Margashirsha Amavasya 2022 : मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान-दान-व्रत करने का विशेष महत्त्व, जाने शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Margashirsha Amavasya 2022 : Importance Of Amavasya, Know More Horoscope and Puja Vidhi

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— ज्योतिर्विद् विमल जैन

Margashirsha Amavasya 2022 : भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह के तिथि-पर्व कीविशेष महिमा है। प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि (Margashirsha Amavasya) अमावस्या तिथि के दिन कुल देवी-देवता एवं शिवपूजा भी कल्याणकारी होती है।

Margashirsha Amavasya 2022 Date

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि बुधवार, 23 नवम्बर को प्रात: 6 बजकर 54 मिनट पर लगेगी जो कि उसी दिन बुधवार, 23 नवम्बर को अर्धरात्रि पश्चात् 4 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार आज अमावस्या तिथि सम्पूर्ण दिन रहेगी।

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इस तिथि पर स्नान-दान-व्रत करने का विशेष महत्त्व है। जातक की जन्मकुण्डली में पितृदोष या कालसर्पदोष हो तो उसके निमित्त भी आज के दिन विशेष अनुष्ठान करवाकर लाभान्वित होना चाहिए।

How to Puja on Margashirsha Amavasya : अमावस्या तिथि पर कैसे करें पूजा

अपनी पारिवारिक परम्परा के अनुसार धाॢमक विधि-विधान से अमावस्या तिथि के पर्व-अनुष्ठान सम्पादित होंगे। पीपल वृक्ष की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि, खुशहाली मिलती है। इस दिन पीपल के वृक्ष व भगवान् विष्णु जी की पूजा-अर्चना के साथ पीपल वृक्ष की परिक्रमा करने पर आरोग्य व सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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Margashirsha Amavasya 2022 : पीपल वृक्ष की विशेष महिमा

पीपल वृक्ष में समस्त देवताओं का वास माना गया है। अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष को जल से सिंचन करके विधि-विधान पूर्वक पूजा के पश्चात् 108 बार परिक्रमा करने पर सौभाग्य में वृद्धि होती है।

इस दिन व्रत उपवास रखकर इष्ट-देवी देवता एवं आराध्य देवी देवता की पूजा अर्चना अवश्य करनी चाहिए। ब्राह्मण को घर पर निमन्त्रित करके उन्हें भोजन करवाना चाहिए।

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तत्पश्चात सफेद रंग की वस्तुओं का दान जैसे—चावल, दूध, मिश्री, चीनी, खोवे से बने सफेद मिष्ठान्न, सफेद वस्त्र, चाँदी एवं अन्य सफेद रंग की वस्तुएं दक्षिणा के साथ देकर, उनका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए। किसी कारणवश यदि ब्राह्मण को भोजन न करवा सकें तो इस स्थिति में उन्हें भोजन सामग्री (सिद्धा) के साथ नकद द्रव्य देकर पुण्यलाभ प्राप्त करना चाहिए।
पीपल के वृक्ष की पूजा का आज विशेष महत्व है।

Margashirsha Amavasya : पीपल वृक्ष पूजा के मन्त्र

ॐ मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्ये विष्णुरूपिणे अग्रतो शिवरूपाय पीपलाय नमो नम:। आज के दिन व्रतकर्ता को अपनी दिनचर्या नियमित व संयमित रखते हुए यथासम्भव गरीबों, असहायों और जरूरतमन्दों की सेवा व सहायता तथा परोपकार के कृत्य अवश्य करने चाहिए। जिससे जीवन में सुख-सौभाग्य में अभिवृद्धि का योग बना रहे।

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अमावस्या तिथि पर स्नान-दान-पुण्य करना सदैव लाभकारी तो रहता ही है, यदि हम अपनी राशि के अनुसार वस्तुओं का दान करें तो भाग्य में और अधिक चार-चाँद लगता है।

Margashirsha Amavasya effect on Horoscope : मार्गशीर्ष अमावस्या पर राशि के अनुसार दान करना लाभकारी

मेष—लाल वस्त्र, लाल चंदन, गेहूं, गुड़, तांबा, मूंगा, मसूर, घी, कस्तूरी, लाल फूल आदि।
वृषभ—सफेद फूल, सफेद चंदन, चावल, चांदी, घी, सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, सुगंध, दही आदि।
मिथुन—मूंग, कस्तूरी, कांसा, हरा वस्त्र, मूंगा, खांड, घी, सबफूल, हाथीदांत, कपूर, फल आदि।
कर्क—सफेद फूल, सफेद वस्त्र, चावल, चीनी, चांदी, मोती, दही, शंख, कपूर, सफेद चंदन, मिश्री आदि।
सिंह—लाल फूल, लाल वस्त्र, माणिक्य, केशर, तांबा, घी, गेहूँ, गुड़, लाल चंदन, सोना, लाल मूंगा आदि।
कन्या—हरा फूल, कस्तूरी, कांसा, मूंग, हरा वस्त्र, पन्ना, घी, हाथी दांत, कपूर, हराफल, मूंगा, खांड आदि।
तुला—सुगंध, सफेद चंदन, सफेद फूल, चावल, चांदी, घी, सफेद वस्त्र, मिश्री, दूध, दही।
वृश्चिक—गेहूँ, गुड़, तांबा, मूंगा, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, मसूर, घी, कस्तूरी आदि।
धनु—पीला वस्त्र, चने की दाल, हल्दी, पीला फल, पीला फूल, कांसा, पुखराज, खांड, पुस्तक, देशी घी आदि।
मकर—उड़द, काला तिल, तेल, काले वस्त्र, लोहा, कस्तूरी, कुलथी, काली खड़ाऊं, नीलम आदि।
कुंभ—काले वस्त्र, काला तिल, काला उड़द, तिल का तेल, लोहा, काला छाता, कस्तूरी, नीलम आदि।
मीन—चने की दाल, पीला वस्त्र, हल्दी, पीला फूल, पीला फल, सोना, खांड, पुस्तक, पुखराज, देशी घी आदि।

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(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी) 

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