पहला फेज पूरा, दूसरे फेज में 700 से अधिक एलपीजी इस्त्री बॉक्स होंगे वितरित
जयपुर। प्रेसवालों को पारंपरिक कोयले से चलने वाली इस्त्री के स्थान पर पर्यावरण के अनुकूल एलपीजी से चलने वाली इस्त्री उपलब्ध कराने की एक अनूठी पहल ‘द इस्त्री प्रोजेक्ट’ को जयपुर के एक एचएनआई (हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स) समूह समर्थन दे रहा है।
यह समर्थन पहले फेज की अत्यधिक सफलता के बाद आया, जिसमें जयपुर के 425 प्रेसवालों को कोयले से एलपीजी इस्त्री बॉक्स में परिवर्तित किया गया था। इसके अलावा जयपुर में कुछ चुनिंदा रिटेलर्स को भी सक्रिय किया गया, जिससे एक मजबूत आफ्टर-सेल्स सेवा सेटअप तैयार की जा सके। आज दूसरे फेज की शुरुआत के साथ, वितरण अब पूरे जयपुर में फैल रहा है, जिससे कई और योग्य प्रेसवालों को एलपीजी इस्त्री बॉक्स मिल सकेंगे।
उद्यम व्यापार द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य छोटे पैमाने के प्रेसवालों का उत्थान करना है। हम आशा करते है कि इस विश्वास से प्रेरित हो कर हर प्रेसवाला बेहतर परिस्थितियों में कार्य कर पाए, यह पहल न केवल स्थिरता बल्कि आजीविका का उत्थान भी करती है।
यह पहल उन्हें एलपीजी इस्त्री बॉक्स से लैस करके, उनकी आय की क्षमता बढ़ाने, स्वास्थ्य सुधारने और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करने में मदद करती है। एलपीजी इस्त्री पारंपरिक कोयले या लकड़ी से चलने वाली इस्त्री की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कुशल है, जिससे एक स्वच्छ और अधिक स्थायी आजीविका का स्रोत होता है।
“मैं इस व्यवसाय (प्रेस करना) में 20 से अधिक वर्षों से हूँ। पहले मैं एक दिन में लगभग 1,000 रुपये कमाता था, लेकिन एलपीजी इस्त्री बॉक्स का उपयोग शुरू करने के बाद, मैं आराम से हर दिन 2,000 से 2,500 रुपये के बीच कमा लेता हूँ। इसके अलावा, मैं हर दिन लगभग 2 घंटे बचा लेता हूँ क्योंकि अब मुझे इस्त्री गर्म होने का इंतजार नहीं करना पड़ता, और मेरी इस्त्री की गुणवत्ता भी बेहतर हो गई है,” यह कहना था दूसरे पीढ़ी के प्रेसवाले मनोज का, जो जयपुर में ‘द इस्त्री प्रोजेक्ट’ के फेज 1 से इस प्रोजेक्ट में जुड़े थे।
जयपुर के जनता कॉलोनी स्थित खंडेलवाल सेवा सदन में दुसरे फेज की शुरुवात के साथ यह पहल एक नए मील का पत्थर स्थापित कर रही है। इस फेज में अगले 6 महीनों में 700 से अधिक एलपीजी इस्त्री बॉक्स वितरित किए जाएंगे।
कृष्णन रंगनाथन, निदेशक, उद्यम व्यापर ने इस अवसर पर कहा कि “हम प्रभु दयाल माहेश्वरी और गोविंद कांकनि के प्रति अत्यंत आभारी हैं, जिन्होंने ‘द इस्त्री प्रोजेक्ट’ का समर्थन किया। उनका हमारे दृष्टिकोण पर विश्वास और प्रेसवालों के उत्थान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इस पहल को जयपुर में फैलाने के लिए महत्वपूर्ण रही है। हम इस प्रोजेक्ट द्वारा लाई जा रही सकारात्मक बदलावों को लेकर उत्साहित हैं।”
‘द इस्त्री प्रोजेक्ट’ पहले से ही 5 शहरों में 6,500 से अधिक प्रेसवालों को सशक्त बना चूका है, उनकी वार्षिक आय में 32 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है और हर साल पर्यावरण से 5,000 टन सीओ2 का उत्सर्जन कम हुआ है।
सीनियर मैनेजर, ‘द इस्त्री प्रोजेक्ट’, सिरिल जोसेफ ने कार्याक्रम के दौरान कहा कि “हालांकि हमने जयपुर के पहले फेज में कोयला इस्त्री व्यापारियों को एलपीजी में परिवर्तित कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर चुके है, लेकिन यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है।
दूसरा फेज में किये जाने वाले वितरण के बाद भी जयपुर में एक बड़ा समुदाय अभी भी कोयले पर निर्भर है जिसके चलते हमारा लक्ष्य कई और व्यापारियों को स्थानांतरित करना है। देश को 100% कोयला मुक्त बनाने के लिए, हमें तुरंत और अधिक सीइसआर साझेदारों और हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स की आवश्यकता है, ताकि इस महत्वपूर्ण उद्देश्य का समर्थन किया जा सके, जिससे बेहतर आजीविका और एक स्वच्छ शहर सुनिश्चित हो सके”।