राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, निर्दलीय उम्मीदवारों को 425 सीटें मिलीं, जबकि बहुजन समाज पार्टी को 3 सीटें मिलीं। वहीं सीपीआई-एम ने 16 सीटों पर कब्जा जमाया, तो आरएलपी को 57 सीटें मिलीं।
4,371 सीटों में से 4,239 सीटों के परिणाम घोषित किए गए। मतगणना अभी जारी है।
पंचायत समिति चुनावों में भाजपा की जीत का सिलसिला जारी रहा, वहीं पार्टी ने जिला परिषद का चुनाव जीता। भाजपा ने 353 सीटें जीतीं जबकि कांग्रेस 252 तक सीमित रही।
सीपीआई-एम ने दो सीटों पर, निर्दलीय ने 18 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 10 सीटें जीतीं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, यह जीत भाजपा की ग्रामीण नीतियों पर लोगों की मुहर है। यह किसानों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की विकसित विचारधारा को दर्शाती है और यह जीत भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कठिन प्रयासों को भी दर्शाती है।
पंचायत और जिला परिषद चुनावों की जीत ऐसे समय में हुई है जब मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ राजस्थान में कांग्रेस सरकार किसानों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रही है।
पूनिया ने कहा, राजस्थान के पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस को जीत नहीं दिला सके, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और पूर्व पीसीसी प्रमुख सचिन पायलट अपने ही घर में जीत नहीं पाए। ऐसा लगता है कि कांग्रेस दो साल सत्ता में रहने के बाद अपनी पकड़ खो रही है।
राज्य चुनाव आयोग ने ये चुनाव 21 जिलों – अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में करवाए।
मतदान 23 और 29 नवंबर, 1 और 5 दिसंबर को चार चरणों में हुआ।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, मैं राजस्थान के पंचायती राज और जिला परिषद चुनावों में भाजपा के प्रति विश्वास रखने के लिए राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों, किसानों और महिलाओं को धन्यवाद देता हूं। यह जीत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी में गरीबों, किसानों और कार्यकर्ताओं के विश्वास को दर्शाती है।(आईएएनएस)