World No Tobacco Day 2021 : कोरोना लॉकडाउन का समय तंबाकू छोड़ने का सबसे अच्छा समय
जयपुर । राजस्थान (Rajasthan) में तंबाकू (Tobacco) व अन्य धूम्रपान उत्पादों की गिरफत में 15 से 24 वर्ष का युवावर्ग (Youth) आ रहा है। इन उत्पादों के सेवन से कैंसर (Cancer) सहित अन्य गंभीर गंभीर बीमारियों का सामना इनको करना पड़ता है। कोरोना संक्रमण (CoronaVirus) का खतरा भी तंबाकू सेवन करने वालों में सामान्य की अपेक्षा अधिक रहता है।
इसमें खासकर स्मोकिंग (Smoking) व चबाने वाले तंबाकू उपयोगकर्ता (Tobacco User) इसमें मुख्य है। तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के प्रति आमजन को हतोत्साहित करने के लिए और इसके प्रति जागरुकता के कार्यक्रम की निरंतरता बनी रहे इसके लिए प्रतिवर्ष 31 मई को विश्वभर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है।
राज्य में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 77 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और देशभर में 13.5 लाख व विश्वभर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। जबकि प्रदेशभर में 300 से अधिक बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों (Tobacco Product) का सेवन शुरु करते है।
वर्ष 2021 में वर्ल्ड नो टोबेको डे (World No Tobacco Day) पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (Who) द्वारा ‘‘छोड़ने के लिए प्रतिबद्व ’’(Commit to Quit) की थीम रखी गई है। इस दौरान किसी भी तरह के तम्बाकू उत्पादों का उपयोग करने से हतोत्साहित करने के लिए कई तरह के जागरुकता कार्यक्रम करने पर जोर दिया जाता है।
सवाई मान सिंह चिकित्सालय जयपुर (SMS Hospital,Jaipur) के कान नाक गला विभाग (ENT Department) के आचार्य डा. पवन सिंघल (Dr.Pawan Singhal) बतातें है कि ‘‘ भारत में तंबाकू उपभोग (Tobacco Use in India) की और युवावर्ग तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
द लैंसेट जर्नल (The Lancet global health General) में प्रकाशित रिपोर्ट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज में जारी की गई रिपोर्ट अनुसार वर्ष 2019 में 15 से 24 वर्ष वाले युवा स्मोकर्स (Youth Smoker) की संख्या करीब 2 करोड़ के पार हो गई है। इसमें सिगरेट पीने वालों में 89 प्रतिशत 25 साल तक की उम्र के युवा वर्ग शामिल है।
जोकि हम सभी के लिए चिंता का विषय है। ’’ तंबाकू (Tobacco) से जो कैंसर होता है उससे हाथ पैर का गलना, स्मरण शक्ति का कमजोर होना, मुंह व गले में छाले होना इत्यादि प्रभाव हो सकते है।
रोज आ रहे युवा मरीज
उन्होने बताया कि प्रतिदिन सवाईमानसिंह अस्पताल (SMS Hospital, Jaipur) की ओपीडी में जो तंबाकू यूजर आ रहे है उनमें युवा वर्ग की संख्या अधिक है। ये सब सिगरेट, बीड़ी व गुटखा का सेवन करने वाले यूजर होते है।
प्रतिदिन 10 पैकेट सिगरेट पीने वाले में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक
डा.सिंघल ने बताया कि अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसीन (The Yale School of Medicine, United States) द्वारा की गई (Research) रिसर्च में सामने आया है कि स्ट्रोक और स्मोकिंग के बीच सीधा संबध है।
जिसमें बताया गया कि यदि आप सालभर में दस डिब्बी सिगरेट पीते है तो ब्रेन स्ट्रोक का खतरा 27 प्रतिशत तक रहता है। इसके लिए 40 से 69 साल की उम्र के 4 लाख लोगों का जेनेटिक डाटा इक्टठा किया गया था। जिसमें ये सभी बाते निकलकर सामने आई। धुंआ रहित तंबाकू (Tobacco) के सेवन से होने वाली मौत की संख्या तेजी से बढ़ी है।
