-“विवेकानंद दर्शन : विज्ञान एवं अध्यात्म सेतु” कार्यक्रम में 30 हस्तियों का सम्मान
जयपुर । विज्ञान भारती एवं सनराइज कृषि भूमि विकास एवं अनुसंधान प्रा.लि. जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जयंती) के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय कार्यक्रम “विवेकानंद दर्शन : विज्ञान एवं अध्यात्म सेतु” का आयोजन किया गया।
श्रीपिंजरापोल गोशाला के सुरभि सदन में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री, पीजीसीआईएल, भारत सरकार के स्वतंत्र डायरेक्टर रामनरेश तिवारी, आरएसएस के क्षेत्रीय बौद्दिक प्रमुख डॉ. श्रीकांत, विज्ञान भारती राजस्थान इकाई के सचिव डॉ. मेघेंद्र शर्मा व भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता के आतिथ्य में आयोजन हुआ।
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कार्यक्रम संयोजक मुकेश भारद्धाज ने बताया कि समारोह के दौरान उल्लेखनीय सेवाओं के लिए 30 विशिष्ठजनों शॉल ओढाकर व रामचरित मानस ग्रंथ भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम सह संयोजक मोनिका गुप्ता व संगीता गौड़ ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीकांत ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि विवेकानंद वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाले थे और उन्होंने समाज सुधारक के रूप में महान कार्य किया है जिनका सबको अनुसरण करने की जरुरत है। उन्होंने युवा पीढी को सनातन धर्म के अनुसार संस्कारित जीवन जीने का आह्वान किया। उन्होंने आध्यात्मिकता को बचाने के लिए संस्कारित होने की सलाह दी।
कार्यक्रम के वक्ता रामनरेश तिवारी ने कहा कि भारत में दो परम्पराएं चली हैं जिसके आधार पर भारत जागृत रहा है। एक तो ऋषि और दूसरी कृषि परम्परा। इनमें ऋषि परम्परा से सारे विषय निकले हैं और समाज में जीने की कला एवं ज्ञान दिया है। कृषि परम्परा के तहत ही गाय माता आती है तैतीस करोड़ देवी देवताओं की जननी गाय माता है इसलिए भारत इन दो परम्पराओं के आधार पर जागृत है।
उन्होंने कहा कहा परम्पराओं को भूलने का काम किया गया है तो आज अधकचर संस्कृति में हो गए हैं तो समाज को कैसे जगायेंगे और कैसे चलायेंगे। उन्होंने कहा कि भारत की परम्पराओं को बचाना है और परम्परा को मानने का काम करना है। आज संस्कार का हनन हुआ है इसे बचाना है।
उन्हेांने कहा कि परम्पराएं चलती रही, इसलिए भारत चलता रहा। भारत को पुन: आगे बढ़ाना है तो विज्ञान और परम्परा को बचाना होगा और उसे आगे बढ़ाना है।
वहीं, डॉ. अतुल गुप्ता ने सनातन धर्म में गौमाता के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि गौमाता के पंचगव्य का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। गुप्ता ने कहा कि गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गाय के गोबर से जैविक खेती करने की जरूरत है। इससे न केवल गौशालाएं आर्थिक रूप से सुदढ होंगी, बल्कि गौमाता का भी संरक्षण होगा। उन्होंने जैविक उत्पादों के उपयोग पर बल दिया।
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इस मौके पर महामंडलेश्वर सीताराम त्रिपाठी, शिवनंदन जी महाराज, संत प्रकाश जी महाराज, आचार्य अनुपम जौली, अमरनाथ महाराज, श्रीपिंजरापोल गौशाला समिति केशिवरतन चितलांगिया, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष खीमा राम चौधरी, महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पा राठौड़ व सच बेधड़क ग्रुप के विनायक शर्मा बतौर विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
अंत में पर्यावरण संरक्षण, भारतीय संस्कृति एवं सनातन को अध्ययंगम करने, नशा एवं दुर्व्यसनों से दूर रहने, भारतीय विचार के लिए प्रेरित करने, समाज व देश विरोधी गतिविधि से दूर रहने तथा सोशल मीडिया का उपयोग देश की गरिमा के खिलाफ नहीं करने की शपथ दिलाई गई। साथ ही गौमाता का पूजन कर सभी के लिए प्रसादि का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विजय चटर्जी, राधेश्याम उपाध्याय, कमलेश टाक, हेमत शर्मा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन हीरेन जोशी ने किया।
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