International Women’s Day : रीड इंडिया ग्रामीण भारत में महिलाओं के लिए कर रहा सशक्त और समर्थ समुदायों का निर्माण

International Women’s Day : Read India is building strong and capable communities for women in rural India

International Women’s Day, Read India, Read India Global, Read India Gurgaon, Read India Update, Sohini Bhattacharya, Sohini Bhattacharya News,

International Women’s Day : Read India is building strong and capable communities for women in rural India

International Women’s Day : महिलाओं के नेतृत्व में, महिलाओं के लिए – जोड़ें, सक्षम बनाएं, सशक्त करें और शिक्षित करें

-सोहिनी भट्टाचार्य 

भारत में पिछले कई वर्षों में महिला रोजगार संकेतकों से संबंधित डेटा आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, बेरोजगारी दर में कमी, कार्यबल में शिक्षित महिलाओं की बढ़ती संख्या और रोजगार श्रेणियों में आय में लगातार वृद्धि के संकल्प को रीड इंडिया ग्रामीण भारत में सिद्व कर रहा है।

रीड द्वारा लाईब्रेरी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार, शिक्षा के जरिए स्वावलंबी बनाने का काम निंरतर कर रहा है। आज अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रीड के लाईब्रेरी सेंटर महिलाओं के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहे है।

महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में रीड इंडिया की पहल

देशभर में महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और आर्थिक स्वतंत्रता की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए रीड इंडिया द्वारा सभी कार्यक्रमों को विशेष रूप से डिज़ाइन किया है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य महिलाओं को घर के पास ही कौशल आधारित ट्रेनिंग देकर गरीबी के चक्र को तोड़ना और उन्हें आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं और दिव्यांग महिलाओं को भी ध्यान में रखते हुए, रीड इंडिया ने एक समावेशी मॉडल तैयार किया है। जिसके साथ निरंतर महिलाओं को जोड़ा जा रहा है।

लैंगिक असमानता से निपटने के लिए रीड इंडिया की व्यापक रणनीति

कौशल प्रशिक्षण : सिलाई, हस्तशिल्प, कृषि और उद्यमिता जैसे आजीविका कौशलों में प्रशिक्षण प्रदान करना, जिसे महिलाएं घर के कामों के साथ संतुलित कर सकें।
स्वास्थ्य जागरूकता : स्वच्छता, पोषण और बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी देकर महिलाओं को और उनके परिवारों को स्वस्थ बनाना।
जीवन कौशल : संवाद, निर्णय-निर्माण और समस्या-समाधान जैसी जीवन कौशलों का प्रशिक्षण, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें।

रीड इंडिया के कार्यक्रमों का व्यापक प्रभाव

आर्थिक सशक्तिकरण: महिलाएं नए कौशल सीखकर रोजगार या स्वयं का व्यवसाय शुरू कर आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर रही हैं।
सामाजिक स्थिति में सुधार: आर्थिक स्वतंत्रता से महिलाओं की सामाजिक स्थिति मजबूत हो रही है, जिससे वे समुदाय में रोल मॉडल बन रही हैं।
आत्मविश्वास में वृद्धि: नए कौशल सीखकर महिलाएं अधिक आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी हो रही हैं।
सामुदायिक विकास: सामूहिक नेतृत्व और स्वावलंबन को बढ़ावा देकर व्यापक सामुदायिक विकास हो रहा है।

रीड इंडिया समुदाय के नेताओं, विशेषकर महिलाओं के साथ मिलकर काम करता है ताकि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रमों को तैयार और लागू किया जा सके। हस्तशिल्प, बुनाई, कृषि उत्पाद, स्वास्थ्य सेवा और सौंदर्य व वेलनेस जैसे क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। महिलाओं के नेतृत्व में सामुदायिक जिम्मेदारियों को सौंपकर रीड इंडिया अपने कार्यक्रमों की स्थायित्व और प्रभावशीलता सुनिश्चित करता है।

‘ग्रामीण शिक्षा और विकास’

‘ग्रामीण शिक्षा और विकास’ के लिए यात्रा प्रेमी, मानवतावादी और शिक्षिका डॉ.एंटोनिया (टोनी) न्यूबॉअर,’मिथ्स एंड माउंटेन्स’ (वाइल्ड फ्रंटियर्स की एक ट्रैवल कंपनी) की प्रेरणा स्रोत और रीड ग्लोबल की संस्थापक ने सपना बुना।

यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो ग्रामीण लाइब्रेरी सामुदायिक केंद्रों के निर्माण और आत्मनिर्भर व्यवसायों के माध्यम से ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। एक नेपाली ट्रेकिंग गाइड की लाइब्रेरी की इच्छा से प्रेरित होकर, टोनी ने 1991 में नेपाल के जुन्बेसी में पहला ‘ग्रामीण शिक्षा और विकास’ रीड केंद्र स्थापित किया।

रीड इंडिया ने इस मॉडल को 16 साल पहले अपनाया और भारतीय परिस्थितियों के अनुसार ढालते हुए देश भर में 60 से अधिक सामुदायिक लाइब्रेरी और संसाधन केंद्र बनाए। ये केंद्र सिर्फ लाइब्रेरी नहीं हैं, बल्कि सामुदायिक स्वामित्व वाले ऐसे हब हैं जो किताबें, कंप्यूटर और कोडिंग से लेकर हस्तशिल्प तक की ट्रेनिंग मुहैया कराते हैं।

इन केंद्रों के माध्यम से अब तक 1,50,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जिससे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से लेकर महाराष्ट्र के लातूर तक आधे मिलियन से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं।

कॉर्पोरेट साझेदारी और प्रभाव आंकलन

रीड इंडिया की साझेदार कंपनियों, जैसे कि एक्सेंचर और क्यूलर मैक्स ने इसके प्रभाव का आकलन किया है। इनके साथ 10 वर्षों की साझेदारी में यह देखा गया कि महिलाओं की आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ने से उन्हें परिवार और समुदाय में अधिक सम्मान मिल रहा है। महिलाएं अब अपने जीवन के अधिक पहलुओं पर नियंत्रण रख रही हैं और वित्तीय निर्णय भी ले रही हैं।

(लेखिका सोहिनी भट्टाचार्य रीड इंडिया में ट्रस्टी है। भट्टाचार्य एक अनुभवी सामाजिक उद्यमी हैं, जो जेंडर समानता और संस्थान निर्माण में विशेषज्ञता रखती हैं। भट्टाचार्य ने जेंडर आधारित हिंसा को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।)

Exit mobile version