कृषि विश्वविद्यालय के उत्पादों की करेंगे ब्रांडिंग- डॉ अरुण कुमार, कुलपति
मशरूम उत्पादन और मूल्य संवर्धन” के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर बोले अतिथि
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ”मशरूम उत्पादन और मूल्य संवर्धन” पर चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। मानव संसाधन विकास निदेशालय परिसर में आयोजित समापन कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रशस्ति पत्रों का वितरण किया गया।
इस अवसर पर मशरूम मैन नाम से देश में प्रसिद्ध बिहार के डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ दयाराम ने कहा कि मशरूम की इतनी मांग होगी कि आप दे नहीं पाएंगे।
प्रशिक्षण कार्यशाला में आए कुछ प्रतिभागियों द्वारा कुछ कृषि उत्पादों के मार्केट उपलब्ध नहीं होने की समस्या पर डॉ दयाराम ने कहा कि कई बार आपसी तालमेल के अभाव में किसान अपना उत्पाद बेच नहीं पाता। हर उत्पाद का छोटा और बड़ा मार्केट होता है। बल्क और रिटेल का अलग मार्केट है। मशरूम के मार्केट को लेकर किसी को कोई दिक्कत आए तो मुझसे संपर्क कर सकते हैं। मशरूम मैन ने कहा कि अगर कृषि विश्वविद्यालय ही मशरूम खरीद ले और बेचे तो विश्वविद्यालय की भी ब्रांडिंग होगी।
इस अवसर पर कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण की सफलता को देखते हुए जल्द ही मशरूम उत्पादन को लेकर सात दिवसीय ट्रेनिंग का आयोजन भी किया जाएगा। साथ ही कहा कि यहां के साइंटिस्ट को बिहार के डॉ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर भेजकर वहां मशरूम के उत्पादन के अलावा पैकेजिंग, मार्केटिंग, वैल्यू एडिशन,ब्रांडिंग इत्यादि को लेकर पूरी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। ताकि स्थानीय किसानों को इसका लाभ मिल सके।
उन्होने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न उत्पाद और कुछ किसानों के उत्पादों के डिस्प्ले को लेकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर शॉप्स बनाई जाएंगी। उत्पादों के प्रचार को लेकर बड़े बैनर भी वहां लगाए जाएंगे ताकि कृषि विश्वविद्यालय के उत्पादों की ब्रांडिंग हो और लोगों को अच्छी गुणवत्ता के विभिन्न ऑर्गेनिक उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो सके।
इससे पूर्व प्रशिक्षण ले रहे प्रतिभागियों ने कहा कि मशरूम के उत्पाद बनाने को लेकर उन्हें बेहतरीन प्रशिक्षण दिया गया। कुछ प्रतिभागियों ने कहा कि उन्होने लेमन ग्रास, सफेद मूसली समेत कई उत्पाद अपने खेत पर तैयार किए लेकिन मार्केट नहीं मिल पाया। इसको लेकर मशरूम मैन ने उन्हें उत्पादन शुरू करने से पहले मार्केट की पूरी जानकारी लेने, उपभोक्ता और मार्केट के साथ बेहतर तालमेल स्थापित करने की जानकारी दी।
पादप रोग निदान विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दाताराम ने अतिथियों और प्रशिक्षण ले रहे प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मशरूम को लेकर अब तक आयोजित प्रशिक्षण में ये कार्यक्रम सबसे बेहतरीन रहा।कार्यक्रम में अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पी के यादव समेत प्रशिक्षण ले रहे प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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