार्थियों की ग्रेड रिपोर्ट और ट्रांसक्रिप्ट के प्रारूप को परिषद ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी।
अकादमिक परिषद में राज्य के 73 पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को वर्ष 2020-21 के लिए विश्वविद्यालय की मान्यता प्रदान करने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी किया गया तथा शिक्षा में गुणवत्ता के कई निर्णयों पर चर्चा उपरांत पारित किये गये। वित्त नियंत्रक एवं कार्यवाहक कुलसचिव अरविंद बिश्नोई ने गत बैठक की कार्यवाही विवरण और अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसका शैक्षणिक परिषद् ने अनुमोदन कर दिया। बैठक में अकादमिक परिषद् के सदस्य प्रो. आर.के. बघेरवाल (महू) डॉ.. ए.के. पटनायक (बरेली) और डॉ. रवीन्द्र शर्मा (हिसार) ने ऑनलाइन जुड़कर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक क्षेत्र में गुणवत्ता व दक्षता के निणर््यों की सराहना की। बैठक में उरमूल डेयरी के एम.डी. डॉ. महेश शर्मा, पशुपालन विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. रेणू गोयल, उपनिदेशक डॉ. वीरेन्द्र नेत्रा सहित तीनों महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, विश्वविद्यालय के डीन-डॉयरेक्टर, विभागाध्यक्ष और अन्य अधिकारी बैठक में ऑनलाइन शामिल रहे।