जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में बैरवा, बेरवा जाति वर्ग (Bairwa Samaj) की स्थिति का जायजा लेने के साथ ही प्रमाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा इनके पिछड़ेपन को दूर करने के सुझाव (Rajasthan Government) राज्य सरकार को (Rajasthan State Balinath Board) बोर्ड देगा। इसके लिए मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान राज्य बालीनाथ बोर्ड का गठन किया है।
बोर्ड द्वारा समाज के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित करने, वर्तमान में संचालित विभिन्न योजनाओं के संबंध में विभिन्न विभागों से समन्वय करने, समाज के परम्परागत व्यवसाय को वर्तमान तौर-तरीकों से आगे बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा समाज के शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नयन के संबंध में सुझाव दिए जाएंगे। साथ ही, सामाजिक बुराइयों एवं कुरीतियों के विरूद्ध ठोस उपाय करने सहित अन्य सुझाव भी राज्य सरकार को प्रस्तुत किए जाएंगे।
राजस्थान राज्य बालीनाथ बोर्ड में ये होंगे सदस्य
बोर्ड में 5 गैर सरकारी सदस्य (अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा 3 सदस्य) होंगे। साथ ही, उद्योग विभाग, स्कूल शिक्षा (प्राथमिक/माध्यमिक) एवं संस्कृत शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, श्रम विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव/आयुक्त/निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड में सरकारी सदस्य के रूप में होंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक स्तरीय अधिकारी बोर्ड में सचिव होंगे।
राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अथवा उनके प्रतिनिधि बोर्ड के विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। बोर्ड का प्रशासनिक विभाग सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग होगा।
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