मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की महत्वकांक्षी शैक्षिक परियोजना नाथद्वारा में स्थापित होगा उत्कृष्टता केंद्र : “श्रीनाथ पीठ”

Mohanlal Sukhadia University, Shrinath Peeth, Center of Excellence of University, Amarika Singh, Vice Chancellor, Udaipur's Mohanlal Sukhadia University, Center of Excellence, educational civilization, global, e Department of Higher Education, Union Territory, Best university in Udaipur, Best university,

उदयपुर। राजस्थान प्रदेश (Rajasthan) के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा (Technical Education) के विद्यार्थियों के शैक्षिक संवर्धन, कौशल और ज्ञान-विज्ञान को विकसित करने के लिए उदयपुर (Udaipur) का मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (Mohanlal Sukhadia University)  “उत्कृष्टता केंद्र” के लिए शीघ्र ही अब देश भर में पहचाना जाएगा। सुविवि अपनी महत्वकांक्षी शैक्षिक परियोजना एवं उत्कृष्टता केंद्र के रूप में “श्रीनाथ पीठ” (Shrinath Peeth) की स्थापना के साथ प्रदेश के विद्यार्थियों को नई सौगात देने जा रहा है।

 राजसमन्द जिले (Rajsamand district) के नाथद्वारा शहर (Nathdwara city) में चिन्हित 15 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाला यह उत्कृष्टता केंद्र विश्वविद्यालय और प्रदेश की उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों की प्रगति के नए आयाम स्थापित करेगा।

आने वाले समय में यह “श्रीनाथ पीठ” सुविवि के अन्य विश्वविद्यालय परिसर के रूप में भी पहचाना जाएगा। संभाग के कई दानदाताओं और भामाशाहो ने इस उत्कृष्टता केंद्र के स्थापना में अपना सहयोग देने में रूचि दिखाई हैं।

सरकार दुवारा भूमि आवंटन और अनुमति की प्रक्रिया पूर्ण होते हैं प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में यह केंद्र प्रदेश की अग्रिणी अनुसंधान केंद्र के रूप में देशभर में अपनी पहचान स्थापित करेगा।

कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए जिला प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, राज्यपाल एवं  राज्य सरकार के साथ मिलकर इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रयासरत हैं।

विद्यार्थियों में कला, संस्कृति, शैक्षिक सभ्यता, नवीन पाठ्यक्रम एवं उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता लाने, ज्ञान विज्ञान, शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा उच्च शिक्षा के वैश्विक मानको को वृहतम स्तर पर जनमानस में और विशेष रूप से विधायर्थियो के बीच पहचान बनाना इस श्रीनाथ पीठ की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य होगा।

प्रदेश की उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के लिए यह केंद्र नए आयाम स्थापित करेगा। इसके स्थापना के साथ सुविवि की राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रीय पटल पर पहचान और प्रदेश की उच्च शिक्षा के आधुनिकतम उत्कृष्टता केंद्र के मान्यता विकसित होगी।

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (Mohanlal Sukhadia University)  के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने इस उत्कृष्टता केंद्र “श्रीनाथ पीठ” (Shrinath Peeth) की रुपरेखा पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार, भारतीय कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए एवं उच्च शिक्षा में हुई विश्वव्यापी प्रगति को प्रभावकारी ढंग से विद्यार्थियों और शिक्षा व्यवस्था की प्रगति के  लिए उपयोग करना ही इस केंद्र की स्थापना का मूल उद्देश्य हैं । विश्वविद्यालय में उपलब्ध साधनों का उत्कृष्ट प्रयोग ही उत्कृष्टता केंद्र की मूल अवधारणा हैं।

प्रदेश में साक्षरता प्राप्त करने के लिए प्रयास करना, ज्ञान विज्ञान की जानकारियों व नवाचारो को अंतर्निविष्ट करना, छात्रों, शिक्षकों एवं जनमानस के लिए शिक्षण कार्यकम आयोजित करना, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यकर्मों द्वारा विद्यालय व महाविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम सामाग्रियां विकसित करना, नवीन विचारों को पैदा करने के लिए जिज्ञासु मस्तिष्क को प्रोत्साहित करना, देश के विज्ञान एवं तकनीकी की प्रगति को दिखाना व इसका प्रदर्शन करना, देश की विज्ञान एवं तकनीकी धरोहर को संरक्षित करना और उसका प्रचार-प्रसार करना, सभी संकाय और वर्ग के विधायर्थियो एवं शोधकर्ताओं को प्रोत्सान देना, कला-विज्ञान-वाणिज्य, इंजीनियरिंग और साहित्य वर्ग के विद्यार्थियों के रचनात्मक एवम वैज्ञानिक कौशल को विकसित करना और उन्हें बढ़ावा देना, विज्ञान एवं तकनीकी की प्रगति को दिखाना व इसका प्रदर्शन करना सहित अनेको दृष्टिकोण के साथ यह पीठ उच्च शिक्षा विभाग और राज्य सरकार (Rajasthan Government) की अनुमति के बाद शिघ्र ही देश और प्रदेश को शैक्षिक उन्नति की ओर ले जाने के लिए शीघ्र ही स्थापित होगा।

