बीकानेर। कब के बिछड़े आज यहां आ के मिले, गाने के बोल (Shree Jain PG College) श्रीजैन पीजी कॉलेज के 1973 बैच (1973 Batchmate Meet) के बिछड़ो पर चरितार्थ हो रहा है। करीब 50 साल बाद 1973 बैच के सदस्यों ने आपस में स्ननेह मिलन समारोह करने की बात सोची और एक बड़ा कार्यक्रम करने की प्लानिंग की। सभी ने एक दूसरे को सोशल मीडिया सहित अन्य तरीकों से सर्च करने की शुरुआत की।
करीब 55 दोस्तों से संपर्क किया तो इस कार्यक्रम तक 50 दोस्त सपरिवार पहुंच गए। यहां दो दिन पुराने दिनों की याद ताजा कर कभी भावुक तो कभी हंसी मजाक के साथ दो दिन गुजारे। इन दोस्तो में अधिकतर लोग नौकरी, व्यवसाय के साथ अपनी पहचान भी दुनियां कर चुके है।
इनमें हल्दीराम भुजिया वाला, बीकाजी समूह, रस रसना समूह के मालिक भी इसी बैच का हिस्सा है। बीकानेर के जयपुर रोड स्थित (Dharti Dhora Ri) धरती धोरां री रिसोर्ट में 1973 के बैच मैट आयोजन में यह यादें ताजा की गई।
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उमड़ा पड़ा यारों प्यार
लगभग 50 साल बाद एक दूसरे को देख कर सभी लोग अचंभित रह गए। बीकानेर की (Jain PG College) श्री जैन पीजी कॉलेज से शिक्षा हासिल करने वाले ये लोग आज बड़े बड़े बिजनेसमैन, डॉक्टर ,इंजीनियर और विदेश में बड़े पदों पर काम कर रहे हैं। अगर हम बात करें हल्दीराम भुजियावाला के मालिक मनोहर अग्रवाल, रस रसना के मालिक गणेश बोथरा, बीकाजी के मालिक शिवरतन अग्रवाल उर्फ फन्ना बाबू समेत अनेक लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
50 साल पहले की यादें ताजा की
बीकाजी के शिवरतन अग्रवाल फन्ना बाबू ने तो बताया कि 50 साल पहले जो घटनाएं हुई। आज हमने उन्हें याद किया और हम बातें कर रहे थे कि तूने मेरी कॉपी फाड़ी थी…. उसने धक्का दिया था…हल्दीराम भुजिया वाले के मालिक मनोहर अग्रवाल ने कहा की आज हमें हमारा बचपन फिर से याद आ गया।
बच्चों के लिए हट कर करेंगे
रस रसना के मालिक गणेश बोथरा ने कहा की सभी साथियों ने मिलकर यह फैसला किया है कि श्री जैन पीजी कॉलेज में बरसात का पानी एकत्रित कर एक कुंड में डाला जाए जिसे बच्चे साल भर पी सके। साथ ही कंप्यूटर की कक्षाएं लगाने का भी फैसला किया गया।
वो समय था जब सतोलिया, कबड्डी, फुटबॉल के खेल से अपने मित्रों के साथ खेलते थे, कॉलेज में भी गुरुजनों की शैली किसी गुरुकुल से कम नहीं होती थी।
उधोगपति गणेश बोथरा ने बताया कि जैन पीजी कॉलेज में 1973 के बैच में कुल 75 जने शामिल थे जिनमें 53 जने इस आयोजन में उपस्थित रहे। दो दिन के 50 वर्ष यानि गोल्डन जुबली के इस आयोजन में सभी मित्र सपत्नीक शामिल हुए और आनन्द लिया।
इस दौरान वापस उन्हीं खेलों को अपनेपन के साथ खेला गया। तब के मित्र आज भले ही सरकारी उच्च पदों पर अथवा बड़ी व्यवसायिक शख्सियत बन गए हो लेकिन इन दो दिनों में वे वापस 50 वर्ष पीछे पहुंच गए और कॉलेज के युवा की तरह मेलमिलाप करते नजर आए।
पहले इतने संसाधन नही थे :अग्रवाल
उद्योगपति मनोहरलाल अग्रवाल ने बताया कि 50 वर्ष पूर्व शिक्षा के इतने संसाधन नहीं होने के बावजूद बैच के सभी विद्यार्थी अपने-अपने मुकाम में सफल रहे। उस दौर के सबक आज भी यही सीख देते हैं कि मेहनत और ईमानदारी से ही जीवन को स्वर्णिम बनाया जा सकता है।
अग्रवाल ने बताया कि मित्रों द्वारा गोल्डन जुबली के इस आयोजन में सब विद्यार्थी एकत्र होकर अपने संस्मरणों को सबके साथ साझा किए और यादें ताजा की।
इस दौरान जैन पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य एवं शिक्षाविदृ प्रो. सुमेरचंद जैन, प्रो. एलडी भाटिया, प्रो. पीएल अरोड़ा एवं डॉ. शुक्लाबाला पुरोहित का सम्मान किया गया। संगीत व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन भी हुआ।
आयोजन में मनोहरलाल अग्रवाल, मेघराज बोथरा, जयचंदलाल डागा, संपतलाल दूगड़, सुशील मूंधड़ा, मोहनलाल राठी, ईश्वरचंद बोथरा, नारायण सिंगी, जगदीश सुथार, कमल पारख, भंवरलाल सोनावत आदि 1973 बैच के विद्यार्थी सहभागी बने। कार्यक्रम में शिवकिशन अग्रवाल, शिवरत्न अग्रवाल फन्ना बाबू, मधुसूदन अग्रवाल कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, जैन पाठशाला सभा के विजय कोचर, सचिव माणक कोचर आदि उपस्थित रहे।
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