World Autism Awareness Day 2025 : हर साल 2 अप्रैल को पूरी दुनिया विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस को मनाती है, ताकि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम से जुड़े व्यक्तियों के प्रति समझ, स्वीकृति और समर्थन को बढ़ावा दिया जा सके। यह वैश्विक पहल ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD)के बारे में जागरूकता बढ़ाने और जीवन के हर क्षेत्र में ऑटिस्टिक व्यक्तियों के लिए समावेशी नीतियों को प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है।
आओ जाने क्या है ऑटिज्म
ऑटिज्म एक न्यूरो डवलपमेंटल स्थिति है जो व्यक्ति के संवाद, व्यवहार और सामाजिक संपर्क को प्रभावित करती है। यह एक स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर है, जिसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। कुछ व्यक्तियों को अधिक सहायता की आवश्यकता हो सकती है, जबकि कुछ स्वतंत्र रूप से जीवन जी सकते हैं और अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
व्यापकता (Prevalence) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में प्रति 100 बच्चों में 1 बच्चा ऑटिज्म से प्रभावित है। वहीं, न्यूरो डवलपमेंटल डिसऑर्डर्स (NDDs) जैसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD), अटेंशन डेफिसिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी, स्पीच और लैंग्वेज डिसऑर्डर और सेरेब्रल पाल्सी की अनुमानित व्यापकता दर लगभग12%है। इतनी अधिक संख्या में मौजूद होने के बावजूद, इस विषय पर जागरूकता की कमी के कारण देर से निदान, सामाजिक भ्रांतियाँ और सहायता सेवाओं की सीमित उपलब्धता जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
NAMASTE –संगत और महिला एवं बाल विकास निदेशालय दिल्ली की संयुक्त पहल NAMASTE (Neuro-development and AutisM in South Asia, Treatment and Evidence)एक सामुदायिक-आधारित कार्यक्रम है जो न्यूरोडाइवर्स बच्चों की प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप (early detection and intervention)पर केंद्रित है। यह कार्यक्रम केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए‘आंगनवाड़ी प्रोटोकॉल फॉर दिव्यांग चिल्ड्रन’से प्रेरित है।
NAMASTE कार्यक्रम के तहत, दिल्ली के पूर्वी जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों में विकासात्मक देरी (developmental delays) या डिसेबिलिटी की पहचान और निगरानी करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक पूर्वी जिले में230 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
NAMASTE कार्यक्रम के तहत दो प्रकार के इंटरवेंशन
PASS Plus (Parent-mediated Autism Social Communication Intervention for Non-Specialists Plus)यह इंटरवेंशन ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों में सामाजिक संवाद कौशल (social communication skills)को बेहतर बनाने के साथ-साथ व्यवहार संबंधी चुनौतियों, नींद की समस्याओं और शौच संबंधी कठिनाइयों का समाधान करने पर केंद्रित है।
WHO-CST (WHO-Caregivers Skill Training) यह इंटरवेंशन ऑटिज्म के अलावा अन्य न्यूरो डवलपमेंटल डिसऑर्डर्स से प्रभावित बच्चों के परिवारों को सहायता प्रदान करता है।
NAMASTE का उद्देश्य समुदाय में न्यूरो डवलपमेंटल विकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, जिससे उनकी प्रारंभिक पहचान को बढ़ावा मिले, सामाजिक भ्रांतियाँ कम हो, और सामाजिक एवं भावनात्मक समर्थन को मजबूत किया जा सके।
NAMASTE जैसी पहलें समावेशी समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। समय पर पहचान, जागरूकता और सहयोग से ऑटिस्टिक बच्चों और अन्य न्यूरो डवलपमेंटल डिसऑर्डर्स से प्रभावित बच्चों को बेहतर जीवन प्रदान किया जा सकता है।