जो कि राज्य की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों के लिए नया वातावरण प्रदान करेगा साथ यह केंद्र प्रदेश की अग्रिणी संस्था के रूप में देशभर में अपनी पहचान स्थापित करेगा। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थानीय स्तर पर लोगों की आर्थिकी में सुधार एवं कौशल विकास की दिशा में अहम भूमिका निभायेगा साथ ही स्वरोजगार सृजन के क्षेत्र में अहम योगदान देगा।

प्रो. सिंह ने कहा कि लोक विरासत, खेल, नृत्य, संगीत, भाषा, कला, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान, वाणिज्य, इंजीनियरिंग और विभिन्न पाठ्यक्रमो को बढ़ावा देना और महत्वपूर्ण शोध को प्रोत्साहित करना, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध अनुसन्धान और वैज्ञानिक कार्यों का रेखांकन करना, प्रदेश की आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों का शैक्षणिक संवर्धन करना, वोकेशनल एवं कौशल आधारित रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन, विभिन्न रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम, साक्षरता कार्यक्रम, बालिका शिक्षा एवं महिलाओ के रोजगार  के उन्नयन हेतु विभिन्न कोर्सेस एवं रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों के अनुसंधान से संबंधित कार्यो पर सम्मेलनों की बैठकें आयोजित करना, सरकार और अन्य निकायों को उच्च शिक्षा से जुड़े संदर्भित मामलो पर सलाह देंना जैसे असंख्य उद्देश्यों के साथ मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का नवाचार विज्ञान  “श्रीनाथ पीठ” के रूप में राज्य की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा केंद्र से जुड़े हितधारकों को लाभान्वित करेगा।देश और प्रदेश कें वरिष्ठ शिक्षाविदो के निर्देशन में यह अपने तरीके का देश का सबसे अनोखा विश्वस्तरीय उत्कृष्टता केंद्र होगा।

मूल रूप में यह लोक विरासत अध्ययन केंद्र होगा जिसमें लोक कलाओं और लोक संस्कृति का संरक्षण का संरक्षण और इसको पुनर्जीवित करने की कार्य-योजना पर कार्य किया जाएगा। ऐसे केन्द्रों की स्थापना से मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं विकसित हुई हैं।

प्रदेश के युवा विद्यार्थी  परिश्रमी एवं ईमानदार है, इनके हुनर को कौशल विकास से और अधिक निखारा जा सकता है। हमें क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए इस उत्कृष्टता केंद्र की कार्ययोजना बनाई हैं । इन संस्थानों के माध्यम से आदिवासियों से संबंधित शोध को और अधिक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जिससे सरकार को आदिवासियों से संबंधित नीतियों को तय करने में मदद मिलेगी।

 तकनीकी शिक्षा (Technical Education) कुशल जनशक्ति का सृजन कर, औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाकर और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाकर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत (India) एक बड़ा औद्योगिक देश है।

देश को अब कुशल पेशावरों की जरूरत है, लिहाजा यह श्रीनाथ पीठ युवाओं को तकनीकी दक्षता प्रदान कर उन्हें वैश्विक स्तर का प्रतिस्पर्धी के रूप में तैयार करेगा।

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित नॉलेज प्रोजेक्ट श्रीनाथ पीठ का उद्देश्य व संक्षिप्त रूपरेखा

