जयपुर। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जयपुर के जे एल एन मार्ग स्थित होटल क्लार्क्स आमेर के स्वर्ण महल में एक खास और प्रेरणादायी कार्यक्रम “लेट्स ग्रो टुगेदर – होलिस्टिक एंड वेलनेस इवेंट” का आयोजन अल्माइटी इंटरनेशनल एस्ट्रोलॉजर कॉन्क्लेव (एआईएसी) द्वारा किया गया।
कार्यक्रम ने मानसिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिकता और अच्छे जीवन के विचारों को एक मंच पर जोड़कर लोगों के दिलों को छू लिया। आयोजक डॉ. एस्ट्रो मेघा शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत दीप प्रज्वलन से हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, फर्स्ट इंडिया न्यूज़ और भरत24 चैनल के सीईओ, डॉ. जगदीश चंद्र कातिल; पंडित सतीश शर्मा और डॉ. विनोद कुमार शर्मा जैसे विद्वान रहे। कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ हॉनर, नारायण हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर, बलविन्दर वालिआ और बी.के.सूद थे।
इस अवसर पर डॉ. मेघा शर्मा ने कहा कि “हम चाहते हैं कि हर उम्र और हर पृष्ठभूमि के लोग समझें कि स्वास्थ्य सिर्फ दवाइयों से नहीं, बल्कि अपनी जीवनशैली में अच्छे बदलाव करने से आता है।” इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ जानकारी बांटना नहीं, बल्कि लोगों को एकजुट कर उनकी जिंदगी को बेहतर बनाना है।
दीप्ति चौधरी सैनी, प्रीति सचदेवा, रणू नाथानी श्रीवास्तव और मीनू गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में कई रोचक और उपयोगी सत्र हुए जैसे समर सिंह द्वारा जुम्बा थेरेपी जिसने सभी को फिटनेस की ओर प्रेरित किया; जबकि प्रीति सचदेवा के बचाटा डांस ने ऊर्जा और उत्साह से वातावरण को भर दिया। निशा सिंह ने हार्ट ओपनिंग योगा सत्र कराया, आस्था माथुर ने साउंड बाउल हीलिंग दी और स्वामी अमित देव ने तनाव कम करने और आध्यात्मिक जीवन जीने के तरीके सिखाए।

स्वास्थ्य और वेलनेस पर चर्चा के दौरान डॉ. सुमित गख्खर, डॉ. अंशु जैन, डॉ. सुदिप्ति अरोड़ा और लाइफ कोच पूजा शर्मा ने मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता के महत्व पर बात की। वहीं, वैकल्पिक उपचार पर पैनल डिस्कशन में दीप्ति चौधरी सैनी, डॉ. जसलीन कौर, डॉ. हर्ष मिश्रा और डायटीशियन, डॉ. किर्ती जैन ने मिथकों और सच्चाइयों पर खुलकर चर्चा की।
टॉक शो और सम्मान समारोह ने कई प्रेरणादायक कहानियों को उजागर किया। जिसके बाद डॉ. सौरभ सिंह शेखावत के “गुरु चेंजिंग एंड आर्ट ऑफ लिविंग सत्संग” सत्र ने सभी को आत्मिक शांति का अनुभव कराया।
यह आयोजन इस बात का संदेश लेकर आया कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर, मन और आत्मा का संतुलन ही असली स्वास्थ्य है। “लेट्स ग्रो टुगेदर” ने न केवल विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को जोड़ा, बल्कि आम लोगों को भी यह प्रेरणा दी कि स्वस्थ रहना सिर्फ बीमारी से दूर रहने का नाम नहीं है, बल्कि खुशहाल और संतुलित जीवन जीना भी जरूरी है।