Renewable Energy : Kusum Scheme Solar projects affordable Loan
ऊर्जा मंत्री ने लिखा केन्द्रीय मंत्री को पत्र
जयपुर(Jaipur)। ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला (Dr.B.D.Kalla) ने केन्द्रीय ऊर्जा तथा नवी एवं नवीकरणीय ऊर्जा (Power and New & Renewable Energy) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह को पत्र लिखकर (Letter) राजस्थान (Rajasthan) में कुसुम योजना ( KUSUM Yojana) के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों (एसपीजी-स्पेशल पॉवर जनरेटर्स) को सोलर प्रोजेक्ट्स (Solar Project) के इंस्टालेशनन के लिए बैंकों या वित्तीय संस्थानों से लोन दिलाने के मामले में दखल देने का आग्रह किया है।
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उन्होंने प्रदेश में इस योजना में सफल किसानों (Farmers) को लोन (Loan) लेने में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए इस सम्बंध में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय से बैंकों (Bank) या वित्तीय संस्थानों को आवश्यक गाइडलाइंस एवं निर्देश जारी कराने को कहा है।
डॉ. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार (Rajasthan Government) के विशेष प्रयासों के कारण कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए के प्रथम फेज में पूरे प्रदेश में किसानों ने सोलर प्रोजेक्ट्स लगाने के लिए बढ़-चढ़कर रुचि दिखाई हैं।
राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण में 623 सफल किसानों के साथ 722 मेगावाट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट्स (Solar Projects) के लिए अनुबंध (एलओए-लैटर आफ इंटेंट) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस प्रकार राजस्थान पूरे देश में ऎसा पहला राज्य बन गया है, जहां पर किसानों के साथ अधिकतम क्षमता के सोलर प्लांट्स के लिए करार हुए है।
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ऊर्जा मंत्री डॉ. कल्ला ने केन्द्रीय मंत्री को लिखे पत्र में अवगत कराया है कि एक मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट (Solar Plant) की स्थापना के लिए 3.5 करोड़ से लेकर 4 करोड़ रुपये की लागत आती है।
ऎसे में प्रदेश के कुसुम योजना (( KUSUM Yojana)) के कम्पोनेंट-ए में सफल किसानों को अफोर्डेबल ब्याज दरों तथा बिना सिक्योरिटी के लोन देने के लिए ज्यादातर बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों द्वारा मना किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुसुम योजना के कम्पोनेंट-ए में सफल किसान लोन के लिए सिक्योरिटी जमा कराने की स्थिति में नहीं है।
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डॉ. कल्ला ने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश के इन किसानों की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अन्य प्रदेश में भी कुसुम योजना के इस कम्पोनेंट के तहत सफल किसानों को भी निश्चित तौर पर ऎसी ही कठिनाइयों को सामना करना पड़ रहा होगा।
ऎसे में इस समस्या के समाधान के लिए केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय को दखल देते हुए इस मुद्दे पर केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के स्तर पर विमर्श करने तथा वहां से रिजर्व बैंक के जरिए बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों, नाबार्ड, पॉवर फाईनेंस कॉरपोरेशन एवं आरईसी-रूरल इलैक्टि्रफिकेशन कॉरपोरेशन आदि को गाइडलाइंस एवं आवश्यक निर्देश जारी कराने का आग्रह किया है।
उन्होंने उम्मीद जताई है कि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के दखल के बाद इस मुद्दे में प्रदेश के किसानों के हित में सकारात्मक एवं वांछित कार्यवाही होगी और इससे राजस्थान में कुसुम योजना ( KUSUM Yojana) के इस घटक को धरातल पर लागू करने में आसानी होगी।
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