राजस्थान की बेटियों ने रच दिया इतिहास : ना स्कूल ना कालेज और बन गई आरएएस

Three Sisters from Hanumangarh Rajasthan Crack State Administrative Service Exam

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Three Sisters from Hanumangarh Rajasthan Crack State Administrative Service Exam

हनुमानगढ़ । राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित (RAS) राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2018 के परीक्षा परिणाम (Ras 2018 Final Result) में सफलता हासिल कर हनुमानगढ़ जिले की रावतसर तहसील के भैरुसरी गांव (Bhairusary Village) 3 किलोमीटर दूर 8 एसपीडी (8SPD) की एक ही परिवार की तीन बेटियों (Three Daughters) ने बीकानेर संभाग में रिकार्ड कायम कर किया है।

RAS Exam : ना स्कूल ना कालेज और बन गई आरएएस

पांचवी कक्षा तक गांव में शिक्षा ग्रहण (Primary Education) करने के बाद स्कूल नही गई और सभी बहनों ने आपस में पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया है। इससे पहले दो बड़ी बेटियों ने 2010 व 2017 में आरएएस परीक्षा पास की। बीकानेर संभाग का यह पहला परिवार है जिसमें (5 Sisters RAS) पांच बेटिया आरएएस अधिकारी (RAS officers) है। तीनो बेटियो के चयन पर गांव में खुशी का माहौल है।

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Ras 2018 Final Result : किसान परिवार में पांच बेटियां आरएएस अधिकारी

पेशे से किसान सहदेव सहारण बतातें है कि परिवार में पांच बेटियां व एक बेटा है। बेटा अभिराज सहारण है, जोकि यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहा है। उसने हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश से आईआईटी (IIT) की है। पांच बेटियों में रोमा सहारण (Roma Saharan) जोकि सबसे बड़ी बेटी है, ने वर्ष 2010 में आरएएस परीक्षा (RAS Exam 2010) को पास किया।

वर्तमान में सूरजगढ़, झुंझुनू में बतौर विकास अधिकारी कार्यरत है। इसके बाद (Manju Saharan) मंजू सहारण, ने आरएएस परीक्षा को पास किया और अभी हनुमानगढ़ जिले के नोहर के सहकारिता विभाग में अपनी सेवा दे रही है।

इस बार तीनों बेटियों ने एक साथ वर्ष 2018 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (The Rajasthan Public Service Commission (RPSC)) द्वारा आयोजित आरएएस परीक्षा (RAS Exam) दी।

इसमें तीनों, अंशु सहारण (Anshu Saharan) ने 349 वीं रैंक प्राप्त की और ओबीसी महिला वर्ग में 31वीं रैंक हासिल की। सबसे छोटी बेटी (Reetu Saharan) रीतू सहारण ने 945 वीं रैंक हासिल कर ओबीसी वर्ग में 96 वीं रैंक और (Suman Saharan) सुमन सहारण ने 915 वीं रैंक प्राप्त की इन्हे ओबीसी वर्ग में 98 वीं रैंक मिली।

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स्नातक, नेट जेआरएफ और पीएचडी की पढ़ाई भी प्राइवेट

अक्सर आपने देखा और सुना होगा कि पढ़ाई के लिए स्कूल, (School) कालेज (College)और अच्छी कोचिंग (Coaching) की जरुरत होती है। लेकिन किसान परिवार की बालिकाओं ने बिना स्कूल, कालेज और कोचिंग के आरएएस परीक्षा 2018 (Ras 2018 ) को पास कर इस भ्रम को भी तोड़ दिया है।

सहारण ने बताया कि सभी बच्चों ने गांव में ही पांचवी कक्षा तक पढ़ाई की और इसके बाद कक्षा 6 से लेकर 12, स्नातक, नेट जेआरएफ और पीएचडी (PHD)की पढ़ाई भी प्राइवेट की। इस दौरान ना कोई कोचिंग ना ही किसी तरह की आनॅलाइन कक्षा ली, इसके बाद भी आरएएस परीक्षा (RAS Exam) को पास कर बेटियों ने परिवार व गांव का मान सम्मान बढ़ाया है।

सहारण ने बताया कि जो लोग बेटियों के बोझ समझते है उनके लिए यह संदेश प्रेरणा का बनकर उभरेगा।

पूर्व मुख्मयंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje) ने बालिकाओं की इस सफलता पर टविट् कर लिखा कि ‘‘ भैरूसरी गांव (हनुमानगढ़) निवासी सहदेव सहारण जी की तीन बेटियों ने RAS बनने में सफलता हासिल की है। एक निम्न वर्गीय परिवार से होने के कारण 5वीं कक्षा के बाद कभी स्कूल नहीं जाने वाली इन पांचों बहनों ने अपनी लगन से तमाम बाधाओं को दूर कर लक्ष्य को हासिल कर दिखाया है।

भैरुसरी नवयुवक क्लब 

भैरुसरी नवयुवक क्लब (Bhairusary Navyuvak Club ) के दवा व्यापारी पवन कालीरावण ने बताया कि पहले गांव को कोई नही जानता था, यंहा तक कि गांव को गूगल (Google) पर सर्च करने पर भी हमारे गांव का नाम नही आता था। इन बालिकाओं ने गांव का नाम रोशन किया है।

गांव से 3 किलोमीटर दूर 8 एसपीडी (8 SPD) खेत में रहकर पढ़ाई करके आएएस परीक्षा (RAS Exam) में सफलता प्राप्त करना बड़ी बात है। गांव में खुशी का माहौल है।

उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है। इस परिवार की पांचों बालिकाओं ने गांव का नाम रोशन किया है। इससे गांव को राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।

सोशल मीडिया

सोशल मीडिया पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के प्रवीण कस्वां बधाई देते हुए लिखतें है कि गर्व है, तीनों बहनों ने आरएएस की परीक्षा में सफलता अर्जित की।

आरएएस बनने के बाद गांव में तीनों बहनों का हुआ स्वागत, बालिकाओं को दिया ये संदेश

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