इस मामले पर सोनू ने पहले बॉम्बे हाईकोर्ट का रूख किया था, लेकिन यहां से उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। अब चूंकि याचिका खारिज हो चुकी है, ऐसे में बीएमसी इस पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है और इन्हीं परिस्थितियों में सोनू ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सोनू के वकील विनीत ढांडा ने कहा है कि उनके मुवक्किल ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। उन्होंने कहा, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का मुख्य आधार यही है कि बीएमसी द्वारा यह माना जा रहा है कि सोनू उस संपत्ति के मालिक नहीं है। यद्यपि उन्हें नोटिस एक मालिक के तौर पर ही जारी किया गया है।
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ढांडा ने कहा कि यह उनकी छवि को बिगाड़ने का एक प्रयास है और बिल्डिंग के अंदर बदलाव स्वरूप कोई काम करने के लिए किसी भी इजाजत की जरूरत नहीं पड़ती है।
–आईएएनएस
एएसएन-एसकेपी
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