मुंबई में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
मुंबई। भारतीय उधोगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। उम्र संबधी बीमारियों के चलते उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया।
उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी,गृहमंत्री सहित दुनियांभर के दिग्गज उधोगपतियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अंतिम दर्शन, गार्ड ऑफ ऑनर
उधोगपति रतन टाटा के पार्थिव शरीर को आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए दक्षिण मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में सुबह 10.30 बजे से अपराह्न 3.55 बजे तक रखा गया। इस दौरान विभिन्न वर्गों के हजारों लोग उन्हे नम आंखो से अपनी श्रृद्वांजलि देने पहुंचे। जहां से उनके पार्थिव शरीर को वर्ली के पारसी शमशान गृह ले जाया गया। जहां मुंबई पुलिस ने उन्हे गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।
इस दौरान रतन टाटा के भाई,परिवार के कुछ सदस्य, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस दौरान मध्य मुंबई स्थित शवदाह गृह में उपस्थित थे।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। मार्च 1991 से 28 दिंसबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। उसके बाद 2016—2017 तक एक बार फिर टाटा समूह की कमान संभाली। इसके बाद वे टाटा समूह के मानद् चेयरमैन की भूमिका में आ गये थे।
उनके निधन पर हिंदुजा समूह के चेयरमैन जी. पी. हिंदुजा ने बृहस्पतिवार को कहा कि रतन टाटा न केवल भारत के अग्रणी और महानतम कारोबारी दिग्गज थे, बल्कि वह अपने आप में एक संस्थान थे. टाटा संस के मानद चेयरमैन के निधन पर अपने शोक संदेश में हिंदुजा ने कहा कि टाटा हमेशा उन अनगिनत भारतीयों के बीच जीवित रहेंगे, जिन्हें उन्होंने अपने पेशेवर तथा परोपकारी कार्यों से प्रभावित किया.
गुजरात सरकार ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए एकदिवसीय शोक की घोषणा की
गुजरात सरकार ने रतन टाटा के सम्मान में बृहस्पतिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की।
राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते लिखा कि, भारत के प्रख्यात उद्योगपति एवं समाजसेवी रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुःखद है।
श्री टाटा जी का योगदान केवल व्यावसायिक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में भी अपना अमूल्य योगदान दिया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया, बल्कि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान व शोकाकुल परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक्स पर अपनी श्रृद्वांजलि देते हुए लिखा कि, श्री रतन टाटा की शख्सियत इतनी बड़ी थी कि देशभर में आमजन को उनकी मृत्यु पर दुख का अनुभव हुआ। उनका व्यक्तित्व केवल व्यापार तक सीमित नहीं था। चकाचौंध भरी व्यवसायिक दुनिया में श्री रतन टाटा अपनी सादगी के साथ रहे। उनकी शख्सियत प्रेरणादायी थी। टाटा समूह ने परोपकार के कार्यों में दुनिया के सबसे बड़े उद्योगपतियों से भी ज्यादा व्यय किया है।
मेरी श्री रतन टाटा से कभी मुलाकात नहीं हुई पर मैं उनके व्यक्तित्व से बेहद प्रभावित हुआ हूं।
कल और आज अखबारों में एवं इंटरनेट पर श्री रतन टाटा के बारे में बड़ी संख्या में आर्टिकल छपे हैं। मैं युवाओं से अपील करना चाहूंगा कि इन आर्टिकल्स को पढ़ें एवं श्री रतन टाटा की शख्सियत से प्रेरणा लेकर उनके मूल्यों को अपने जीवन में उतार कर स्वयं को बेहतर बनाने का प्रयास करें।