सेना से मिली जानकारी अनुसार इस अभ्यास में भारतीय सैन्य दल की तरफ से दो स्पेशल फोर्सेज की बटालियनों के 25 सदस्य शामिल होंगे। मिस्र का दल भी 25 सदस्यीय होगा, जिसका प्रतिनिधित्व मिस्र के विशेष बल समूह और टास्क फोर्स द्वारा किया जाएगा।
साइक्लोन अभ्यास का उद्देश्य अंतरसंचालन, संयुक्तता और विशेष युद्ध संचालन रणनीति के आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध को बढ़ावा देना है। यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और संयुक्त सामरिक अभ्यास पर केंद्रित होगा।

साइक्लोन अभ्यास के दौरान जो ड्रिल्स और पहलू अभ्यस्त किए जाएंगे, उनमें उन्नत विशेष बल कौशल और विभिन्न तकनीकें, रणनीतियाँ और प्रक्रियाएँ शामिल होंगी, जो वर्तमान ऑपरेशन्स प्रतिमान के तरीकों के अनुसार होगा।
यह अभ्यास 48 घंटे अभ्यास के साथ खत्म होगा, जिसमें रेगिस्तानी और अर्ध-रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सामरिक ड्रिल्स का अभ्यास और सत्यापन किया जाएगा। अभ्यास में स्वदेशी सैन्य उपकरणों का प्रदर्शन और मिस्र के रक्षा विनिर्माण उद्योग का अवलोकन भी शामिल होगा।
अभ्यास साइक्लोन दोनों पक्षों को सामरिक संचालन करने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने में सक्षम बनाएगा। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच सहयोग विकसित करने में भी मददगर साबित होगा।