जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore)ने कहा कि शनिवार से (Rajasthan assembly session)राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है, जो केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि, कृषि व्यापार से जुड़े तीन कानून जो 24 सितम्बर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद देश में प्रसारित हो गए हैं उनके के लिए यह सत्र बुलाया जा रहा है, जो कि संविधान की मंशा के विपरीत है।
राठौड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र निश्चित रूप से आहुत होना चाहिए, लेकिन आहुत इस बात पर होना चाहिए कि राजस्थान में कानून व्यवस्थाओं की धज्जियाँ उड़ी हुई है। नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट की ताजा रिपोर्ट आई है जिसमें राजस्थान में 21.4 प्रतिशत अपराध बढ़े, जयपुर में 30.7 प्रतिशत अपराध बढ़ना इस बात को साबित कर रहा है कि प्रदेश में आम आदमी दहशतगर्दी की जिंदगी जी रहा है।
प्रदेश में मां बहने उत्पीड़न का शिकार
उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्रतिदिन 92 माँ, बहन, बेटियाँ किसी न किसी उत्पीड़न का शिकार होती है। बच्चों के अपराध में 1.96 फीसदी बढ़ोतरी हुई है राजस्थान में भय का माहौल बना हुआ है। ध्यान में आता है कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में दो दिन पहले ही लोहावट में न्यायालय के स्थगन के बाद भी हमलावरों द्वारा मृतक की जमीन पर ट्यूबवेल खोदने की कोशिश की जाती है और विरोध करने पर चतुराराम नाम के व्यक्ति पर हमला किया, जब सुरक्षा के लिए पुलिस सेे गुहार की तो पुलिस नहीं आई, उल्टे थाने आकर एफआईआर दर्ज करवाने पर ही कार्रवाई करने को कहा और उसकी हत्या कर दी गई।
राठौड़ ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि सत्तारूढ़ दल के चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी को हत्यारों को गिरफ्तार करने के लिए मृतक के शव के साथ धरने पर बैठना पड़ा। बीकानेर के व्यापारी को गोली मारने वाली घटना, शाहपुरा में व्यापारी को लूटना और गोली मार देना, अलवर में सैलेरी मांगने पर दलित युवक को डीप फ्रीज में डालकर उसे जला देना, पूर्व विधायक के पुत्र की हत्या में चश्मदीद गवाह की हत्या कर देना, उससे लगता है कि राजस्थान अपराधों का गढ़ और अपराधियों की ऐशगाह बन चुका है।
राठौड़ ने कहा कि प्रदेश आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में राजस्थान की सरकार विशेष सत्र बुलाकर केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि और कृषि से सम्बन्धित तीनों बिलों को अपने नेताओं को खुश करने के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं।
प्रदेश के तीनों महानगरों में भाजपा का परचम
राठौड़ ने दावा करते हुए कहा कि तीनों महानगरों में भाजपा का परचम फहरायेगा। नगर निगम चुनाव का अंतिम चरण प्रारम्भ हो रहा है। पहली बार राजस्थान के तीनों महानगरों में जिसका चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस सरकार ने बिना मापदण्ड और मानदण्ड के दो-दो भागों में शहरों के नगर निकायों को विभाजित किया। पहली बार कानून व्यवस्था एक मुद्दा रहा एक वर्ष से प्रशासक लगाने के बाद भी नगर निगम चुनाव में बड़ी पराजय की ओर बढ़ रही है। यह पहली बार हुआ है कि कांग्रेस का संगठन प्रदेशभर से लेकर ब्लॉक स्तर तक नदारद रहा और चुने हुए विधायकों ने अपने पूरे वर्चस्व को बनाने के लिए कांग्रेस सरकार को मजबूर कर दिया।
मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र को अपमानित करने का काम किया
राठौड़ ने कहा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में राजस्थान के गृहमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जिन्होंने अपने मताधिकार का भी प्रयोग नहीं किया। एक तरह से लोकतंत्र को अपमानित करने का काम किया। उनके शासन में कानून व्यवस्था जर्जर है, प्रदेश में विकास की कोई सम्भावना दूर-दूर तक नहीं है। इस प्रकार की दहशतगर्दी जयपुर में पुलिस के द्वारा मतदान के दौरान की गई, जिसके कारण पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी को धरने पर बैठना पड़ा। इसके बाद भी कांग्रेस पार्टी निगमों में काबिज नहीं हो पाएगी।
पंचायतराज संस्थाओं की दुर्दशा
उन्होंने कहा कि दो साल में पंचायतराज संस्थाओं की दुर्दशा हुई है, जो उनका वैधानिक अधिकार है राज्य वित्त आयोग, केन्द्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों से सीधी स्थानांतरित होनी चाहिए थी उसमें 970 करोड़ रोकना राज्य वित्त आयोग की पंचम की रोकना राज्य सरकार पंचायतीराज संस्थाओं को पंगु करना चाहती है। सरकार इस डर से मंथन-चिंतन में लगी हुई की बिना निशान के पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव कराएं इससे पता चलता है कि सरकार हर क्षेत्र में विफल रही है।
बेरोजगारी भत्ता 3 माह से बंद
राठौड़ ने बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने के वादे पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान में 15.30 फीसदी बेरोजगारी राजस्थान में है, बेरोजगारी भत्ता देने वाली सरकार ने मापदण्ड के अनुसार बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, प्रदेश में उन बेरोजगारों की संख्या 27 लाख है, उसकी बजाय केवल 68,000 बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया, वह भी पिछले 3 महीने से बंद है।
उन्होंने डावाडोल वितीय व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के कहने से आर्थिक सलाहकार परिषद की पहली बैठक हुई, जिसमें आयोजना सचिव सिद्धार्थ महाजन ने आँकड़ों के साथ यह कहा कि राज्य सरकार का कुल राजस्व का 108 प्रतिशत ”वेतन, पेंशन और लिए गए कर्ज की ब्याज की अदायगी” में जा रहा है। राज्य सरकार आर्थिक आपातकाल की ओर बढ़ रही है, राज्य सरकार ने जो बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया था उस बजट घोषणा में किये गये वादे अभी तक भी पूरे नहीं किये गये। मुख्यमंत्री को सत्र बुलाकर कहना चाहिए कि जिन परिस्थितियों में राजस्थान की अर्थव्यवस्था है और सरकार ने जो बजट रखा उसमें कितना योजना में कटेगा, कौन-कौनसी घोषणा सरकार ने स्थानीय निकायों के चुनाव और पंचायतराज चुनाव को जीतने के लिए योजनाओं पर सत्र में चर्चा होनी चाहिए।
भाजपा गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में
राठौड़ ने कहा कि भाजपा गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में है। भाजपा सबसे पहले यह कानून लेकर आई, जिसे नवीं सूची में डालने के लिए केन्द्र को भी भेजा। 2014 में भाजपा कानून लेकर आई, 2018 में फिर कानून लेकर आई। भाजपा सरकार में गुर्जर समाज के 4,000 से ज्यादा लोगों को आरक्षण में नौकरियाँ भी मिली।
उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने वादों के अनुसार गुर्जरों के साथ न्याय नहीं कर रही है, गुर्जर समाज वह समाज है जिसने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए शत प्रतिशत वोट दिया था। लेकिन आज सचिन पायलट को लगातार अपमानित किया जा रहा है, गुर्जर समाज से वार्ता करने के बजाय चंद प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है ताकि गुर्जर समाज भ्रमित हो जाए।