जयपुर। हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय (Haridev Joshi University of Journalism and Mass Communication) में सत्र 2021-22 के लिए प्रवेश प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31अगस्त, 2021 है। आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन (Online Admission) रखी गई है।
पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना के कारण प्रवेश परीक्षा नहीं होगी। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को सीधे मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। केवल पीएच-डी के लिए प्रवेश परीक्षा होगी। गौरतलब है कि पत्रकारिता विषय में तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने वाला यह पहला राजकीय विश्वविद्यालय है।
बीए-जेएमसी के अतिरिक्त एमए-जेएमसी-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एमए-जेएमसी-प्रिंट मीडिया तथा एमए-जेएमसी सोशल मीडिया और ऑनलाइन/वैब पत्रकारिता के लिए दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। साथ ही, मीडिया संगठन, विज्ञापन और जनसंपर्क तथा विकास संचार, सामाजिक कार्य और एनजीओ के दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में भी प्रवेश दिया जाएगा।
विश्वविद्यालय में इस सत्र से कई पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कार्यक्रमों की भी शुरुआत की गई है। जिसमें पीजी डिप्लोमा इन ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म, पीजी डिप्लोमा इन डैस्कटॉप पब्लिशिंग और पीजी डिप्लोमा इन फोटोग्राफी प्रमुख हैं।
इस वर्ष ग्राफिक्स एंड एनिमेशन में बढ़ते रोजगार को देखते हुए ग्राफिक्स एंड एनिमेशन में एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा वीडियो एडिटिंग, व्यावहारिक हिंदी, फंक्शनल इंग्लिश, और विकास संचार में सर्टिफिकेट कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी विश्वविद्यालय की वैबसाइट www.hju.ac.in से हासिल की जा सकती है।
गौरतलब है कि नियमित पाठ्यक्रमों में राजस्थान की मूल निवासी छात्राओं से शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाएगा। विभिन्न पाठ्यक्रमों में पिछले वर्ष के मुकाबले फीस काफी कम कर दी गयी है जिससे आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी विद्यार्थी भी प्रवेश ले सकें।
इसके साथ ही पत्रकारिता (Journalism) में पीएच-डी (Admission in Phd) के लिए भी आवेदन मांगे गए हैं।
उल्लेखनीय है कि पीएच-डी नियमित पाठ्यक्रम के रूप में संचालित की जाएगी जिससे विद्यार्थियों को निजी विश्वविद्यालयों के मुकाबले काफी कम फीस देनी पड़े।