Papmochini Ekadashi 2023 : पापमोचनी एकादशी व्रत से मिलेगी पापों से मुक्ति, जाने महत्व व पूजा शुभ मुहूर्त

Papmochini Ekadashi 2023 : Papmochini Ekadashi Date and Subh Muhurat

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Papmochini Ekadashi 2023 : पापमोचनी एकादशी : 18 मार्च, शनिवार को
भगवान श्रीहरि विष्णु की व्रत उपवास रखकर होती है पूजा-अर्चना

— ज्योर्तिवद् विमल जैन

भारतीय हिन्दू सनातन धर्म में (Papmochini Ekadashi) पापमोचनी एकादशी तिथि को अपने आप में विशेष लाभकारी माना गया है। विशेष तिथियों पर पूजा-अर्चना करके सर्वमनोकामना पूरी की जाती है, इसी क्रम में चैत्र कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि की विशेष महत्ता है। पुराणों के अनुसार पापमोचनी एकादशी का व्रत रखना शुभ फलदायी माना गया है।

प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि चैत्र कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि पापमोचनी एकादशी के नाम से जानी जाती है।

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कब है पापमोचनी एकादशी : Papmochini Ekadashi 2023

इस बार चैत्र कृष्णपक्ष की एकादशी तिथि 17 मार्च, शुक्रवार को दिन में 2 बजकर 08 मिनट पर लगेगी जो कि 18 मार्च, शनिवार को दिन में 11 बजकर 15 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि में एकादशी तिथि मिलने से 18 मार्च, शनिवार को यह व्रत रखा जाएगा। एकादशी तिथि भगवान श्रीहरि विष्णु को सम​र्पित है। भगवान श्रीहरि विष्णु का चतुर्भुज स्वरूप में पूजा करने का विधान है।

पापमोचनी एकादशी की खास महिमा है, जैसा कि तिथि के नाम से विदित है। संसार में कोई भी ऐसा मनुष्य नहीं है जिससे जाने-अनजाने कोई पाप न हुआ हो, पाप एक प्रकार की गलती है, जिसका दंड हमें भोगना ही पड़ता है। ईश्वरीय विधान के अनुसार पाप के दंड से बचा जा सकता है।

पापमोचनी एकादशी तिथि के दिन सम्पूर्ण दिन व्रत उपवास रखने से चन्द्रमा एवं अन्य ग्रहों की प्रतिकूलता से बचा जा सकता है, साथ ही जीवन के समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है। निर्जल एवं निराहार रहकर भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्तिभाव एवं हर्षोल्लास के साथ पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी बताया गया है।

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पापमोचनी एकादशी पूजा का विधान : Papmochini Ekadashi Pooja Vidhi 

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