जयपुर(Rajasthan News)। राजस्थान (Rajasthan) के सता संग्राम (Political Crisis) में भले ही सचिन पायलट(Sachin Pilot) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की जंग अब शांत हो चुकी हो लेकिन पिक्चर अभी भी जारी है। मुख्यमंत्री(CM) अशोक गहलोत के करीबी नेता धमेन्द्र राठौड, राजीव अरोड़ा, अशोक गहलोत के भाई, बेटे, मित्र रतनकांत शर्मा के बाद अब नम्बर आया है प्रताप सिंह खाचरियावास का। राजस्थान सरकार के परिवहन मंत्री (Transport Minister Pratap Singh khachariyawas) प्रताप सिंह खाचरियावास को कथित भूमि सौदों (Land Scam) से जुडे विवादों में ईडी (ED Notice)ने नोटिस जारी कर तलब किया और पूछताछ की। यह नोटिस प्रताप सिंह के पिता और भाई को भी भेजे गए।
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दरअसल, एक फर्म द्वारा बॉर्डर के पास कथित जमीन खरीद-फरोख्त मामले में खाचरियावास से ईडी पूछताछ करना चाहती है क्योंकि इस सौदे में उनका परिवार भी शामिल था। ईडी द्वारा जारी नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उनके भाई और पिता के नाम ईडी का नोटिस आया है। नोटिस में आरोप है कि पीएसीएल कंपनी के एजेंट के रूप में प्रताप सिंह खाचरियावास के परिवार की कंपनी बॉर्डर पर जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम करती थी। इसी मामले में पैसे के लेन-देन में ईडी का नोटिस थमाया गया है।
इस नोटिस से सकपकाए प्रताप सिंह खाचरियावास ने केन्द्र सरकार और अपने राजनीतिक दुश्मनों पर जमकर निशाना साधा। उनका कहना है कि ये मामला जयपुर ईडी के दफ्तर में बंद हो चुका था, फिर भी राजनीतिक षड़यंत्र के तहत जानबूझकर इसे वापस खुलवाया गया, साथ ही कहा जा रहा है कि प्रताप सिंह खाचरियावास को ईडी ने उनको और उनके पिता को सोमवार को ईडी दफ्तर में दिल्ली आने के लिए कहा था। लेकिन खाचरियावास तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चार्टर्ड प्लेन से जैसलमेर चले गए। ईडी के नोटिस को अनदेखा कर दिया।
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खाचरियावास का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी ने काफी गंदा खेल खेला है। बीजेपी को समझना चाहिए कि उनके पिता लक्ष्मण सिंह शेखावत, भैरोंसिंह शेखावत के छोटे भाई हैं, जो उनकी पार्टी के बड़े नेता थे। उन्होंने कहा कि वो अपने परिवार के लोगों के खिलाफ इस तरह से साजिश रच रहे हैं। परिजनों को नोटिस देने की कार्रवाई गलत है। उनके बयानों को दबाने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है।
राजनीतिक षडयंत्र के तहत यह सब काम हो रहा है। आप को बता दें हाल में प्रताप सिंह खाचरिवास अपने उस बयान को लेकर काफी चर्चा में आए थे। जब बगावत पर उतर सचिन पायलट के लिए उन्होने कहा था कि जब सचिन पायलट निक्कर पहनते थे, तब मैं यूनिवर्सिटी का अध्यक्ष बन गया था। इस दौरान उनके विरोधियों ने उनकी काफी आलोचना भी और कहा कि जिस प्रताप सिंह को कांग्रेस में जिलाध्यक्ष, प्रवक्ता, विधायक का टिकट दिलवाने से लेकर मंत्री बनाने तक में सचिन पायलट की अहम भूमिका रही उन्हीं के खिलाफ इस तरह की असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया।
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