जयपुर। राजसमंद जिले के खमनोर पुलिस थाना क्षेत्र के गांव टिमेला में निर्माणाधीन सामुदायिक भवन की छत गिरने से मलबे में दबने से 4 श्रीमिकों की मौत हो गई। जबकि 9 श्रमिकों को राजसमंद में तैनात एसडीआरएफ की आपदा राहत टीम ने लगातार 4 घण्टे रेस्क्यू ऑपरेशन कर जीवित बाहर निकाल लिया है, जिन्हें नजदीकी अस्पताल भिजवाया गया है। वहीं मृतक श्रमिकों के शव स्थानीय प्रशासन को सौंपे गए।
एसडीआरएफ के कमांडेंट राजेंद्र कुमार सिसोदिया ने बताया कि राजसमंद जिले के खमनोर थाना इलाके में चिकलवास क्षेत्र के गांव के टिमेला में मेघवाल समाज के निर्माणाधीन सामुदायिक भवन की छत तीन दिन पहले ही डाली गई थी। जो अचानक रात को भरभरा कर पेनकेक आकार में गिर गई। जिसमें कुछ श्रमिक मलबे में दब गए। घटना स्थल पर स्थानीय प्रशासन एवं सिविल डिफेंस की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पा रही थी।
कमांडेंट श्री सिसोदिया ने बताया कि एसडीआरएफ को सूचना मिलने पर एफ कंपनी जोधपुर की राजसमंद में तैनात रेस्क्यू टीम के प्रभारी हैड कांस्टेबल सुखाराम एवं 10 जवानों की टीम को आपदा राहत उपकरणों के साथ भेजा गया। टीम करीब 12:15 बजे घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया।
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रेस्क्यू टीम के जवानों लालचंद, कन्हैया लाल, राजेंद्र, सुरेश कुमार, दौलत राम, सुंदरलाल, विजेंद्र सिंह, विद्यानंद एवं सुनील कुमार ने सबसे पहले हेल सर्च तकनीक का उपयोग करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस तकनीक से मलबे में जीवित लोगों के फंसे होने की पुष्टि होने पर टीम कमांडर ने बिना समय गंवाए सिविल डिफेंस टीम के साथ मिलकर सीएसएसआर उपकरणों की मदद से विक्टिम तक पहुंचने के लिए वर्टिकल एप्रोच तकनीक से कंक्रीट को तोड़ एवं लोहे के सारियों को काटकर एक के बाद एक 9 श्रमिकों को जीवित बचा लिया।
हादसे में जीवित बचाए गए श्रमिक मांगीलाल पुत्र शंकर लाल, हीरालाल पुत्र तुलसीराम, लच्छी राम पुत्र भैराराम, चेतन पुत्र रामजी, लक्ष्मण पुत्र मोहनलाल, पूरण पुत्र मोहन लाल, दिनेश पुत्र रोड़ा लाल, मिट्ठू लाल पुत्र मोहनलाल एवं गोपी लाल पुत्र खेमाराम को नजदीकी अस्पताल में भिजवाया गया है। चार मृतक श्रमिकों भंवरलाल पुत्र लच्छी राम, भगवती लाल पुत्र रोड़ा लाल, शांति लाल पुत्र नारु लाल एवं कालू पुत्र वेणी राम के शव बरामद कर स्थानीय प्रशासन को सुपुर्द किए गए।
मौके पर मौजूद जिला कलेक्टर भंवरलाल, एसपी मनीष त्रिपाठी एवं स्थानीय ग्रामीणों ने एसडीआरएफ को धन्यवाद दिया और रेस्क्यू टीम के कार्य की सराहना की।