जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटाखों से निकलने वाले विषैले धुएं (Banning The Sale Of Firecrackers)से कोविड-19 संक्रमित रोगियों एवं आमजन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रदेश में पटाखों की बिक्री एवं आतिशबाजी पर रोक लगाने तथा बिना फिटनेस के धुआं उगलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रदेशवासियों की जीवन की रक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। श्री गहलोत रविवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण की स्थिति, ‘नो मास्क-नो एंट्री’ तथा ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बैठक में अनलॉक-6 की गाइडलाइन पर भी चर्चा की और दिशा-निर्देश भी दिए।
श्री गहलोेत ने कहा कि आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं के कारण कोविड मरीजों के साथ ही हृदय एवं श्वास रोगियों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। ऎसे में, दीवाली पर लोग आतिशबाजी से बचें। उन्होंने पटाखों के विक्रय के अस्थायी लाईसेन्स पर रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शादी एवं अन्य समारोह में भी आतिशबाजी को रोका जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्मनी, यूके, फ्रांस, इटली, स्पेन जैसे विकसित देशों में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है। कई देशों को तो पुनः लॉकडाउन लगाने पर मजबूर होना पड़ा है। हमारे यहां भी ऎसी स्थिति उत्पन्न न हो जाए, इसे देखते हुए हमें भी सावधानी बरतनी होगी।
श्री गहलोत ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे लालबत्ती होने पर वाहनों के इंजन को बंद कर दें। साथ ही, मौहल्लों में कचरे को न जलाएं। ऎसे छोटे, किन्तु महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर हम सभी पर्यावरण प्रदूषण रोकने और प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं।उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। फिटनेस होने के बावजूद यदि वाहन निर्धारित मात्रा से अधिक धुआं छोड़ते पाया जाता है तो सम्बन्धित फिटनेस सेन्टर पर भी कार्रवाई हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2000 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए। परीक्षा परिणाम मेंं चयनित चिकित्सकों को समस्त प्रक्रिया 10 दिन के भीतर पूरी कर जल्द नियुक्ति दी जाए। इससे कोरोना सहित अन्य रोगों के उपचार में मदद मिलेगी।
अनलॉक-6 की गाइडलाइन पर चर्चा के दौरान प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार ने बताया कि प्रदेश में स्कूल-कॉलेज सहित शिक्षण संस्थान एवं कोचिंग सेन्टर्स 16 नवम्बर तक नियमित शैक्षणिक गतिविधियों के लिए बन्द रहेंगे। इसके पश्चात पुनः समीक्षा कर उनके सम्बन्ध में निर्णय लिया जाएगा। स्वीमिंग पूल, सिनेमा हॉल, थियेटर, मल्टीप्लेक्स, एन्टरटेनमेन्ट पार्क आदि पूर्व के आदेश के अनुरूप 30 नवम्बर तक बंद रहेंगे। विवाह समारोह में अतिथियों की अधिकतम सीमा 100 रहेगी। अन्तिम संस्कार में 20 व्यक्तियों की सीमा पूर्ववत लागू रहेगी।साथ ही, खुले स्थानों पर जिला कलेक्टर की अनुमति से होने वाले सामाजिक एवं राजनीतिक समारोहों में 2 गज की दूरी बनाए रखकर अधिकतम 250 लोगों तक को ही अनुमति दी जा सकेगी। बन्द हॉल में हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत के साथ अधिकतम 200 लोगों तक अनुमत हो सकेंगे। इन कार्यक्रमों में मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग रखने आदि की पालना जरूरी होगी।
‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलावटखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने के लिए कानून में संशोधन किया जाएगा।
स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने बताया कि ‘नो मास्क-नो एन्ट्री’ अभियान के तहत विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, स्काउट एण्ड गाइड, एनसीसी, एनएसएस आदि के सहयोग से लोगों को मास्क लगाने के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। मास्क वितरण, स्टीकर लगाने, पोस्टर वितरण, जागरूकता रैली आदि आयोजन किए जा रहे हैं।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक अपराध एम.एल. लाठर, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोरा, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सिद्धार्थ महाजन, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।