राजस्थान : उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा ‘राज्य में स्थानान्तरण आदेश पर तत्काल रोक लगे’

जयपुर। राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में उपनेता प्रतिपक्ष (Rajendra Rathore) राजेन्द्र राठौड़ ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक राज्य में 7.5 लाख कर्मचारी /अधिकारियों के (Transfer) स्थानान्तरण से रोक हटाकर तथाकथित स्थानान्तरण उद्योग, 34 दिन लगातार अंतर्विरोध से डगमगाई सरकार के बाड़ाबंदी में सत्तारूढ़ दल के विधायकों से पटवारी अध्यापक से लेकर आर.ए.एस. अधिकारी तक हजारों की संख्या में ली गई अभिशंषा को मूर्तरूप देने की मंशा के साथ आदेश जारी किये हैं।

राठौड़ ने कहा कि एक ओर (Rajasthan Panchayat election)  राज्य में 3848 ग्राम पंचायत के सरपंच व पंचों के चुनाव की अधिसूचना राज्य निर्वाचन आयोग ने 7 सितंबर 2020 को जारी कर दी थी जिसके कारण चुनाव से जुड़े सभी विभाग राजस्व विभाग के पटवारी से लेकर विभिन्न श्रेणी के शिक्षक, गिरदावर तहसीलदार, उपखण्ड अधिकारी, रसद व आबकारी विभाग सहित दर्जनों विभागों में पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण स्थानान्तरण नियमानुसार प्रतिबंधित हो गये हैं। वहीं ग्राम पंचायत के चुनाव में सत्तारूढ़ जनप्रतिनिधियों द्वारा राज्य कर्मचारियों को स्थानान्तरण का भय दिखाकर पिछले दरवाजे से अपने पक्ष में प्रचार के लिए मजबूर करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है जो लोकतंत्र को कमजोर करेगा।

राठौड़ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा 44 आबकारी अधिकारियों के स्थानांतरण हाल ही में रद्द करने से सरकार की फजीहत हुई है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आचार संहिता के कारण 33 में से 26 जिलों में नियमानुसार स्थानांतरण हो ही नहीं सकते, ऐसे में स्थानांतरण पर रोक हटाने का निर्णय सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के चुनाव में राज्य कर्मचारियों को स्थानांतरण की धमकी से अपने पक्ष में प्रचार करने का प्रयास मात्र है।

राठौड़ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने आबकारी अधिकारियों का स्थानांतरण रद्द करके अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) को भेजे गए पत्र में सख्त लहजे व गंभीरतापूर्वक राज्य सरकार को स्पष्ट संकेत दिया है कि आचार संहिता होने के बावजूद आयोग की अनुमति के बिना स्थानांतरण करना कतई स्वीकार्य नहीं होगा।

राठौड़ ने मांग की कि जब पंचायत चुनाव की आचार संहिता के कारण दर्जनों विभाग में स्थानान्तरण प्रतिबंधित है तो ऐसे में ग्राम पंचायत चुनाव की निष्पक्षता को रखने के लिए 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक तक राज्य के कर्मचारी अधिकारियों के स्थानान्तरण आदेश पर तत्काल रोक लगाई जाए।

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