पिछले सात साल में मौत का आंकड़ा तीन गुना बढ़ा है (Tobacco Death)। मौतों की संख्या तीन लाख पचास हजार हो गई है। धुंआ रहित तंबाकू के प्रयोग से होने वाली बीमारियों के 70 प्रतिशत रोगी भारत में है।
कोरोना संक्रमण का खतरा इनमें अधिक
तंबाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट या कोई अन्य तंबाकूयुक्त सामग्री का उपभोग करने वालों में (CoronaVirus) कोरोना संक्रमण (CoronaVirus) का खतरा सामान्य से अधिक होता है। नए शोध से पता चला है कि अब कोविड हवा में भी फैलता है। इस स्थिति में जो लोग धूम्रपान करते है उनके द्वारा छोड़े गए धुंए से भी कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा होता है।
तंबाकू का उपभोग करने वाले जब इसका पीक इधर -उधर थूकतें है तो उससे भी कोरोना फैलने की आशंका रहती है। क्योंकि इस पीक में कोरोना के कीटाणु हो सकते है। जबकि भारत में सरकार (India Government) के द्वारा सार्वजनिक स्थानें पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
तंबाकू का सीधा असर फेंफड़ों पर
तंबाकू से मिश्रित स्मोकिंग और किसी भी रुप में तंबाकू लेने पर सीधा असर फेंफड़े (Lungs) के काम करने की क्षमता पर पड़ता है। जिसमें सांस लेने से जुड़ी बीमारियों का सीधा संबध है। इससे सक्रमण होने पर कोरोना सबसे पहले फेंफड़े पर अटैक करता है, इसलिए हमारे फेंफड़ों का मजूबत होना जरुरी है। इसका वायरस फेंफड़े की कार्यक्षमता को घटाता है।
उन्होने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक 18 वर्ष व इससे कम उम्र के युवा ई -सिगरेट इत्यादि का सेवन अधिक करते है।
कोरोना लॉकडाउन का समय तंबाकू छोड़ने का सबसे अच्छा समय
कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) का समय तंबाकू छोड़ने का सबसे अच्छा समय है। तंबाकू छोड़ने के लिए 41 दिनों की जरुरत होती है। यदि तीन माह तक कोई तंबाकू का सेवन या स्मोकिंग नही करता है तो उसके वापिस शुरु करने की आशंका 10 फीसदी से भी कम रह जाती है। इसलिए कोरोना काल का समय सबसे उपयुक्त हो सकता है।
प्रजन्न क्षमता कमजोर
डा.सिंघल बतातें है कि जब कोई व्यक्ति सिगरेट का सेवन करता है, तो उसका धुंआ शरीर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटा देता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है। इस कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
वहीं तंबाकू के सेवन से पुरुषों के शुक्राणु और महिलाओं के अंडाणु बनाने की क्षमता कमजोर होती है। जिससे प्रजन्न क्षमता पर भी अधिक प्रभाव पड़ता है। वहीं, प्रेगनेंसी के दौरान अगर माता-पिता सिगरेट पीते हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं तो इससे बच्चे के दिमाग और (Health) स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
राजस्थान में 24.7 प्रतिशत लोग टोबैको यूजर
डा.सिंघल ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017 (Global Adult Tobacco Survey) के अनुसार राजस्थान में वर्तमान में 24.7 प्रतिशत लोग (5 में से 2 पुरुष, 10 में से 1 महिला यूजर) किसी न किसी रुप में (Tobacco Product) तंबाकू उत्पादों का उपभोग करते है।
