कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन तैयारी और समीक्षा बैठक में कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले में निमोदा हरि जी के पास चंबल नदी में 6 लोगों के बह जाने जैसी दुखद घटना की पुनरावृत्ति न हो। वर्षाजनित दुर्घटनाओं की आशंका वाले स्थलों पर राहत एवं बचाव दलों को पूरी तैयारी के साथ तैनात किया जाए। इन दलों के पास नाव,प्रशिक्षित गोताखोर,रस्सी,टॉर्च सहित सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध रहें। आपात स्थिति में आवश्यक होने पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो।
लोकसभा अध्यक्ष गुरुवार शाम कोटा कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन तैयारी और समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारी बारिश से जिन घरों में पानी भर गया है और जिन लोगों के पास कपड़े, बर्तन या खाने-पीने का सामान नहीं है, उनके लिए तुरंत आवश्यक व्यवस्था की जाए। मौसम विभाग द्वारा 18 जुलाई को जारी भारी बारिश के रेड अलर्ट को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों की पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने निर्देश दिए कि तहसीलदार, पटवारी व अन्य फील्ड अधिकारी प्रभावित इलाकों की वीडियोग्राफी करवाएं और जलभराव के कारणों का विश्लेषण करें ताकि भविष्य में इससे बचाव की ठोस योजना बनाई जा सके। नगर निगम और कोटा विकास प्राधिकरण को निर्देश दिए गए कि जहां आवश्यक हो, वहां नए नालों का निर्माण हो, सीवर लाइन की सफाई हो और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत जल्द करवाई जाए। शहरी क्षेत्रों में जलभराव वाली कॉलोनियों की वीडियोग्राफी कर निगरानी टीम बनाई जाए। नगर निगम के पास जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो। बिजली गुल होने की शिकायतों का त्वरित समाधान हो और बंद रोड लाइट्स को जल्द से जल्द चालू किया जाए।

बिना देरी के तैयार हो सर्वे रिपोर्ट
श्री बिरला ने निर्देश दिए कि अतिवृष्टि से हुए नुकसान का बिना देरी किए त्वरित सर्वे कर प्रभावितों को राहत राशि दिलवाएं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के प्रावधानों की जानकारी सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी और फील्ड स्टाफ को होनी चाहिए। स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य भवनों में हुए नुकसान का भी सर्वे कर प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। उन्होंने जलभराव के कारणों की जांच के निर्देश दिए।
सभी जरूरी व्यवस्था रहें दुरुस्त
श्री बिरला ने स्वास्थ्य, पेयजल सहित सभी आवश्यक सेवाओं की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण टूटी सड़क, पुलिया और गड्ढों की समय पर मरम्मत हो। बांधों से पानी छोड़े जाने की स्थिति में आसपास रहने वालों को समय पर जानकारी दी जाए और लोगों को जागरूक किया जाए कि वे बारिश के दौरान नदी-नालों व डूब क्षेत्र की ओर न जाएं। उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर समय पर अलर्ट लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था के निर्देश दिए।
गंभीर समस्याओं का सूची तैयार करें
श्री बिरला ने निर्देश दिए कि एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और ग्राम सचिव अपने क्षेत्र की गंभीर समस्याओं की सूची तैयार करें ताकि बजट घोषणाओं में जरूरी कार्यों को शामिल किया जा सके। दोनों नगर निगमों के प्रशासनिक प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि सड़कों के किनारे पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदे जाएं, कचरा प्वाइंट्स की नियमित निगरानी हो और गौशालाओं में आवश्यकता अनुसार बाउंड्री व शेड निर्माण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बारिश समाप्त होने के बाद सड़कों पर कोई गड्ढा न दिखे और सभी रोड लाइट्स चालू रहें ।
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष के ओएसडी राजीव दत्ता, जिला कलेक्टर पीयूष समारिया,कोटा शहर एसपी डॉ.अमृता दुहन, कोटा ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर,डीएफओ अपूर्व श्रीवास्तव,मुकुंदरा हिल्स के डीएफओ एस.मुथु,नगर निगम आयुक्त,एडीएम,एसडीएम सहित सभी जिला स्तरीय व आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।