हिन्दुस्तान जिंक रामपुरा आगुचा माइंस में करेगा 40 लाख लीटर प्रतिदिन वाटर ट्रीटमेंट

Hindustan Zinc will do 40 lakh liters of water treatment per day in Rampura Agucha Mines

Hindustan Zinc, water treatment, Rampura Agucha Mines ,

Hindustan Zinc will do 40 lakh liters of water treatment per day in Rampura Agucha Mines

उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा रामपुरा आगुचा खदान में 40 लाख लीटर प्रतिदिन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया।

हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने इस अत्याधुनिक सुविधा का शुभारंभ किया जो कि प्रक्रिया दक्षता को बढ़ाती है, टेलिंग डैम जल भंडारण को कम करती है, संरचनात्मक स्थिरता में सुधार करती है और उच्च धातु प्राप्ति के लिए फ्रोथ फ्लोटेशन प्रोसेस को अनुकूलित करती है।

यह उपलब्धि हिन्दुस्तान जिंक की जिम्मेदार जल प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे रामपुरा आगुचा खदान की वाटर पाॅजीटिवीटी 3.2 से 5.5 गुना बढ़ गई है, जबकि शुद्व जल के उपयोग में 40 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे सालाना 125 करोड लीटर जल की बचत हुई है।

Hindustan Zinc will do 40 lakh liters of water treatment per day in Rampura Agucha Mines

उद्घाटन अवसर पर अरुण मिश्रा ने कहा कि यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट विश्व का अपनी तरह का पहला ऐसा प्लांट है जो कि भूमिगत खदान के लिए संचालित होगा जो कि हिन्दुस्तान जिंक द्वारा स्थापित किया गया है।

वेदांता हिन्दुस्तान जिंक द्वारा जल के महत्व को सर्वापरी माना जाता है, खासकर राजस्थान के दक्षिणी भाग में, हम यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं कि हम प्राकृतिक परिवेश से कम से कम मात्रा में शुद्ध जल का उपयोग करें और जितना संभव हो सके उतना पानी का पुनः उपयोग करें, पुनःपरिसंचरण करें, हमने लगभग सभी संयंत्रों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्रणाली शुरू की है, लेकिन इस क्षमता की भूमिगत खदान में यह पहली बार है।

मुझे हमारी परियोजना टीम के साथ-साथ आगुचा की हमारी खनन टीम पर भी बहुत गर्व है, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि यह संयंत्र बहुत ही सुचारू रूप से कमीशनिंग हो और जो आउटपुट दिया है, हमने देखा है कि पानी की गुणवत्ता उतनी ही अच्छी है या उससे बहुत बेहतर है जितना कि हम आमतौर पर पेयजल के लिये उपयोग करते हैं।

रामपुरा आगुचा में एडवांस्ड इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरूआत सस्टेनेबल माइनिंग और परिचालन उत्कृष्टता के हिन्दुस्तान जिंक के दृष्टिकोण को दर्शाता है। शुद्ध जल पर निर्भरता को काफी कम और टेलिंग डैम स्थिरता को मजबूत कर, दक्षताओं को बढ़ाते हुए कंपनी पर्यावरण संरक्षण में नए मानक स्थापित कर रही हैं। अपनी परिचालन प्रतिबद्धताओं के साथ ही हिन्दुस्तान जिंक ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज को बढ़ाने और ग्रामीण जल पहुंच में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर सामुदायिक जल पहल कर रहा है।

भीलवाड़ा जिले के आगुचा में, हिन्दुस्तान जिंक ने आगुचा पंचायत में तालाब जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया है। यह परियोजना गांवों के आसपास की जैव विविधता को पुनर्जीवित करेगी, पानी की उपलब्धता बढ़ाएगी और लगभग 25 हजार लोगों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी।

Hindustan Zinc will do 40 lakh liters of water treatment per day in Rampura Agucha Mines

अपने सामुदायिक पहल का विस्तार करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक ने भीलवाड़ा जिले में चार ब्लॉक में बड़े पैमाने पर कृत्रिम भूजल पुनर्भरण परियोजना शुरू की है। तालाबों की सफाई, तटबंधों को मजबूत करने और 84 तालाबों में 358 पुनर्भरण शाफ्टों के निर्माण के माध्यम से, इस पहल ने 87 लाख क्यूबिक मीटर (या 8700 मिलियन लीटर) की भूजल पुनर्भरण क्षमता बनाई है, जो राजस्थान के शुष्क परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

हिन्दुस्तान जिंक़ लिमिटेड ने वित्त वर्ष 23-24 में 1800 करोड़ लीटर से अधिक मात्रा में पानी रीसाइकल किया है, जो राजस्थान में लगभग 1 लाख घरों के वार्षिक जल उपयोग के बराबर है। भारत के सबसे अधिक जल संकट वाले क्षेत्रों में से एक राजस्थान में परिचालन करते हुए, हिन्दुस्तान जिंक सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है, जिसने 2.41 गुना वाटर पाॅजिटिव एवं जीरो लिक्विड डिस्चार्ज कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

कंपनी ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज दृष्टिकोण को बनाए रखा है जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रक्रिया जल और अपशिष्ट का उपचार, रीसाइकल और पुनः उपयोग किया जाए, जिससे शुद्ध जल पर निर्भरता काफी कम हो जाती है।

Exit mobile version