हनुमानगढ़ ।श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था की एक बैठक जंभेश्वर मंदिर के प्रांगण में रखी गई। प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई (Piraram Bishnoi) ने कहा कि संस्था पिछले 8 वर्षों से प्रकृति बचाओ आंदोलन के तहत पर्यावरण संरक्षण जीव रक्षा नशा मुक्ति और संस्कार निर्माण के क्षेत्र में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले और राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई करने वालों की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।क्योंकि आजकल राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में गिली हरि खेजड़ी काटने की घटनाएं बढ रही है। जांभोजी के अनुयायी बिश्नोई नर नारी तीन सौ वर्ष पहले प्राणों की बलि देकर खेजड़ी बचाते हुए 363 लोग शहीद हो गये थे। मरु भूमि का कल्पवृक्ष खेजड़ी पर्यावरण और प्रकृति का महत्वपूर्ण अंग है।
उन्होने कहा कि गत दिनों बीकानेर के हिम्मटसर गांव में खेजड़ी कटी तब धरना देने की नौबत आ गयी थी उससे पहले रावतसर में भी खेजड़ियां काट ली गई थी तो संस्था के पदाधिकारियों ने दोषियों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करवाये थे ।
प्रदेशाध्यक्ष ने अपील की कि जहां भी प्रकृति को नुकसान पहुंचाने की घटना होती है वहां हमे सजग रह कर प्रकृति को बचाना है।
संस्था के प्रदेश महामंत्री एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सांचोर निवासी पीराराम धायल ने उनके द्वारा संचालित वन्यजीव उपचार केन्द्र की जानकारी दी और प्रकृति संरक्षण,वन्यजीव संरक्षण में जांभोजी और बिश्नोई समाज की महत्वपूर्ण भूमिका की जानकारी दी।
प्रदेश महामंत्री अनिलकुमार बिश्नोई ने कहा कि संस्था की टीमें प्रकृति बचाने के क्षेत्र उल्लेखनीय सेवाएं दे रही है इसलिए दो वर्ष पहले रॉयल बैंक ऑफ स्काटलैंड द्वारा दिया जाने वाला अर्थहीरो पुरस्कार पीराराम धायल को मिला था और अब आगामी 11फरवरी को अमेरिका का प्रतिनिधि मंडल “शाइनिंग वर्ल्ड कम्पेशन अवार्ड” पीराराम धायल को देगा, जिसमें सोलह हजार अमेरिकन डॉलर देगें ।
इसके लिए संस्था का आठवां अधिवेशन तथा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्ति समारोह आयोजित किया जाएगा तहसील अध्यक्ष कुलदीप खिलेरी ने सबका स्वागत किया। तहसील उपाध्यक्ष प्रेम सियाग, महामंत्री ओमप्रकाश जाणी, मंदिर समिति के अध्यक्ष एडवोकेट विनोद राहड़ ,साहित्यकार रंगलाल बिश्नोई, जंभेश्वर सेवक दल तहसील अध्यक्ष इन्द्रपाल डारा, सुभाष गोदारा, राजेन्द्र गोदारा सहित बडी संख्या में वन्यजीव व पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया ।