रामपुरा(चूरू)। चुरु जिले के राजगढ़ के गांव रामपुरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को गलत इंजेक्शन लगाने से एक गर्भवती महिला की मौत मामले में सोमवार को ग्रामीणों व परिजनों के द्वारा दिया जा रहा धरना प्रशासनिक अधिकारियेां व प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई वार्ता के बाद समाप्त कर दिया गया। प्रशासन ने प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगे मान ली है। परिजनों की और से राज्य सरकार के सामने रखी गई मांगों पर सहमति बन पाई है।
चूरू विधायक व उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्रसिंह राठौड ने बताया कि जिला कलक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक से प्रतिनिधिंडल की वार्ता में सभी मांगे मान ली गई है। जिला कलेक्टर व एसपी के साथ सकारात्मक वार्ता की जिसमें पीडि़त परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा, इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व स्टाफ को बदलने व मामले की विशेषज्ञों से जांच करवाने, 108 स्थाई एंबुलेंस की व्यवस्था करने, पीडि़त परिवार के सदस्य को संविदा स्तर पर नौकरी देने और महिलाओं के साथ हुए लाठीचार्ज की निष्पक्ष जांच सहित विभिन्न मांगों पर सहमति बनी है।
मुआवजा राशि में राज्य सरकार की ओर से 7 लाख रुपये, 1-1 लाख रुपये राजगढ़ के पूर्व चौयरमेन व भामाशाह राधेश्याम की ओर से तथा शेष 1 लाख रु मेरे व पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां जी की ओर से पीडि़त परिवार को दिए जाएंगे।
प्रशासन द्वारा मांगे मानने पर धरना समाप्त कर दिया गया। इससे पूर्व दोषी मेडिकल स्टॉफ को बदल दिया गया और गांव में 108 एंबुलेंस की व्यवस्था की मांग पूरी कर दी गई है।
उन्होने बताया कि वार्ता में पूर्व सासंद रामसिंह कस्वा और पूर्व विधायक मनोज न्यांगली भी उपस्थित रहे।
उन्होने सरकार द्वारा दिए गए समझौते को अगर पूरा नही किया गया तो चुरु जिला मुख्यालय पर धरना दिया जायेगा।