आईएएनएस संग इस पर बात करते हुए शरमन ने कहा, मुझे लगता है कि ड्रामा मुझमें स्वाभाविक रूप से है। मैं इसे अधिक सहजता के साथ कर लेता हूं। कॉलेज के नाटकों से जब मैंने एक्टिंग की शुरुआत की थी, तो मैं इसमें काफी सहज था। मुझे इसे अधिक समझना या सीखना नहीं पड़ा। कॉमेडी की जगह यह मुझे अधिक सही ढंग से करने आया।
उन्होंने आगे बताया, मैं कॉमेडी में भी अच्छा था, लेकिन मुझे इसकी बारीकियां सीखनी पड़ीं। थिएटर के अपने अनुभव के साथ मुझे इन बारीकियों पर काम करने का भरपूर मौका भी मिला। जब मैं कॉमेडी में बारीकि की बात करता हूं, तो मैं इसकी टाइमिंग पर बात कर रहा होता हूं। आमतौर पर, अगर आप एक सेकेंड से चूक जाते हैं, तो कॉमेडी एक जैसी नहीं रहती है। मैं इस बात को सीख सका, इसके लिए थिएटर का शुक्रिया।
–आईएएनएस
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