जयपुर। राज्य सरकार द्वारा राज्य कर्मियों के वेतन से जबरन वसूली के निर्णय के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन के क्रम में आज से राज्यकर्मी सरकारी सोशल मिडिया ग्रुपों में से लैफ्ट होना शुरू हो गये है। इससे सरकारी सूचना सम्प्रेषण पर प्रत्यक्ष प्रभाव पडेगा।
महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेजसिंह राठौड ने बताया कि महासंघ द्वारा सरकारी निर्णय का व्यापक विरोध किया जा रहा है एवं कोविड-19 की गाईडलाईन के कारण कर्मचारियों का एकत्रीकरण नहीं हो सकता है इस कारण महासंघ ने असहयोग आंदोलन आरम्भ किया है आज से सभी सरकारी कर्मचारी सोशल मिडिया के तमाम ग्रुपों से लैफ्ट होकर विरोध प्रदर्शन कर रह है एवं सूचना तंत्र के माध्यम से विरोध दर्ज करवा रहे है।
उन्होने बताया कि महासंघ द्वारा आगामी 2 अक्टूबर 2020 को गाँधी जयन्ती के अवसर पर सामुहिक उपवास करेंगे तथा राज्य में गाँधीवादी मुख्यमंत्री को गाँधीवाद याद दिलवायेंगे। सरकारी ग्रुपों से राज्य के पटवारी, ग्रामसेवक, कृषि पर्यवेक्षक, पशु चिकित्साकर्मी, मंत्रालयिक कर्मचारी, शिक्षक, कानूनगो, तकनीकी अधीनस्थ संवर्ग, बोर्ड व निगमों के तमाम कर्मचारियों ने सोशल मिडिया से लैफ्ट होकर असहयोग आंदोलन का समर्थन किया है। आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है आगामी समय में आंदोलन को उग्र किया जावेगा तथा सरकार को निर्णय निरस्त करने के लिये मजबूर किया जावेगा।