बीकानेर। दुनिया में परिवर्तन ही स्थायी है और जो परिवर्तन को नहीं स्वीकारता वह नष्ट हो जाता है, ये विचार वेटरनरी विश्वविद्यालय (RAJUVAS) के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने “सकारात्मकता के साथ तनाव का मुकाबला करें” विषयक वेबिनार में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये।
कुलपति प्रो. शर्मा ने टीम वर्क, समाज को योगदान, परस्पर सद्भाव और संगठन के प्रति लगाव रखने को वर्तमान समय में अत्यावश्यक बताया। अपने कर्तव्यो को सर्वोपरि मानते हुए समाज को योगदान देने की बात समझाई।
उन्होने कहा कि हौसला और सकारात्मक सोच को आगे रखकर ही हम तनाव को कम कर सकते हैं। विद्यार्थी अपने जीवन में सुप्रबंधन और दृढ़ ईच्छा शक्ति के बूते ही तनाव से मुक्त हो सकते हैं।
वेटरनरी विश्वविद्यालय के सामाजिक विकास एवं सहभागिता प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित वेबिनार (Webinar) में बतौर मुख्य वक्ता मैनेजमेंट ट्रेनर (management and motivational) डॉ. गौरव बिस्सा ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में प्रयासो की कमी लेकिन अधिक अपेक्षाएं रखना तनाव का कारण बनते हैं।
अतः सपने देखने के बजाय अपने काम में महारत हासिल की जानी चाहिए। अज्ञात का भय, असफल होने का भय और भीषण आलस्य मानसिक पक्षाघात को जन्म देता है।
डॉ. बिस्सा ने वेंटिलेशन, टाइम मैनेजमेंट, स्विस चेज तकनीक, प्रभावी डेलिगेशन, मंकी मैनेजमेंट आदि से तनाव कम करने की युक्तियाँ बताई। उन्होंने रोचक प्रयोगों से समझाया कि तनाव सकारात्मक भी होता है।
डॉ. बिस्सा ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में उत्कृष्ट सृजन होता है। डॉ. बिस्सा ने अनेकानेक शोध पत्रों और निष्कर्षों से समझाया कि सकारात्मक व्यक्ति का जीवन ज्यादा लंबा, उत्तम और सेहतमंद होता है।
जीवन की महत्ता समझाते हुए बिस्सा ने कहा कि हमारा जीवन हमारे दफ्तर, पद, पे स्केल, पैसों और सत्ता से कहीं ज्यादा मूल्यवान है।
उन्होंने जीवन को आनंद से जीने, अपने शौक को जीने और प्रतिभा के सम्पूर्ण इस्तेमाल पर बल दिया। तनाव और जीवन समानार्थक हैं क्योंकि तनावहीन व्यक्ति तो मृत होता है।
तनाव से बचने हेतु (management and motivational) डॉ बिस्सा ने कहा कि नियमित व्यायाम, प्राणायाम, खेलकूद करना, संतुलित आहार लेना, प्रेमीजनों और मित्रों से मिलते रहना और उनसे बातचीत करते रहना अहम है क्योंकि इससे वेंटिलेशन हो जाता है और व्यक्ति रिलैक्स्ड महसूस करता है।
इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशक और वेबिनार संयोजक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने कहा कि महामारी के संकट काल में सर्वोच्च सेवा देना ही प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है और सेवा प्रदाताओं को इस बात पर गर्व होना चाहिये कि ईश्वर ने उन्हें ऐसा सुअवसर दिया है।
सह समन्वयक डॉ. अशोक डांगी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. दीपिका धूड़िया और डॉ. रजनी जोशी ने वेबिनार का सह-संयोजन किया। इस वेबिनार में राजुवास (RAJUVAS) की समस्त फैकल्टी, कर्मचारीगण और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
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