गुरुग्राम । देशभर के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा और आईटी कौशल से रोजगार दिलाने से जोड़ने की दिशा में रीड इंडिया (रूरल एजुकेशन एंड डेवलपमेंट) के सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हरियाणा, दिल्ली,पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, गुजरात में संचालित हो रहे हैं। इन 13 राज्यों के 300 से अधिक गांवों के इन केंद्रों से 5 लाख से अधिक समुदाय के सदस्यों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।
सामुदायिक पुस्तकालय का आगाज
रीड इंडिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.गीता मल्होत्रा ने शनिवार को वज़ीराबाद में “आइए सीखें और आगे बढ़ें”की थीम पर आधारित रीड इंडिया एवं एडवाटिक्स विद्या के सामुदायिक पुस्तकालय के शुभारंभ अवसर पर कही। यहां पूर्व में 2 सेंटर पिछले दस साल से चल रहे है। इस सेंटर पर युवाओं को कंम्यूटर, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी इत्यादि का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

डॉ.मल्होत्रा ने कहा कि हरियाणा सहित देश के 16 राज्यों में सामुदायिक पुस्तकालय और संसाधन केंद्र मॉडल के 60 रीड केंद्र स्थापित किए गए है। जहां पर रोजगार और व्यावसायिक कौशल आधारित प्रशिक्षण देकर युवक-युवतियों को दक्ष बनाया जा रहा है। ताकि वे सरकारी व गैर सरकारी संस्थान में रोजगार पा सकें। वहीं रीड इंडिया महिलाओं, किशोरियों और बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण और स्थान प्रदान करता है, जहाँ वे आत्म-विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर हो सकें।
उन्होने कहा कि वर्तमान में इन सभी सेंटर से वंचित वर्ग के विद्यार्थी शत प्रतिशत नंबर तो कहीं पर अच्छी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी पाकर वे अपने उज्जवल भविष्य की और अग्रसर हो रहे है।
डा.गीता मल्होत्रा ने कहा कि, रीड सेंटर्स पर 1000 से अधिक पुस्तकों से सुसज्जित यह लाइब्रेरी न केवल छात्रों को सीखने का अवसर देगी बल्कि उन्हें तकनीकी ज्ञान से भी अवगत कराएगी।जिससे वे उच्च शिक्षा के लिए तैयार हो सके, साथ ही उन्हें वास्तविक दुनिया में मेंटरशिप और रोजगार के अवसरों के लिए मार्गदर्शन भी मिलेगा।
सेंटर्स पर मिलेंगे ये रोजगार आधारित प्रशिक्षण
उन्होने कहा कि हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के दूर दराज ग्रामीण इलाकों में स्किल बेस्ड कोर्स ग्रामीण समुदाय के लोगों को प्रदान किए जा रहे है। रीड के सेंटर्स पर आने वाले युवाओं व महिलाओं को एंब्रॉयडरी,भोजन बनाने कला, हैंडीक्राफ्ट्स, हर्बल प्रोडक्ट,सिलाई बुनाई, एंटरप्रेन्योर, डाटा एंट्री,अंग्रेजी बोलने की कला, लिखने की कला,सोशल मीडिया मार्केटिंग,साइबर सुरक्षा और जागरूकता,ब्यूटी और वेलनेस, हेल्थ अवेयरनेस, कंप्यूटर, शिक्षण, फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर, समुदाय आधारित शिक्षा पर कई तरह के कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे है। ये प्रशिक्षण उनके जीवन में नया बदलाव लाते है।

अमेजन,फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों में रोजगार दिलाना प्राथमिकता
ग्रोथ कैटालिस्ट ग्रुप (GCG), एडवाटिक्स के संस्थापक और सीईओ मनीष कपूर ने कहा कि वर्षों से इच्छा थी कि समुदाय के हर वर्ग के लिए काम करें जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के विकास में अपना योगदान दे सके। शिक्षा के माध्यम से उन्हें बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद करना बेहद महत्वपूर्ण है। मैं अमेरिका की विश्वविद्यालयों से जुड़ा हुआ हूं, और मैं भारत में अपनी मातृभूमि से भी जुड़ा हुआ हूं। रीड इंडिया की मदद से भारत में बच्चों के साथ काम करने का अवसर मिला है, इसके सकारात्मक परिणाम आंएगे।
उन्होने कहा कि देश के युवाओं को सही समय पर सही दिशा मिले तो वे पूरी दुनियां में किसी भी क्षेत्र में जाएंगे तो सफलता हासिल कर लेंगे। भविष्य में युवाओं को प्रशिक्षण देकर अमेजन,फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों में रोजगार मुहैया कराने की दिशा में काम करेंगे।
टेक्नोलॉजी के साथ शिक्षा का दौर कामयाबी की सीढ़ी
एडवाटिक्स के सीआईओ आशीष चड्ढा ने कहा कि, वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी के साथ शिक्षा का दौर है, इसी से युवाओं का भविष्य उज्जवल बनाया जा सकता है। यही कामयाबी की पहली सीढ़ी है।
चड्ढा ने कहा कि आज भी बहुत सारे इलाके टेक्नोलॉजी की पहुंच से दूर है। इसीलिए रीड इंडिया के ये सेंटर की उपयोगिता ओर अधिक बढ़ जाती है। बदलते दौर में तकनीक के सहारे ही आगे बढ़ सकता है, इसलिए सभी को इससे जुड़कर सीखना चाहिए।
हौसंलों से उड़ान भरने वाले सितारे
इस दौरान रीड इंडिया के सेंटर से प्रशिक्षण लेकर सिलाई की ट्रेनर राधा ने अपने सफर के बारे में बताया कि वह राजस्थान से ब्यूटी पार्लर और सिलाई का प्रशिक्षण लिया। आज इसी से वह अपनी आजीविका चला रही है। जिस सेंटर से प्रशिक्षण लिया वही पर आज प्रशिक्षक के रुप में काम कर रही हूं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी को निभा रही हूं।

राधा बताती है कि अब आगे ग्रामीण व शहरी इलाके की युवतियों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार शुरु कराना पहली प्राथमिकता है।
इसी तरह से मोनिका ने नर्सिंग का कोर्स करने के बाद लाइब्रेरी संभालने का काम कर रही है। वे बताती है कि ये सेंटर उसके जीवन का हिस्सा बन चुके है। अब आगे इस क्षेत्र के बच्चों को प्रशिक्षण दिलाकर आगे ले जाना उद्वेश्य है।
रेखा ने हुनर सीख कर बदली किस्मत की कहानी
रीड इंडिया के सेंटर पर आकर सिलाई सीखने वाली सामान्य परिवार की रेखा ने अपने हुनर से जिंदगी की राह ही बदल डाली। रेखा ने पारिवारिक बंधनों के बीच सेंटर पर आकर सिलाई सीखी और कड़ी मेहनत की। जिसकी बदौलत उसने अपने आपको साबित किया और आज इसी सेंटर पर अन्य बालिकाओं को सिलाई सीखा रही है।
रेखा बताती है कि पहले तो सबकुछ असंभव सा लग रहा था, लेकिन रीड इंडिया के सेंटर पर आकर जो हौसला मिला उसका परिणाम है कि आज सभी बालिकाओं को सिलाई के साथ अन्य हुनर भी सीखा रही हूं।
सामुदायिक पुस्तकालय के शुभारंभ अवसर पर शॉर्ट फिल्म के माध्यम से रीड इंडिया के कार्यों को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में मंच का संचालन रीड इंडिया की डायरेक्टर स्मिता राय ने किया।