सीरीज में जाने-माने अभिनेता सुनील ग्रोवर को गुरपाल चौहान के किरदार में देखा जाएगा। गुरपाल को समर प्रताप सिंह (सैफ अली खान द्वारा निभाया गया किरदार) के काफी करीब दिखाया गया है। वह बेहद धूर्त किस्म का एक निर्मम इंसान है, जो अपनी असली भावनाओं को प्रकट से बचता है। गुरपाल जितना दिखता है, वह उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है।
इस किरदार की सबसे बड़ी खासियत स्वयं सुनील ग्रोवर हैं, क्योंकि उन्होंने अकसर अपने किरदारों से दर्शकों को गुदगुदाया है। ऐसे में इस कदर एक गंभीर भूमिका को निभाना उनके लिए कितना चुनौतीपूर्ण रहा? इस सवाल के जवाब में अभिनेता ने फोन पर आईएएनएस को बताया, मुझे इस किरदार को निभाने में काफी मजा आया। जब पहली बार किरदार को लेकर मुझे अली अब्बास जफर साहब का ऑफर आया, तो पहले मुझे यही लगा था कि क्या वह सीरियस हैं कि मैं यह किरदार करूं। मुझे कहानी पढ़के बड़ा मजा आया, लेकिन मैंने उनसे पूछा कि क्या आप निश्चित हैं कि मैं ही इस किरदार को निभाऊं, क्योंकि मेरी इमेज इससे बिल्कुल हटकर है। उन्होंने मुझ पर अपना यकीन दिखाया और इस तरह से किरदार पर बात बनी।
चूंकि राजनीति के विषय पर इससे पहले भी कई परियोजनाएं बन चुकी हैं, ऐसे में तांडव किन मायनों में इनसे अलग है? इस पर बात करते हुए अभिनेता ने आगे कहा, बेशक राजनीति पर कई फिल्में बनी हैं, लेकिन इस तरह के एक लंबे फॉर्मेट में शायद भारत में पहली बार ही कुछ बना है। इसकी स्टोरी लोगों को आकर्षित करेगी, इसमें काफी ज्यादा ड्रामा है, कई अच्छी प्रस्तुतियां हैं, काफी अच्छे से इसे लिखा गया है। तांडव की कहानी की कई सारी परतें हैं। कई उतार-चढ़ाव हैं। इसे देखते वक्त दर्शकों के मन में बस यही एक बात रहेगी कि आगे क्या होने वाला है। कुल मिलाकर राजनीति परिदृश्य पर इसमें काफी बारीकी से बात की गई है। तांडव नैतिक-अनैतिक चीजों का ताना बाना है।
इस सीरीज के साथ सुनील पहली बार बॉलीवुड अभिनेता सैफ अली खान के साथ काम करने जा रहे हैं, सैफ के साथ उनके काम करने का अनुभव कैसा रहा? इस पर उन्होंने कहा, इतने सीनियर आर्टिस्ट और एक संपन्न कलाकार होने के बावजूद वह बेहद विनम्र और सलीके वाले इंसान हैं। काम के प्रति उनका जो रवैया है, वह मुझे उनमें सबसे अच्छी बात लगी। वह सेट पर हमेशा अपनी तैयारियों के साथ आते हैं। इस स्तर पर उनके लिए यह सब करना जरूरी नहीं है, लेकिन वह करते हैं और उनकी यही बात सबसे ज्यादा प्रेरणादायक है।
सुनील पहली बार ओटीटी प्लेटफॉर्म पर काम करने जा रहे हैं, इससे पहले वह कई और माध्यमों में काम कर चुके हैं। ऐसे में ओटीटी उनके लिए कितना अलग रहा और उन्हें किस प्रारूप में काम करने में ज्यादा मजा आया है? इसके जवाब में वह कहते हैं, टेलीविजन, फिल्म, ओटीटी, रेडियो सबका एक अलग मजा है। अमेजन प्राइम वीडियो के साथ मैं पहली बार ओटीटी के क्षेत्र में कदम रखने जा रहा हूं। ओटीटी में आपके पास भरपूर वक्त होता है, आप कहानी को अच्छे व गहराई से बता सकते हैं, जबकि फिल्मों में ऐसा नहीं है। इसकी कई सारी वजहें भी हैं।
उन्होंने कहा, वक्त में कमी होने के साथ फिल्मों का अपना एक अलग फार्मूला होता है। इसमें गानों को शामिल करना जरूरी हो जाता है, क्योंकि लोग सुनना पसंद करते हैं। कहानी भी ऐसे बनाई जानी चाहिए, ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ पाए, लेकिन ओटीटी में एक लंबी कहानी को ठहराव के साथ कहा जा सकता है, तो कुल मिलाकर ओटीटी में निर्माता स्वच्छंद भाव से अपनी कहानी को पेश कर सकते हैं, जबकि अन्य माध्यमों में ऐसा करना संभव नहीं हो पाता है।
ज्ञात हो कि नौ एपिसोड का यह राजनीतिक ड्रामा गौरव सोलंकी द्वारा लिखित है, जिसमें सैफ और सुनील के अलावा डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशु धूलिया, डीनो मोरिया, कुमुद मिश्रा, गौहर खान, अमायरा दस्तूर, मोहम्मद जीशान अयूब, कृतिका कामरा, सारा जेन डायस, संध्या मृदुल, अनूप सोनी, हितेन तेजवानी, परेश पाहुजा और सोनाली नागरानी सहित अन्य कई अन्य कलाकार शामिल हैं।
भारत सहित 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में प्राइम सदस्य 15 जनवरी, 2021 से तांडव के सभी एपिसोड्स का लुफ्त उठा पाएंगे।
–आईएएनएस
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