जयपुर। राजस्थान सरकार ने अपने आदेशों में एनसीटीई के 2011 के आदेश का हवाला देते हुए रीट परीक्षा (Reet Exam) सफल प्रतियोगियों के प्रमाण पत्र की वैधता मात्र 3 साल दी है जबकि एनसीटीई द्वारा 29 सितंबर 2020 की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार अध्यापक पात्रता परीक्षा की वैधता आजीवन कर दी गई है।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जयपुर प्रांत संयोजक नितिन कासलीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र देकर रीट परीक्षा की वैधता आजीवन करने की मांग की है।
उन्होने पत्र में बताया कि देश के विभिन्न राज्यों ने इस नए प्रावधान को लागू कर दिया है। विभिन्न समाचार पत्रों में यह समाचार अक्टूबर माह में ही प्रकाशित कर दिया गया था। राजस्थान सरकार के 2 वर्ष पूर्ण होने पर युवाओं के लिए कोई उत्साहवर्धक घोषणा करना तो दूर असंवेदनशील नौकरशाही ने युवाओं के घावों पर भयंकर नमक छिड़क दिया है और प्रदेश के लाखों युवाओं की बेरोजगारी का मजाक उड़ाया है। उन्होने मुख्यमंत्री से केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में राजस्थान में भी रीट परीक्षा की वैधता आजीवन करने का आदेश तुरंत जारी करने की मांग की है।