उन्होने बताया कि राज्य सरकार (Rajasthan Governemnt) के सार्थक प्रयासें से तंबाकू नियंत्रण में हो रहे कार्यों से युवाओं में इनके सेवन की औसत उम्र अब 18 वर्ष है, जोकि 2009-10 में 17 वर्ष थी। जिसमें 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रुप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलांए शामिल है। यंहा पर 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते हुए है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष व 5.8 प्रतिशत महिलाए है। इसके साथ ही सबसे अधिक प्रदेश में 38.8 प्रतिशत लोग घरों में सेकंड हैंड स्मोक का शिकार हेते है।
भारत की स्थिति
सुखम फाउंडेशन (Sukham Foundation) के ट्रस्टी डा.सोमिल रस्तौगी ने बताया कि (GATS) ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2017 के अनुसार, भारत में 15 वर्ष से अधिक उम्र के युवा वर्तमान में किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग करते हैं ऐसे वयस्कों की संख्या 28.6 प्रतिशत (27 करोड़) है।
इस तरह हो सकेगा निंयत्रण
उन्होने बताया कि युवाओं को इससे बचाने के लिए तंबाकू उद्योगों द्वारा अपने उत्पादों के प्रति आकर्षित करने के प्रयास पर प्रभावी अंकुश, बच्चों व युवाओं के निंरतर तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति निंरतर जागरुक करने तथा तंबाकू उत्पादें के विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की जरुरत है।
इसके साथ बच्चों व युवाओं को तंबाकू की पहुंच से दूर रखने के लिए तंबाकू निंयत्रण अधिनियम 2003 तथा किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 (JJ Act) की प्रभावी अनुपालना कराने की जरुरत है। सिगरेट की खुली बिक्री पर प्रतिबंध है लेकिन इसकी भी पालना नही हो पा रही है। खुली सिगरेट खरीदना युवाओं के लिए सुगम है, इसलिए खुली सिगरेट की बिक्री पर प्रतिबंध को प्रभावी बनाये जाने की जरुरत है।
तंबाकू की तलब लगने पर क्या करें
तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों को छोड़ने का प्रयास करते वक्त अक्सर मुंह में कुछ चबाते रहने की इच्छा होती है। इसलिए आप एक कटोरी सलाद अपने पास रख सकते हैं, जब तंबाकू की इच्छा हो तब आप सलाद का सेवन कर सकते है। धूम्रपान करने की इच्छा से बचने के लिए आप इलायची, अजवाइन , सौंफ का चबाने में उपयोग कर सकते है। इसको चबाने से भी धूम्रपान करने की इच्छा से लड़ने में सहायता मिलती है।
इसके साथ आप यदि धूम्रपान (Smoking) की आदत छोड़ना चाहते हैं तो ऐसे में शहद का भी इस्तेमाल भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन, एंजाइम और प्रोटीन होते हैं, जो स्मोकिंग छुड़ाने में आपके लिए मददगार साबित हो सकते है।
अश्वगंधा और शतावरी भी तबाकू उपभोगकर्ताओं के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। क्योकि तंबाकू या धूम्रपान के नियमित सेवन से शरीर में निकोटीन जैसे विषैले यौगिकों का जमाव होता है, लेकिन अश्वगंधा और शतावरी जैसी जड़ी बूटियां शरीर से इन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।
इनका करें भरपूर सेवन
तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों (Tobacco Product) का सेवन करने वाले विटामिन सी (Citamin C) से भरपूर फल खाना शुरू करें। संतरा, नीबू, आवंला और अमरुद और सेब आदि खाने आपको तंबाकू की आदत से छुटकारा मिल सकता है। विटामिन सी भी निकोटिन से शरीर को डिटॉक्स कर उसकी तलब कम करता है।
इस लत से बचने के लिए यह करें
धूम्रपान की लत से बचने के लिए व्यस्त रहना बेहद जरूरी है। इसलिए आप अपने दिन की शुरुआत सुबह के नाश्ते, कसरत, ध्यान और काम से शुरू करें। जिससे धूम्रपान (Smoking) करने की इच्छा से बचा जा सके। इससे आप सामान्य जीवन जी सकेंगे।
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