बीकानेर। आधुनिक भारतीय इतिहास (Modern history) में दयानंद सरस्वती के महिला उत्थान के लिए ऐसे समय में महिला जागरण ( Women empowerment) की बात कही जब समाज बाल विवाह, पर्दा प्रथा, विधवा विवाह जैसी कुरीतियों के पाशों में गहराई तक जकड़ा हुआ था। यह बात अहमदपुर की लोकायत एजुकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित चकुर, लातूर, महाराष्ट्र के भाई किशनराव देशमुख महाविद्यालय के वुमन सेल और आइक्यूएसी द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबीनार में बीकानेर एमजीएसयू (Maharaja Ganga Singh University) की डॉ मेघना शर्मा ने प्रथम सत्र में रिसोर्स पर्सन की भूमिका पर कही।
डॉ. मेघना ने राष्ट्रीय वेबीनार के उद्घाटन सत्र में प्राचीन इतिहास के साथ दयानंद युग तक व वर्तमान काल के बीच एक तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया।
द्वितीय सत्र में विक्रम विश्वविद्यालय, इंदौर की पूर्व डीन प्रो. गीता नायक द्वारा साहित्य में महिला सशक्तिकरण पर अपना उद्बोधन प्रस्तुत किया गया। इससे पूर्व लोकायत एजुकेशन सोसायटी की अध्यक्ष सीमाताई भानुसाहेब देशमुख, सचिव एडवोकेट पी.डी. कदम ने प्रारंभिक टिप्पणियां रखीं।
मुख्य आयोजक डॉ एस. के. धोंडगे द्वारा स्वागत भाषण पढ़ा गया। संगोष्ठी का संचालन बबीता मानखेड़कर द्वारा किया गया।
अंत में प्रतिभागियों के लिए प्रश्न उत्तर सत्र में दोनों रिसोर्स पर्सन्स ने समस्त जिज्ञासाओं को शांत किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ श्याम जाधव द्वारा दिया गया।
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