बीकानेर। वीर सपूत शहीद मेजर पूर्णसिंह (Major Purn Singh) वीरचक्र (मरणोपरांत) का 55 वां शहादत दिवस रविवार को उनकी प्रतिमा सर्किल पर गौरव व सम्मान से मनाया गया। गौरव सेनानी एसोसिएशन एवं क्षत्रिय सभा बीकानेर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में शहीद मेजर पूर्णसिंह के देश भक्ति जज्बे का समर्पण करते हुए श्रद्वांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता ब्रिगेडियर जगमाल सिंह ने 1964 के भारत-पाक युद्ध के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि 13 ग्रेनेडिर्स (गंगा जैसलमेर) बाड़मेर जैसलमेर बॉर्डर पर तैनात नही होती तो दुश्मन के लिए दिल्ली तक रास्ता साफ था।
कर्नल हेम सिंह ने बताया कि मेजर पूर्णसिंह अपने युद्ध कौशल से दुश्मन की मजबूत अक्बुस को विफल करते हुऐ और बहादुरी के साथ लड़ते हुए दुश्मन को बहुत हानि पहुंचाकर वीरगति को प्राप्त हो गए। इनकी वीरता ,अदम्य साहस, युद्ध कौशल को देखते हुए इनको बहादुरी के लिए वीरचक्र (मरणोपरांत) से अलंकृत किया व देश- बीकानेर के लिए एक गौरव की बात है।
कार्यक्रम आयोजक रणजीत सिंह ने बताया कि बिका ब्रिगेडियर जगमाल सिंह राठौड़, वीर चक्र कर्नल बी.के मजूमदार, मातृशक्ति समाज सेवी सुनीता गौड़,कर्नल पी.एस राठौड़ ,सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल एम.के शर्मा, कर्नल मोहन सिंह,कैप्टन प्रभु सिंह शेखावत, सूबेदार राम सिंह, श्रवण पालीवाल, इंद्र सिंह भाटी, राजेन्द्र सिंह सहित गणमान्य नागरिक ने श्रद्वांजलि अर्पित की।
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