खेत बचाओ किसान बचाओ रथ यात्रा कहीं घड़साना किसान आंदोलन की पुनरावृति तो नही

-जगसीर ढ़िल्लो

घड़साना(श्रीगंगानगर)। लंबे समय से किसानेंा के हितेां की अनदेखी और ख्ेातों में पानी की कमी के चलते सीमावर्ती जिलेां के किसानेां में रोष बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते पिछले कुछ समय से धरने,प्रदर्शन और रैली निकाल कर विरोध दर्ज करा रहे किसानेां ने अब खेत बचाओ किसान बचाओ रथ यात्रा का आगाज किया है।

इस यात्रा को ग्रामीण क्षेत्र से भारी जनसमर्थन मिल रहा है। इसको देखते हुए लग रहा है कि यदि समय रहते हालातों पर सरकार ने कोई फैसला नही लिया तो घड़साना आंदोलन की पुनरावृति होेने से नही रुक पाएगी।

इस यात्रा में किसानेां के साथ मजदूर व व्यापारियों का सहयोग भी इस संकेत को और मजबूत कर रहा है कि किसानेां की यह यात्रा आने वाले दिनेां में आंदेालन का रुप ले पाएगी।

बुधवार से 6डीडी गांव से शुरू हुई रथ यात्रा दर्जनों गांवों में होते हुए किसानों की समस्यों को वक्तागणों ने अच्छे ढंग से रखा है,जिससे किसान प्रशासन के विरुद लामबंद होने शुरू हो गए हैं। इस यात्रा मैं श्योपत मेघवाल की अगुवाई में सत्य प्रकाश स्याग ,लक्ष्मण सिंह, शोभा सिंह ढ़िल्लों, कालू थोरी सहित काफी संख्या में किसान नेता रथ यात्रा को सफल बनाने मंे जुटे हुए है।

रथयात्रा के क्षेत्र में जाने से किसानों में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति एक अलग तरह की सोच शुरू हो गयी है। वंही अधिकतर किसान भारतीय जनता पार्टी को अपना मत देकर ठगा सा महसूस कर रहे है। अब ये तो समय बतायेगा की रथ यात्रा के ओर क्या मायने सामने आएंगे।

किसान इन दिनों बैंक कर्जे के बोझ के नीचे दबा हुआ ,ओर डीजल के दाम बढ़ने से बेतहाशा डगमगा सा गया है,जिसके कारण भी रथ यात्र किसानों के घावों पर मरहम का काम करेगी। सत्तारूढ़ पार्टी के जनप्रतिनिधि किसानों की समस्यों पर एक भी शब्द न बोलना भी आक्रोश का कारण बनता जा रहा है।

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