बीकानेर। जिला कलक्टर नमित मेहता ने कहा कि उदयरामसर में अशिक्षित बच्चों को पढ़ाने में जुटी बच्चियां पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स की बैठक में अपनी पाठशाला चलाने वाली बच्चियों को पठन-पाठन सामग्री वितरित करते हुए यह बात कही।
मेहता ने कहा कि इन बच्चियों के द्वारा किए जा रहे छोटे-छोटे प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में बड़े कदम साबित हो सकते हैं। शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने का यह प्रयास अनुकरणीय है। अपनी पाठशाला जैसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि कोई भी प्रयास छोटा नहीं होता, शुरुआत सबसे महत्वपूर्ण होती है।
‘अपनी पाठशाला’ चलाने वाली तीन बालिकाओं की हौंसला अफजाई करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि तालिमा शर्मा, रिद्धि शर्मा और प्रिया यादव जैसी बच्चियों द्वारा की गई यह पहल साबित करती है कि सकारात्मक सोच सबसे महत्वपूर्ण है। सकारात्मक सोच के साथ यदि कोई कार्य शुरू किया जाता है तो मदद के लिए लोग जुड़ते चले जाते हैं।
शिक्षा से वंचित बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा देने वाली तालिमा शर्मा ने बताया कि वे अपनी पाठशाला में 50 बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाती हैं। उन्होंने बताया कि डायलॉग विद डीएम कार्यक्रम में जिला कलक्टर के साथ संवाद से प्रेरित होकर उन्होंने इस पाठशाला की शुरुआत की। इस कार्य में उन्हें महिला अधिकारिता विभाग का सहयोग भी मिल रहा है और स्थानीय लोग भी उनसे जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि अपनी पाठशाला में आने वाले समस्त बच्चों का अगले सत्र से सरकारी स्कूल में पंजीकरण हो सके। जिला कलक्टर ने इन बच्चियों को महिला अधिकारिता विभाग की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स के तहत विभिन्न पठन-पाठन सामग्री वितरित की। मेहता ने कहा कि वे स्वयं इस केंद्र का दौरा करेंगे।
बैठक में शामिल हों वरिष्ठ महिला अधिकारी
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स के तहत किए गए कार्यों की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर मेहता ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम योजना है इसके धरातलीय क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों में नियुक्त वरिष्ठ महिला अधिकारियों को इस बैठक में बुलाना सुनिश्चित किया जाए, जिससे महिला सशक्तीकरण पर विस्तार से चर्चा हो सके और उसके अनुसार रणनीतिक रूप से योजना के तहत एक्शन प्लान बना कर काम किया जा सके।
मेहता ने कहा कि एक महिला होने के नाते जो मुद्दे महिला अफसरों के सामने आते हैं वहां से भी फीडबैक लिया जाए और उनके भी समाधान के प्रयास हो। उन्होंने ऐसे सभी विभाग जहां 10 से अधिक महिला कार्मिक कार्यरत हैं वहां आंतरिक शिकायत निवारण कमेटी अनिवार्य रूप से गठित करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि बच्चियों के कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए इस योजना के तहत प्राप्त होने वाली राशि का अधिकतम सदुपयोग हो । इसके लिए बनाए गए एक्शन प्लान को प्रभावी तरीके से इंप्लीमेंट करवाएं। महिला समानता की दिशा में जागरूकता के लिए आई ई सी भी बेहतर तरीके से लागू हो ताकि लोगों में योजना के उद्देश्य का स्पष्ट संदेश पहुंचे। बैठक के दौरान आईसीडीएस के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हुए जिला कलक्टर ने जिला परिषद अभियंता को चिन्हित 100 आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वीकृत शौचालय बनाने के लिए विकास अधिकारी को पाबंद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषाहार का समयबद्ध वितरण करवाना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत किसी का भुगतान बकाया ना रहे। एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत जिले में अच्छा काम हुआ है इसे आगे जारी रखा जाए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें और जहां भी आवश्यकता है वहां नई भर्ती के लिए आवेदन निकाले जाएं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत जिले में व्यय होंगे 23 लाख
बैठक में महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत जिले में प्रथम किश्त के रूप में 23 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं जिनमें से अब तक 5 लाख 31 हजार रुप्ए व्यय कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम किया गया है ।ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स गठित की गई है । इसके अतिरिक्त महिला सशक्तिकरण संदेश के प्रचार प्रसार और महिलाओं को उनके शिक्षा, स्वास्थ्य और कानूनी अधिकारों की जानकारी के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर 10 लाख रुपए का व्यय करने का अनुमोदन भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिले में मेरिट में आने वाली बच्चियों को इस योजना के तहत नगद इनाम देकर पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही बच्चियों को उच्च शिक्षा में अधिकतम पंजीकृत करवाने वाली स्कूलों को भी प्रेरणा राशि दी जाएगी। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर शहर सुनीता चैधरी, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक शारदा चैधरी, कार्यस्थल पर महिला उत्पीड़न निवारण की जिला स्तरीय समिति की अध्यक्ष डाॅ प्रभा भार्गव, सदस्य डाॅ नूरजहां सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।