जयपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री (Congress) कांग्रेस नेता (Sachin Pilot) सचिन पायलट ने लंबे समय बाद प्रदेश के (CM Ashok Gehlot) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को (2018 election mainfesto) 2018 में कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव में किए वादों की याद दिलाते हुए पत्र लिखा है। कांग्रेस पार्टी द्वारा वर्ष 2018 में राज्य सरकार की नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) समुदाय को 5 प्रतिशत आरक्षण नही दिया जा रहा है। एसबीसी में गुर्जर समेत 5 जातियां शामिल हैं। पायलट ने विवाद के बाद पहली बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
सचिन पायलट ने लिखा कांग्रेस पार्टी की और से विधानसभा चुनाव 2018 के घेाषणा पत्र में उल्लेख किया गया था। कांग्रेस सरकार में सन् 2011 में समझौता हुआ था कि 4 प्रतिशत अतिरिक्त (छाया पद)एसबीसी के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे। वर्तमान कांग्रेस सरकार ने फरवरी 2019 में सराकर व एसबीसी प्रतिनिधियों से बीच हुए समझौते के अनुसार एस.बी.सी. के लिए 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद और प्रक्रियाधीन भर्तियों के 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद स्वीकृत करने और वर्तमान में चल रही भर्तियों में 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद विभागवार छाया पद स्वीकृत करने के आदेश जारी होने के उपरांत भी कुछेक भर्तियों को छोड़कर शेष सभी भर्तियो में पूरा 5 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया जा रहा ह
सचिन ने लिखा कि अब तक तो प्रतिवेदन मिले है उनके अनुसार जिन भर्तियों में 5 प्रतिशत आरक्षण नही दिया जा रहा है उनकी सूची निम्नानुसार है।
इन भर्तियों में हुई अनदेखी
सचिन पायलट ने पत्र में लिखा कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018, रीट भर्ती 2018, पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013, टेक्निकल हेल्पर भर्ती 2018, नर्सिंग भर्ती 2013 और 2018, जेल प्रहरी भर्ती 2018, आशा सुपरवाइजर भर्ती 2016, कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती 2018, द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2018 एंव भर्तिया शामिल है।
उन्होने लिखा कि देवनारायण बोर्ड और देवनारायण योजना के अन्तर्गत आने वाले विकास के सभी काम भी लगभग ठप्प पड़े हैं, जो पहुंच पीड़ादायक है। इसके लिए समय-समय पर लोग मिलकर दोनों योजनाओं पर काम करने की मांग करते हैं।
दरअसल मई 2010 में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत इन पांच जातियों को 1 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा था। बाद में राज्य सरकार ने नौकरियों में विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत 4ः आरक्षण बढ़ाकर 5ः कर दिया था।हालांकि, सरकार की तरफ से इसको अधिसूचित नहीं किया गया। ऐसे में जो भी भर्ती राज्य सरकार की तरफ से निकाली गई है, उनमें गुर्जर और अन्य जातियों के परीक्षार्थियों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा 2018 के घोषणा पत्र में भी इसका उल्लेख किया गया था।
एक माह से अधिक चला था विवाद
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत व सचिन पायलट के बीच चल सियासी घटनाक्रम करीब 33 दिन चला। इस दौरान दोनो ही ख्ेामेां के विधायक व मंत्री होटलों में सियासी बिसात बिछाते रहे। आखिरकार दिल्ली की केंद्रीय कार्यकारिणी की दखलंदाजी के बाद मामला सुलटा था। इसके बाद अब सचिन पायलट ने पहली बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र की सियासी हल्कों में हलचल है।