Rajasthan Diwas 2025 : पहली बार 75 वर्षों बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया राजस्थान दिवस

Rajasthan Diwas was celebrated on Chaitra Shukla Pratipada for the first time after 75 years

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Rajasthan Diwas was celebrated on Chaitra Shukla Pratipada for the first time after 75 years

राजस्थान दिवस विशेष : Rajasthan Diwas 2025 

-हरि शंकर आचार्य

-मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के ऐतिहासिक निर्णय का सभी वर्गों ने किया स्वागत, भारतीय नववर्ष के शुभारंभ से दोगुनी हुई खुशियां

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश वासियों ने 75 वर्ष बाद पहली बार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान दिवस मनाया। यह दिन भारतीय नव वर्ष का पहला दिन होने के नाते प्रत्येक भारतीय के लिए विशेष होता है और 75 वर्षों बाद पहली बार इसी दिन राजस्थान स्थापना दिवस मनाए जाने का राज्य सरकार का निर्णय ऐतिहासिक रहा। इसने भारतीय नव वर्ष के इस अवसर को बेहद खास कर दिया।

Rajasthan Diwas

जैसा कि हम सभी जानते हैं चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत 2006, तदनुसार 30 मार्च 1949 को वृहद राजस्थान का गठन हुआ। देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की भावना का सम्मान करते हुए पहली बार मुख्यमंत्री के नेतृत्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत पूरे सप्ताह राजस्थान दिवस से जुड़े आयोजन हुए। इन आयोजनों में प्रदेश भर के लाखों लोगों की भागीदारी रही। प्रत्येक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को अनेक सौगात दी जिनको हमेशा याद रखा जाएगा।

राजस्थान दिवस साप्ताहिक महोत्सव के दौरान महिलाओं, किसानों, युवाओं, दिव्यांगजनों सहित प्रत्येक वर्ग को ध्यान रखते हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान ‘रन पर राजस्थान’ जैसे आयोजनों के माध्यम से शारीरिक व्यायाम और आरोग्यता का संदेश दिया गया। वहीं राजस्थान दिवस के अवसर पर प्रदेश भर में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने प्रदेश की समृद्ध संस्कृति से देश और प्रदेशवासियों को रूबरू करवाया।

राजस्थान दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम बाड़मेर, बीकानेर, भीलवाड़ा, कोटा, और जयपुर सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित हुए। दिन में हजारों की संख्या में राजस्थानी भाई बहिनों ने पहुंचकर इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का पलक पावड़े बेचकर स्वागत किया। वही प्रदेश भर के संत समाज ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राजस्थान दिवस मनाए जाने के मुख्यमंत्री के ऐतिहासिक निर्णय पर प्रसन्नता जताई। तो मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से राजस्थान दिवस को उत्सव के रूप में मनाने तथा इस दिन घरों को सजाने के साथ खुशियों के दीप जलाने का आह्वान किया, तो प्रदेश वासियों ने भी घरों और धार्मिक स्थलों पर दीप जलाकर मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया।

राज्य सरकार के निर्देशानुसार बीकानेर में भी पूरे सप्ताह विभिन्न कार्यक्रम हुए। इस दौरान 26 मार्च को मुख्यमंत्री ने बीकानेर की भूमि पर किसान सम्मेलन और एफपीओ कार्यक्रम में भागीदारी निभाई। उन्होंने किसानों के लिए कई घोषणाएं की। इसी श्रृंखला में सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों पर रंग बिरंगी रोशनी से सज्जा की गई। कुल मिलाकर पहली बार राजस्थान दिवस प्रत्येक राजस्थानी के गर्व और अभिमान के दिवस के रूप में मनाया गया।

पहली बार प्रदेश के सभी 41 जिलों में राजस्थान दिवस की घूम रही। बड़ों से लेकर बच्चों तक, बहिनों एवं बेटियों से लेकर माताओं तक, किसानों से लेकर श्रमिकों तक तथा कलाकारों से लेकर कलमकारों तक प्रत्येक वर्ग के लिए यह अवसर खास रहा। या यूं कहे कि श्रीगंगानगर से लेकर बांसवाड़ा तक और जैसलमेर से लेकर धौलपुर तक, देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान के प्रत्येक वर्ग ने मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के इस ऐतिहासिक निर्णय को सराहा और इन कार्यक्रमों में जमकर भागीदारी निभाई।

(उपनिदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय, बीकानेर)

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