कोई कमजोर नहीं कह सके, बस इसी जिद ने बना दिया चैंपियन- झाझड़िया

Devendra jhajharia interact with children’s in Churu

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Devendra jhajharia interact with children’s in Churu

स्टार ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया ने टाऊन हॉल में बच्चों से किया संवाद, कहा-संतुलित आहार लें और अपने लक्ष्य पर करें फोकस

चूरू। भारत के स्टार पैरा ओलंपियन और खेल रत्न अवार्डी (javelin thrower) जेवलिन थ्रोअर (Devendra jhajharia) देवेंद्र झाझड़िया सोमवार को जिले के प्रतिभावान बच्चों से रूबरू हुए।

इस दौरान उन्होंने बच्चों से खेल, पोषण, व्यंजन सहित विभिन्न विषयों पर सवाल पूछे और बच्चों ने उनकी जिंदगी से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपनी जिज्ञासा अभिव्यक्त की। अवसर  था आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत जिला मुख्यालय स्थित मातुश्री कमला गोइन्का टाऊन हॉल में आयोजित कार्यक्रम ‘मीट द चैंपियंस’ का।

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शिक्षा विभाग के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में देवेंद्र झाझड़िया ने बच्चों के विभिन्न सवालों का जवाब देते हुए अपने अनुभव साझा किए और कहा कि बचपन में हुए एक हादसे में जब उनका हाथ कट गया तो कोई उनको कमजोर नहीं कहे, बस इसी चाह से भरी जिद ने उन्हें चैंपियन बना दिया।

झाझड़िया ने कहा कि बच्चों के बीच आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा और अपने स्कूली दिन याद आ गए। बच्चों से मिलकर उन्हें बहुत एनर्जी मिलती है। झाझड़िया ने बच्चों से संतुलित आहार,  खेल पोषण और स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए बताया कि उन्हेंं संतुलित आहार लेना चाहिए।

उन्होंने बच्चों को सुबह की चाय छोड़ देने की सलाह दी और बताया कि पहले वे भी बहुत चाय पीते थे लेकिन धीरे-धीरे कम करते हुए उन्होंने इसे छोड़ दिया।

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उन्होंने बच्चों से कहा कि सुबह के नाश्ते में अंकुरित अनाज लें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, फल व सब्जियों का सेवन ज्यादा करें और जंक फूड से दूर रहें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर बहुत पौष्टिक अनाज और खान-पान हमें उपलब्ध हो जाता है, उसी पर ध्यान देना चाहिए। देवेंद्र ने कहा कि फिट इंडिया मुहिम से हर व्यक्ति को जुड़ना चाहिए।

जेवलिन थ्रो ही क्यों अपनाया, सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि जब उन्होंने खेलना शुरू किया, तब बहुत अधिक सुविधाएं नहीं थी और ऎसे ही खेल का चुनाव किया जा सकता था, जिसमें बिना अधिक सुविधाओं के तैयारी की जा सके।

देवेंद्र ने बताया कि 1995-96 में उन्होंने खेल की शुरुआत की थी। तब से लेकर आज तक बहुत सारे उतार-चढ़ाव आए हैं लेकिन उन्होंने कभी परिणाम की परवाह नहीं की और अपने खेल पर ध्यान दिया।

उन्होंने बताया कि जब ओलंपिक में उन्होंने स्वर्ण पदक जीते, तो भारत का तिरंगा सबसे ऊपर लहराया और राष्ट्रीय धुन बजी, वे उनके जीवन के सबसे भावनात्मक और महत्वपूर्ण क्षण रहे। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया गया।

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मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी संतोष महर्षि ने आयोजकीय रूपरेखा पर चर्चा की और बताया कि देवेंद्र झाझड़िया जैसे महान खिलाड़ी का बच्चों से संवाद उन्हें बहुत प्रेरित करेगा। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी निसार अहमद खान,  नरेश कुमार विशु, अरविंद झाझड़िया, गोविंद सिंह राठौड़, रामसिंह सिहाग, विजयपाल धुआं, आरिफ खान, सुरेंद्र कुमार महला, कमलकांत कस्वां, विजय रक्षक सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे। इस संवाद के बाद देवेंद्र झाझड़िया ने पारख बालिका माध्यमिक विद्यालय में जाकर बच्चों के साथ टेबल-टेनिस खेली और उनसे चर्चा की।

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इसके बाद देवेंद्र झाझड़िया ने जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग से मुलाकात की और जिले के खेल संभावनाओं पर चर्चा की।

झाझड़िया ने इस दौरान अपने खेल जीवन के संस्मरण साझा किए। जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया और कहा कि उनके निरंतर बेहतरीन प्रदर्शन से भारत के युवाओं को बहुत प्रेरणा मिलती है।

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