  1. राजस्थान के प्रदेश के लोक विरासत, भाषा, कला, साहित्य, संस्कृति का संरक्षण करना और इनका आमजन जन में प्रचार-प्रसार करना।
  2. ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और स्वभाव को विकसित करने तथा बालिका शिक्षा के प्रति माहौल सृजित करना और उच्च शिक्षा के नामांकन में वृद्धि करना।
  3. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास तथा इसके नवाचार को मानव कल्याण के प्रयोग में लाना।
  4. शिक्षा और विज्ञान की लोकप्रियता के लिए प्रदर्शनियों, संगोष्टियों, लोकप्रिय व्याख्यानों, विज्ञान शिविरों और अन्य विविध कार्यक्रमों के आयोजनों द्वारा नगरों, शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों और आम लोगों की भलाई के प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करना
  5. विश्वीविद्यालयो/महाविद्यालयोंमें दी जा रही शिक्षा की गुणवता को सुधारना और विद्यार्थियों में शोध और अनुसन्धान की भावना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्रिया कलापों को आयोजित कर  प्रौद्योगिकी  के विशिष्ट विषयों पर शिक्षकों / विद्यार्थियों / युवा उद्यमियों / तकनीशियनों और अन्य लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना और उन्हें लाभान्वित करना।
  6. शिक्षा, साहित्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों की पहचान करना तथा उनके विकास के लिए उसका उपयोग करना व शैक्षणिक समाज की पूर्ति के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करना।
  7. विश्विद्यालय के समन्वित विकास के लिए अनुसंधान एवं प्रदर्शन तथा विकासीय योजनाओं, कार्यक्रमों की पहल, प्रयोजन एवं समन्वयन करना व विज्ञान एवं नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाकर नव प्रवर्तन को बढ़ावा देना।
  8. उच्च शिक्षा से जुडी नवीन और अभिनव कार्य योजनाओ का निर्माण करना व विधार्थियों को लाभान्वित करना।
  9. विश्विद्यालय द्वारा परिचालित तकनीकी प्रयासों में परिपूरक बनना। समान उद्देश्यों की राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं के साथ परस्पर कार्य करना।
  10. उच्च एवं तकनीकी व्यस्थाओं की समस्याओं के निराकरण के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी से संबंधित कार्यवाही करना तथा शिक्षा को बढ़ावा देना एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय अनुसंधान एवं विकास कार्यों को रेखांकित व पुरस्कृत करना।
  11. सामान्यतः वे सभी ऐसे क्रियाकलाप, कार्यक्रम करना, जिसमें लोक विरासत, कला, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, इंजीनियरिंग के उपयोग से विधायर्थियो के कौशल का तीव्रगामी विकास हो।
  12. ज्ञान के आयोजनों, सम्मेलनों, कार्यशालाओं के प्रसार के रुझानों, नवीनतम अनुसंधान, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं, उद्योग और शिक्षा तक पहुंच का आयोजन करेगा।

   “सुविवि का श्रीनाथ पीठ लोक विरासत, कला, साहित्य, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वाणिज्य, इंजीनियरिंग के क्षेत्रों के संरक्षण और विकास का राज प्रदेश का उच्च स्तरीय अग्रणीय शोध संस्थान होगा।

मेरा मानना है की उच्च एवं तकनीकी शिक्षा जगत में हुई प्रगति का प्रभावकारी ढंग से उपयोग कर हमारे विधार्थियों को लाभान्वित किया जाना चाहिए। यह “उत्कृष्टता केंद्र” युवाओं और विधार्थियों में अभिरूचि जगाने एवं प्रदेश के विद्यर्थियो के शैक्षणिक उत्थान हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विस्तार, लोकव्यापीकरण एवं प्रोत्साहन का कार्य करेगा।

मुझे उम्मीद है कि सुखाड़िया का यह नॉलेज प्रोजेक्ट विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकास करेगा व उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा, जिससे हमारे प्रदेश के विद्यार्थी लाभान्वित होंगे और उनके नवाचार, अनुसंधान हमारे देश प्रदेश और व्यवस्था को एक नई दशा और दिशा प्रदान करेंगे। मुझे विश्वास हैं की यह उत्कृष्टता केंद्र सुखाड़िया विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर एक नई पहचान देगा।

दुनिया भर में तकनीकी क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहे हैं, ऐसे में युवा छात्र-छात्राओं को भी स्मार्ट तकनीक में दक्षता हासिल कर प्रतिस्पर्धी बनना चाहिए, यह केद्र वर्तमान बाजार की इन मांगो की पूर्ति करेगा।

 विश्वविद्यालय को वित्तीय रूप से स्वावलंबी बनाने तथा राज्य सरकार की औद्योगिकीकरण व विकास सम्बन्धी विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं में विश्वविद्यालय के प्रभावी योगदान को सुनिश्चित किया जाना आवश्यक हैं।”

More News : Mohanlal Sukhadia University, Shrinath Peeth, Center of Excellence of University, Amarika Singh, Vice Chancellor, Udaipur’s Mohanlal Sukhadia University, Center of Excellence, educational civilization, global, e Department of Higher Education, Union Territory, Best university in Udaipur, Best university,

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version